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गोबर से बनी कागज की पत्रिका बनाने की अनूठी पहल

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आज इस आधुनिक दुनिया में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए लोग एक बार फिर पेड़ों के बारे में सोच रहे हैं और इसका बचाव कर रहे हैं. इसी कड़ी में जालौर भीनमाल के रहने वाले विकास सिंह पुत्र श्रवण सिंह राव बोरली ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए पर्यवरण संरक्षण का संकल्प लिया है. दरअसल विकास का विवाह 18 फरवरी को होने वाला है. ऐसे में उन्होंने गाय के गोबर से बनी कागज की पत्रिका बनाने की अनूठी पहल की है, जिससे कि गौ-संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण किया जा सके.

गौसंरक्षण को मिलेगा बढ़ावा
विकास का कहना है कि वर्तमान समय में गायों के लिए के लिए केवल गौशाला बनवाना और गौ-दान करना ही काफी नहीं है. गोपालको पर आर्थिक दबाव और और गायों के रख-रखाव में भी बहुत समस्या आती है. गोबर से बने कागज के उत्पादन में गायों के रख-रखाव में होने वाली आर्थिक समस्या का समाधान हो सकता है, जिससे गौशाला में गाय पालने वालों के लिए आर्थिक सहयोग में सहायता मिले. पर्यावरण को बचाने के लिए गाय के गोबर से बने कागज बहुत सहायक हैं.

पर्यावरण संरक्षण के लिए कैसे उपयोगी है गौमय कागज
आज पर्यावरण को बचाने के लिए बहुत सारी संस्थाएं काम करती हैं. उसी को ध्यान में रखते हुए अगर गाय के गोबर से बने इस कागज का उपयोग किया जाए, तो यह पर्यावरण के लिए एक संरक्षक का रूप होगा, क्योंकि यह कागज पर्यावरण संरक्षण में एक अहम भूमिका निभाता है. यह कागज बहुत ही शुद्ध है और इसका उपयोग दोबारा किया जा सकता है.

समाज को मिल सकता है सकारात्मक सहयोग
विकास सिंह के 18 फरवरी को होने जा रहे विवाह की पत्रिका जयपुर स्थित गौकृति से तैयार हुई है. ऐसे में वहाँ के प्रधान संपादक भीमराज ने बताया कि गोमय पेपर की कीमत सामान्य कागज के बराबर है. उन्होनें बताया कि सामान्य कागज के 30 पेडों को काटने पर एक टन कागज तैयार किया जाता है. लेकिन गाय के गोबर और अन्य सामग्री के उपयोग से बने कागज की पत्रिका आर्थिक एवं पर्यावरण हेतु लाभदायक है.

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