Home News पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने किया ‘भारतीय छात्र संसद’ का उद्घाटन

पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने किया ‘भारतीय छात्र संसद’ का उद्घाटन

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चर्चित होंगे मुद्दे – राजनीति में युवाओं, एआई-सोशल मीडिया के प्रभाव, जाति जनगणना, महिला सुरक्षा सहित कई विषय

मुंबई। भारतीय छात्र संसद (बीसीएस) कॉन्क्लेव के बहुप्रतीक्षित 13वें संस्करण का उद्घाटन पुणे के कोथरुड में एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी परिसर में भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने किया। सम्मलेन के पहले दिन प्रतिष्ठित व्यवसाय सलाहकार तथा लेखक प्रोफेसर डॉ. राम चरण के साथ-साथ उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष सतीश महाना और कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष, यू.टी. खादर फरीद ने हिस्सा लिया। एमआईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के संस्थापक अध्यक्ष, डॉ. विश्वनाथ कराड और एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के कार्यकारी अध्यक्ष, राहुल कराड ने इस तीन दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत करते हुए कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा, “राजनीति कोई पेशा नहीं है; यह किसी भी कमीशन की अपेक्षा किए बिना और बगैर किसी चूक या छूट के, जुनून के साथ राष्ट्र की सेवा करने का एक मिशन है। एक समय विश्वगुरु रहे भारत के पास फिर से अपना गौरव हासिल करने का मौका है। लेकिन कुछ चुनौतियां हैं, जिनका हमें मिलकर समाधान करना होगा। राष्ट्र निर्माण के लिए युवाओं का राजनीति में शामिल होना समय की मांग है। हमें देश को मजबूत करने के लिए एक साथ आना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में और अंत्योदय के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा और बेहतर सुविधाएं प्रदान करना।”
प्रसिद्ध बिज़नेस लीडर और लेखक, प्रोफेसर डॉ. राम चरण ने राष्ट्र निर्माण में नेतृत्व की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर देते हुए कार्यक्रम में छात्रों को प्रेरित किया। सिंगापुर का उदाहरण लेते हुए, जो कभी सिर्फ एक तटरेखा था, उन्होंने दूरदर्शी नेतृत्व के प्रभाव की बात की। युवा दर्शकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “आप इस देश का भविष्य हैं, नेता हैं जो इसके भाग्य को आकार देंगे। जो गलत है उसके बारे में शिकायत करने के बजाय उसे पहचानें और ठीक करें। एक समस्या चुनें और उसका समाधान करें – यह रवैया वह बदलाव लाएगा जो हम चाहते हैं।”
एमआईटी-डब्ल्यूपीयू के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल कराड ने भारतीय छात्र संसद शुरू करने के पीछे के दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने कहा,”हमारे देश में दुनिया की सबसे बड़ी शिक्षा प्रणाली है और यहां 3.5 करोड़ छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, ऐसे में सामाजिक जुड़ाव की भावना को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। हम शिक्षित युवाओं को सार्वजानिक जीवन में सक्रिय रूप से शामिल होने लिए प्रोत्साहित करने और जागरूक नागरिकों से राजनीति में भाग लेने का आग्रह करने वाले इस दृष्टिकोण का समर्थन कर रहे हैं।
10 से 12 जनवरी तक आयोजित बीसीएस के 13वें संस्करण में ‘राजनीति में युवा नेतृत्व – बयानबाजी या वास्तविकता’, ‘संक्रमण में युवा’, ‘लोकतंत्र 2.0 – एआई और सोशल मीडिया कैसे ला रहे हैं हर तरह का बदलाव’, ‘हमारी संस्कृति में लोककथाओं की शक्ति’, ‘जाति जनगणना दुविधा’ जैसे विषयों पर जीवंत चर्चा होगी। कार्यक्रमों में भारत की मिसाइल वुमन डॉ. टेसी थॉमस, प्रसिद्ध लेखक मनोज मुंतशिर, डॉ. विक्रम संपत, चिराग पासवान, इमरान प्रतापगढ़ी, शहजाद पूनावाला जैसे युवा नेता, राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा, प्रसिद्ध अभिनेत्री और गायिका रूपा सहित कई गांगुली और कई अन्य गणमान्य वक्ता शामिल होंगे।

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