पवन वर्मा-
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी भले ही कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की गुड बुक में रहते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में वे पिछले तीन महीने में अपने आप को साबित करने में कामयाब नहीं हो सके हैं। भाजपा लगातार कांग्रेस पर हावी होती जा रही है, हर दिन मध्य प्रदेश में कोई न कोई कांग्रेस नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में जा रहा है। वहीं कांग्रेस का संगठन भी जमीन पर दिखाई नहीं दे रहा है। इससे यह सवाल उठने लगा है कि क्या मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जीतू पटवारी को अध्यक्ष के रुप में स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। यह सवाल उठना भी लाजिमी है,क्योंकि जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बने अब तीन महीने का समय हो गया है और लोकसभा के चुनाव भी सिर पर हैं।
अंदाज ही ऐसा कि करने लगे नेता कार्यकर्ता तौबा
युवा कांग्रेस से राजनीति शुरू करने वाले और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले जीतू पटवारी का स्वभाव कुछ अलग तरह का है, उनका अंदाज भी अलग है। यह अंदाज कुछ लोगों को पसंद आता है तो कुछ लोगों को यह फूटी आंख नहीं सुहाता है। बस यहीं से जीतू पटवारी की कार्यकर्ताओं पर पकड़ का आंकलन होता है। अधिकांश कार्यकर्ता उनके अंदाज से पहली बार इतने करीब से परिचित हो रहे हैं तो वह तत्काल पसंद और नापसंद तय कर लेते है। इसके चलते कार्यकर्ता उनसे जुड़ नहीं पा रहे है। जिलों के युवा नेता तो इस तरह के अंदाज को सहजता से ले लेते हैं, लेकिन  प्रदेश के वरिष्ठ नेता और उनके साथ के कार्यकर्ता इस तरह के अंदाज को सहजता से स्वीकार करने से परहेज करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इसलिए ही स्वयं के जिले में कांग्रेस को लग रहे झटके
जीतू पटवारी मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से आते हैं। इंदौर की राऊ विधानसभा से वे दो बार विधायक रहे और दो बार चुनाव भी हारे। यानि पिछले 15 साल से वे चुनाव लड़ रहे हैं, और दो बार हार का सामना कर चुके हैं। कमलनाथ की सरकार में वे मंत्री भी बने। इंदौर शहर कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। प्रकाश चंद सेठी,सुरेश सेठ,महेश जोशी,चंद्र प्रभाष शेखर जैसे दबंगों और महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रही शोभा ओझा के गढ रहे इंदौर में कांग्रेस का अब एक भी विधायक नहीं हैं।  पिछले 25 सालों से यहां से लोकसभा का चुनाव भी कांग्रेस हारती आ रही है। यानि मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर और व्यापारिक राजधानी कही जाने वाले इंदौर शहर में कांग्रेस की स्थिति निरंतर कमजोर होती जा रही है। अब जीतू पटवारी प्रदेश अध्यक्ष बने तो लगा कि इस शहर के साथ ही मालवा अंचल में कांग्रेस मजबूत होगी, लेकिन सबसे पहले कांग्रेस इंदौर में ही टूटना शुरू हुई। इंदौर में मात्र  एक पखवाड़े में चार बड़े नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ले ली है। पूर्व विधायक संजय शुक्ला और पिछले लोकसभा चुनाव  में कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ चुके पंकज संघवी ने कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। ये दोनों ही नेता कमलनाथ के समर्थक माने जाते हैं। वहीं प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले इंदौर के देपालपुर से विधायक रह चुके विशाल पटेल भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इसी तरह विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार ने भी कांग्रेस छोड़ दी। कांग्रेस के साथ साथ ये जीतू पटवारी को भी गहरा झटका है।
कार्यकारिणी भी नहीं बन सकी
तीन महीने का वक्त हो गया है जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बने, लेकिन अब तक वे मध्य प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी भी नहीं बना सके हैं। कमलनाथ को अध्यक्ष पद से हटाने के कुछ दिनों बाद ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी जितेंद्र भंवर सिंह ने प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग कर दी थी। इसके बाद से कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता यही राह तक रहे हैं कि कब प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी बनेगी। असमंजस की इस स्थिति में नेताओं का कांग्रेस से तेजी से मोह भंग  होता जा रहा है।
कद्दावर नेता सुरेश पचौरी और जबलपुर महापौर ने भी छोड़ी कांग्रेस
जीतू पटवारी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने का दौर एकदम तेजी से बढ़ा है। इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं गांधी परिवार के करीबी रहे सुरेश पचौरी जैसे कद्दावर नेता ने भी कांग्रेस को अलविदा कहा। हालांकि पचौरी के जाने के पीछे जीतू पटवारी कारण नहीं हैं, वे प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के कद के नेता हैं। उनके भाजपा में जाने के दूसरे कारण हैं । वहीं जबलपुर शहर के महापौर जगत सिंह अन्नू भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं। पूर्व विधायक मेहताब सिंह यादव, विदिशा जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश कटारे सहित कई नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। इन लोगों के पार्टी छोड़ने के पीछे कारण भले ही कुछ भी हो, लेकिन जीतू पटवारी के नेतृत्व में इनका जाना पटवारी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है।(विनायक फीचर्स)
Previous articleबिग बॉस फेम एल्विश यादव पुलिस की हिरासत में
Next articleमनोरंजन ही नहीं, प्रेरित भी करती है फ़िल्म ‘जहाँकिला’- कपिल देव

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here