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भियान का उद्देश्य: यह अभियान “लैब टू लैंड” के मंत्र को साकार करने के लिए शुरू किया गया है, जिसका लक्ष्य आधुनिक कृषि तकनीकों, ड्रोन प्रौद्योगिकी, प्राकृतिक खेती, और उन्नत बीजों की जानकारी किसानों तक पहुंचाना है। यह उत्पादकता बढ़ाने, लागत कम करने और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
कवरेज: उत्तर प्रदेश के सभी 8,135 न्याय पंचायतों में यह कार्यक्रम आयोजित होगा। 225 विशेषज्ञ टीमें 675 स्थानों पर जाएंगी, जहां प्रत्येक स्थान पर तीन सत्रों में किसानों से बातचीत होगी।
केंद्रीय मंत्री की भागीदारी: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान दो दिन मेरठ और झांसी में कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां वे किसानों, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ संवाद करेंगे।
तैयारी और समन्वय: राज्य कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि सभी संबंधित मंत्रियों और प्रमुख सचिव के साथ बैठकों के बाद तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राज्य और जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं, जहां अतिरिक्त निदेशक (विस्तार) राज्य स्तर पर और उप निदेशक जिला स्तर पर नोडल अधिकारी होंगे।
राष्ट्रीय स्तर पर अभियान: यह अभियान देश के 723 जिलों में 65,000 से अधिक गांवों को कवर करेगा, जिसमें 1.5 करोड़ किसानों तक पहुंचने का लक्ष्य है। 2,170 विशेषज्ञ टीमें, जिनमें कृषि, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन के विशेषज्ञ शामिल होंगे, गांव-गांव जाकर किसानों को मार्गदर्शन देंगी।
प्रभाव और महत्व: यह अभियान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और कृषि मंत्रालय के सहयोग से संचालित हो रहा है, जो 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) और 113 ICAR संस्थानों की ताकत का उपयोग करेगा। यह किसानों को मिट्टी की सेहत, जल प्रबंधन, और उच्च-उपज वाली बीज किस्मों के बारे में शिक्षित करेगा, साथ ही उनकी समस्याओं का समाधान और नवाचारों को प्रोत्साहन देगा।
उत्तर प्रदेश में आज, 29 मई 2025 से “विकसित कृषि संकल्प अभियान” की शुरुआत हो रही है, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ के लोक भवन सभागार में सुबह 11:30 बजे करेंगे। यह 15 दिवसीय अभियान (29 मई से 12 जून 2025) पूरे राज्य के 75 जिलों में चलेगा, जिसमें 12,000 कृषि वैज्ञानिक किसानों के खेतों पर जाकर सीधे संवाद करेंगे .
मुख्य बिंदु:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश इस अभियान को एक मॉडल के रूप में लागू करने के लिए तैयार है, जो न केवल खेती को आधुनिक बनाएगा, बल्कि किसानों की आय और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ाएगा