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अलीजेह फिल्म फ़र्रे में अपने प्रोमिसिंग परफॉरमेंस के साथ एक होनहार न्यूकमर बनकर उभरी

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मुम्बई। अभिनेत्री अलिज़ेह अभिनीत फिल्म फ़र्रे को काफी सराहनाएं मिल रही हैं, उनके अभिनय को देख हर किसी का यही मानना है कि वे एक मंझी हुई कलाकार हैं, उनके अभिनय को देख यह नहीं कहा जा सकता है कि यह उनकी पहली फिल्म है, वे अपने दमदार प्रदर्शन के ज़रिये सभी के उम्मीदों पर खरी उतरी हैं।
अलिज़ेह की इस शुरुआत ने निश्चितरूप से दर्शकों और क्रिटिक्स को समान रूप से आश्चर्यचकित कर दिया है, वे उनकी परफॉरमेंस को बेहद पसंद भी कर रहे है। आमतौर पर एक्ट्रेस ग्लैमरस रोले चुनती हैं पर अलिज़ेह ने स्टीरियोटाइप किरदार को न चुन कर एक चुनौतीपूर्ण किरदार को चुना जिसे पसंद करना आसान नहीं था और वे इस कसौटी पर खरी उतरीं, लोगों का मानना है कि वे अपने हावभाव, आँखों से भी कमाल की एक्टिंग करती हैं।
फ़र्रे ने अपनी कहानी और दमदार परफॉरमेंस के दम पर इस परीक्षा को पार कर लिया है और इसका मुख्य आकर्षण रहीं अलिज़ेह जिन्होंने अपने आत्मविश्वास के साथ इस फिल्म के ज़रिये दर्शको के दिलों पर एक अमित छाप छोड़ी है। वे इस फिल्म का आकर्षण रही हैं। एक होनहार छात्र किस तरह धोखाधड़ी के रॉकेट में फंस जाती है इस किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है।
निर्देशक सौमेंद्र पाधी के विज़न को अलीज़ेह ने बखूबी बड़े परदे पैट उतरा है, धोखे की अंधेरी गलियों से गुज़रने वाली एक प्रतिभाशाली छात्रा के रूप में, वह कहानी में प्रामाणिकता और गहराई लाती है। जो बात उनके डेब्यू को और भी सराहनीय बनाती है, वह है उनके सुपरस्टार मामा सलमान खान से जुड़े ट्रेडिशनल सिनेमा से हटके फिल्म की। अलिज़ेह अपने परिवार की प्रत्येक पीढ़ी के लिए सिनेमाई परिदृश्य में कुछ अलग करने की ज़रूरत  स्वीकार करती है और “फ़र्रे” के साथ उसने बिल्कुल वैसा ही किया है।
ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श इस बात पर जोर देते हुए कहते  हैं, “#Farray सक्षम प्रदर्शन से संचालित है, लेकिन शो-स्टॉपर #Alizeh है, जो अति-आत्मविश्वास के साथ अपने जटिल चरित्र को निभाती है…”
फ़िल्म समीक्षक अनुपमा चोपड़ा कहती हैं, “ड्रामा पर ज़ोर दिया गया है और अलीज़ेह ने काम किया है।इस भूमिका के लिए अभिनय की आवश्यकता है, और अलीज़ेह फिल्म के सॉफ्ट स्पॉट के माध्यम से पॉवर  प्रदान करती है। recklessness and vulnerability का एक इनोसेंट मिश्रण है।”
फिल्म निर्माता करण जौहर फिल्म देखने के बाद लिखते हैं, “फिल्मों में आपका स्वागत है अलीजेह! आप सितारों की गैलेक्सी  में चमकेंगी बतौर एक अभिनेता के रूप में।
फ़िल्म समीक्षक सैबल चटर्जी कहते हैं, “फर्रे में अलीज़ेह का अब तक का सबसे चमकता हुआ स्थान है। उनकी भूमिका भावपूर्ण है, और वह इसके साथ पूरा न्याय करती हैं।”
एक ऐसी इंडस्ट्री जहां अक्सर ग्लैमर का बोलबाला रहता है जहाँ पर स्टार डेब्यू की तुलना उनकी क्षमता से नहीं बल्कि उनकी लेगेसी से की जाती है, परन्तु इन सब कथन को गलत साबित करते हुए अलिज़ेह अपनी एक्टिंग के दम  पर उभर कर सामने आती हैं और सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती हैं, इससे यह साबित होता है कि अलिज़ेह ने किसी भी प्रकार के प्रेशर को खुद पर हावी नहीं होने दिया है।
अलिज़ेह में, हम न केवल एक एक्टर  को देखते हैं, बल्कि युवा भारत की आवाज़ के रूप में देखा जा रहा है – एक कलाकार जिसने अलग होने का साहस किया है और एक ऐसी शुरुआत के साथ अपने आगमन की घोषणा की है जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

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