नई दिल्ली,। संसद के दोनों सदनों में महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में शुक्रवार (22 सितंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने बीजेपी मुख्यालय में नारी शक्ति वंदन-अभिनंदन कार्यक्रम को संबोधित किया।

पीएम मोदी ने देश की महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा, “मैं आज देश की हर माता को, बहन को, बेटी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। कल और परसो हम सबने एक नया इतिहास बनते देखा है और हम सबका सौभाग्य है कि ये इतिहास बनाने का अवसर कोटि-कोटि जनों ने हमें दिया है।”

पीढ़ियों तक इस निर्णय और इस दिन की चर्चा होगी- पीएम
उन्होंने कहा कि आने वाली अनेकों पीढ़ियों तक इस निर्णय और इस दिवस की चर्चा होगी। मैं पूरे देश को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ संसद के दोनों सदनों में भारी बहुमत से पारित होने की बहुत बहुत बधाई देता हूं। पीएम ने कहा, संसद के दोनों सदनों द्वारा ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ रिकॉर्ड मतों से पारित किया जा चुका है। जिस बात का देश को पिछले कई दशकों से इंतजार था, वो सपना अब सच हुआ है।

बीती रात राज्यसभा ने दी मंजूरी
इससे पहले लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के प्रावधान वाला 128वां संविधान संशोधन विधेयक गुरुवार को राज्यसभा में पास हो गया। दिनभर की लंबी चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया। बिल के पक्ष में 214 वोट पड़े, जबकि किसी ने भी बिल के खिलाफ वोट नहीं डाला।

बुधवार को लोकसभा ने किया था पारित
इसी के साथ संसद और विधानसभाओं में महिला सशक्तिकरण की राह में बीते 27 साल से पड़ा सूखा खत्म हो गया और नए संसद भवन ने पहले ही सत्र में नारी शक्ति का वंदन करने का नया इतिहास रच दिया। इससे पहले विधेयक को बुधवार को लोकसभा से मंजूरी मिल गई थी। लोकसभा ने भी इस बिल को दो तिहाई बहुमत के साथ पास किया था। इसके पक्ष में 454 और विरोध में दो वोट पड़े थे।

पीएम मोदी ने कही थी यह बात
विधेयक के पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में एक निर्णायक क्षण है। 140 करोड़ भारतीयों को बधाई। मैं उन सभी राज्यसभा सांसदों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट किया। इस तरह का सर्वसम्मत समर्थन वास्तव में खुशी देने वाला है। संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने के साथ, हम भारत की महिलाओं के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण के युग की शुरुआत करते हैं।

उन्होंने कहा कि यह महज एक विधान नहीं है, यह उन अनगिनत महिलाओं को श्रद्धांजलि है जिन्होंने हमारे देश को बनाया है। भारत उनके लचीलेपन और योगदान से समृद्ध हुआ है। जैसा कि हम आज मनाते हैं, हमें अपने देश की सभी महिलाओं की ताकत, साहस और अदम्य भावना की याद आती है। यह ऐतिहासिक कदम यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है कि उनकी आवाज़ को और भी अधिक प्रभावी ढंग से सुना जाए।

 

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