हिन्दी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं देते हुए प्रेषित अपने संदेश में कहा है कि किसी भी देश की भाषा ही उसकी संस्कृति एवं परम्पराओं से जोड़ने में सहायक होती है।
हिन्दी मात्र भाषा ही नही है अपितु हमारी सभ्यता व संस्कृति का प्रतीक भी है। हिन्दी देश की एकता एवं अखंडता का भी आधार है। हिंदी एक उदार, ग्रहणशील और सहिष्णु भाषा तो है ही, यह भारत की राष्ट्रीय चेतना की संवाहिका भी है। साथ ही हमारी परंपराओं और हमारी विरासत का बोध कराने वाला एक सतत अनुष्ठान भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी वैचारिक निष्ठा हिन्दी के प्रति रही है। आज आधिकारिक मंचों से लेकर शिक्षा तक में हिंदी को अभूतपूर्व स्थान दिया जा रहा है। हिंदी के गौरव को बनाए रखना हम सभी का दायित्व है। हिंदी के विकास के लिए जब हम सभी मिलकर कार्य करेंगे, तभी हिन्दी को अपेक्षित सम्मान प्राप्त होगा।

मुख्यमंत्री ने वैश्विक स्तर पर हिन्दी भाषा के और अधिक प्रचार-प्रसार के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता बताते हुए कहा कि देश की विभिन्न भाषाओं के साथ सामंजस्य स्थापित करने की शक्ति भी हिन्दी भाषा में है।
निश्चित ही हिंदी भारत ही नहीं अपितु विश्व की सबसे अधिक लोकप्रिय भाषाओं में से एक है। हिंदी एक भाषा के रूप में भारतवासियों के बीच सेतु कार्य भी करती है। राजभाषा हिन्दी की प्रतिष्ठा, गौरव एवं सम्मान के लिये सहयोगी बनने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी दिवस के अवसर पर हमें अपने दैनिक जीवन में हिन्दी के अधिक से अधिक प्रयोग का भी संकल्प लेना होगा।

-संजय बलोदी प्रखर

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