सरगुजा: जल्द ही सरगुजा में गायों और मवेशियों के लिए मुक्तिधाम बनाया जाएगा. कलेक्टर के आदेश पर मुक्तिधाम बनाए जाने की तैयारी शुरु कर दी गई है. गायों और मवेशियों की मौत पर अबतक उसे या तो खुले में लापरवाही से छोड़ दिया जाता है या फिर दफना दिया जाता है. दफन करने के बाद कई बार कुत्ते और कबरबिज्जू डेड बॉडी को जमीन से खींचकर निकाल देते हैं. ऐसे में गंदगी और बीमारियों के बढ़ने का खतरा भी बना रहता है. मृत गायों का भी सम्मान नहीं होता.

गायों के लिए बनेगा मुक्तिधाम: सड़क हादसों या फिर बीमारी से मौत होने पर अक्सर लावारिस गायों या फिर मवेशियों को डिस्पोज करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती रहती है. कई बार मृत गायों या फिर जानवरों को निगम के लापरवाही कर्मचारी खुले में ही छोड़ देते हैं. ऐसी घटनाओं से खतरनाक बीमारियों के फैलने का भी खतरा बना रहता है. हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है. जिन गायों की मौत होती है उनको भी मौत के बाद सम्मान मिले ऐसी व्यवस्था की जा रही है.

कलेक्टर ने दिए निर्देश: सरगुजा कलेक्टर ने इस संबंध में मिले सभी आवेदनों की समीक्षा करने के बाद अंबिकापुर नगरीय प्रशासन को जरुरी दिशा निर्देश जारी किए हैं. कलेक्टर ने कहा है कि श्मशान घाट की जिस भूमि पर अतिक्रमण किया गया है उसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाए. अतिक्रमण हटाए जाने के बाद उस जगह का सौंदर्यीकरण किया जाए.

अंबिकापुर प्रशासन को मिली जिम्मेदारी: कलेक्टर से मिले दिशा निर्देश के बाद नगर निगम आयुक्त और एसडीएम ने मुक्तिधाम बनाए जाने को लेकर काम शुरु कर दिया है. निगम और प्रशासन की ओर से शहर में खाली पड़े तीन जगहों को देखा गया है. जमीन की उपलब्धता को देखने के बाद जल्द से जल्द मुक्तिधाम बनाने का काम शुरु कर दिया जाएगा.

फैसले से गौ सेवा मंडल काफी खुश: प्रशासन के इस फैसले से गौ सेवा मंडल के लोग काफी खुश हैं. गौ सेवा मंडल से जुड़े राधे कहते है की हम लोग गायों की निशुल्क सेवा करते हैं. घायल या निराश्रित गायों को गौ आश्रय धाम में रखते हैं. किसी भी मवेशी की मृत्यु होने पर हम लोग उसे कहीं सुरक्षित खाली जमीन पर ले जाकर जेसीबी के माध्यम से गड्ढा कराकर उसको दफनाते हैं. गौ मुक्तिधाम बनाने का फैसला बढ़िया है इससे एक स्थान तय हो सकेगा जहां गायों का अंतिम संस्कार सम्मान के साथ हो सकेगा.

बहुत अच्छा प्रयास है. जब भी गाय माता का देहांत हो जाता है तो हम लोगों को बहुत दुख होता है. सम्मान के साथ उनको दफनाने की व्यवस्था मुश्किल होती है. कुत्ते या दूसरे जानवर बॉडी को खराब कर देते हैं. मुक्तिधाम बनने से मवेशियों और गायों को भी सम्मान के साथ दफनाया जा सकेगा. :राहुल गुप्ता, गौ सेवा मंडल

कलेक्टर सर का निर्देश और सुझाव मिला है. जिस तरह से इंसानों के लिए मुक्तिधाम की सुविधा है उसी तरह गायों और मवेशियों के लिए मुक्तिधाम का निर्माण होगा. जमीन की पहचान की जा रही है. मुक्तिधाम को बाउंड्रीवाल किया जाएगा. पानी की भी सुविधा वहां रहेगी. जगह को सुंदर बनाया जाएगा. मुक्तिधाम में सम्मान के साथ विधि विधान से गौ माता का अंतिम संस्कार किया जा सकेगा. :डी.एन. कश्यप, कमिश्नर, नगर निगम

लोगों ने की तारीफ: अबतक इंसानों के लिए मुक्तिधाम और कब्रिस्तान की बात तो आपने सुनी है पर ये पहली बार आपने सुना होगा कि गौ माता के लिए भी मुक्तिधाम होगा. सिर्फ मुक्तिधाम ही नहीं होगा बल्कि जिस तरह से अंतिम संस्कार इंसानों का होता उसी तरह से गौ माता को भी सम्मान के साथ उस मुक्तिधाम में दफनाया जाएगा. मुक्तिधाम बनाए जाने के फैसले की सभी लोग तारीफ कर रहे हैं.

 

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