धाराशिव: हिंदू धर्म में गाय को कामधेनु माना जाता है. इसलिए गायों की पूजा की जाती है. हाल ही में देशी गायों के संरक्षण की आवश्यकता उत्पन्न हुई है. इसलिए धाराशिव जिले के मुस्लिम समुदाय के अकबर कुशलदीन शेख ने एक गौशाला शुरू की है. उनकी गौशाला वास्तव में कई लोगों के लिए प्रेरणा है.
कैसे शुरू करें गौशाला?
अंडूर धाराशिव जिले के तुलजापुर तालुका में अकबर कुशलदीन शेख का एक गांव है. खेती करते समय उन्हें एहसास हुआ कि गाय का साथ समाज के लिए कितना महत्वपूर्ण है. उन्हें गाय होने की मानसिक संतुष्टि का अनुभव हुआ और उसी से उन्होंने देशी गायों के संरक्षण के लिए एक गौशाला शुरू करने का फैसला किया. दरअसल, उन्हें गौहत्या और गौ-पालन में अंतर का अनुभव हुआ और उन्होंने एक बड़ी गौशाला की शुरूआत की.
अकबर ने शुरू किया गौशाला
आज अकबर के पास 27 गायें और 39 भैंसें हैं. जिसमें कुछ गायें और भैंसें कत्लखाने जा रही थीं. पुलिस ने गाय-भैंसों को मुक्त कराया. अकबर उन गाय-भैंसों की देखभाल करता है. तो कुछ गायें ऐसी हैं जिन्हें उन्होंने कसाईयों से बचाया था. मुस्लिम होने के बावजूद गौशाला खोलने के उनके फैसले को कुछ विरोध का भी सामना करना पड़ा. लेकिन उन्होंने इसका बड़ी दृढ़ता से सामना किया. अकबर द्वारा शुरू की गई इस गौशाला में कई जानवर हैं. उन्हें गौहत्या और गौपालन में अंतर समझ में आया. गौशाला शुरू करने के बाद वे भाखड़ा गाय, अंधी गाय और भैंसों की देखभाल करते हैं. दरअसल, अकबर द्वारा शुरू की गई यह गौशाला कई लोगों के लिए प्रेरणा है.