गऊ संसद का मुख्यपत्र गऊ भारत भारती होगा – शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज जी
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज जी के कर-कमलो द्वारा ,गऊ भारत भारती सर्वोत्तम सम्मान समारोह संपन्न
शंकराचार्य जी के हाथो माधवी लता , स्मिता ठाकरे तथा अन्य गौभक्तो का हुआ सम्मान
मुंबई: गऊ माता की महिमा और संरक्षण पर आधारित भारत का पहला समाचार पत्र गऊ भारत भारती’ की 10वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में “गऊ भारत भारती सर्वोत्तम सम्मान 2024” पुरस्कार समारोह का आयोजन 14 जुलाई 2024 को मुक्ति कल्चरल हब, अंधेरी पश्चिम, मुंबई में संजय शर्मा अमान द्वारा आयोजित किया गया। इस समारोह में श्री शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज आशीर्वाद देने पहुंचे और उन्होंने अतिथियों और कई गणमान्य लोगों को सम्मानित भी किया। श्री शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज जी हाथो हैदराबाद से विशेष तौर पर आई माधवी लता , मुक्ति फाऊंडेशन की स्मिता ठाकरे , मुंबई भाजपा उपाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी , महाराष्ट्र गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष शेखर मूंदड़ा , प्रेम रामानंद सागर ,शैलेश गगलाणी , भरत भाई पोपट , बकुलेश भाई ठक्कर , गौ भक्त नवनाथ दुधाल , बिमल भुता भाजपा मुंबई सचिव , प्रकाश कोलते , अभय छेड़ा , अजय कौल , प्रशांत काशिद , चिराग गुप्ता , महेंद्र संगोइ प्रमुख ट्रस्टी “भगवान महावीर पशु रक्षा केंद्र, एंकरवाला अहिंसाधाम” , गौ वैज्ञानिक डॉ जितेंद्र भट्ट , वैज्ञानिक जेजे रावल , समाजसेवी कृष्णा पिम्पले , आदि को उनके उल्लेखनीय कार्यो के लिए सम्मानित किया गया।
परमाराध्य’ परमधर्माधिस उत्तराम्नाय ज्योतिषपीठा धीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती ‘1008’ महाराज जी के कर कमलो द्वारा समाचारपत्र के १०वें अंक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर प्रेम रामानंद सागर ने अपनी लिखी पुस्तके शंकराचार्य को भेट करते हुए गौ माता पर सीरियल निर्माण की बात की तथा शंकराचार्य ने भी उनसे कहा कि आप गऊ माता पर भी सीरियल बनाए। नीरज पुरोहित , डॉ जितेंद्र भट्ट द्वारा शंकराचार्य जी को गाय के गोबर से बनी वस्तुए भेट की गई।
शंकराचार्य जी के आशीर्वचन के मुख्य अंश
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज जी अपने एक घंटे के अपने वक्तव्य में कहा कि हिन्दू कौन ? हम सब केवल बोलते रहते हैं हम हिन्दू हैं हम हिन्दू हैं लेकिन असली हिन्दू के तीन लक्षण बताये जो गऊ सेवा करता हो , जिसका विश्वास पुनर्जन्म में हो , अहं ब्रम्हास्मि। जो गऊ माँ को काटते हैं उसका मांस खाते हैं , बेंचते हैं वे सब पाप के भागी हैं .गऊ को माता क्यों कहा गया ? जैसे कोई लड़की ब्याही जाती है तो उसके पति की माता उस लड़की की माता होती है उसी तरह अगर हमने किसी को अपने परिवार में सम्मिलित कर लिया तो जो हम मानते हैं वही सम्मिलित व्यक्ति भी मानता है गऊ को माता हमारे सनातन धर्म ने माना है इसलिए वो हमारी भी माता है।
शंकराचार्य जी ने आगे कहा कि -आज हमारे पास सिर्फ दो से ढाई करोड़ गाय बची है। अगर हम पांच वर्ष और रुक गए तो , जैसे हम कृष्ण भगवान् को सिर्फ चित्र में देखते है वैसे ही गाय को भी हम सिर्फ चित्र में ही देख पाएंगे। बहुत कठिन समय है , इसीलिए आप के पास यह अंतिम मौका है गाय को बचाने का। जब तक हमारे पास बीज है तो बचाया जा सकता है जिस दिन बीज ख़त्म हो गया , हम कुछ नहीं कर पाएंगे।
संसद में इस विषय पर चर्चा के लिए समय नहीं है , कहते है इस पर चर्चा के लिए समय ख़राब होता है इसीलिए हम ने निर्णय लिया है कि देश के हर संसदीय क्षेत्र से एक गौ भक्त को गौ सांसद के रूप में मनोनीत किया जाये। और उसको इस बात का एहसास कराया जाये कि तुम सांसद हो। अपने संसदीय क्षेत्र में गाय के बारे में काम शुरू करो। और जो तुम्हारा चुना गया सांसद है अगर तुम्हारा सहयोग लेना चाहे तो उसका सहयोग करो। गाय के बारे में सारे काम अपने हाथ में ले लो अगर चुना गया सांसद सहयोग नहीं करता है तो।
शंकराचार्य महाराज जी ने समाचारपत्र के संस्थापक संजय शर्मा की तरफ देखते हुए अपने आशीर्वचन में आगे कहा कि – ” ये जो गऊ भारत भारती अखबार है इसका नाम हम को बहुत अच्छा लगा , एक तो गाय को समर्पित है , दस वर्ष आप ने निकाल लिया , एक युग होता है , अब आप में ऊर्जा आ गई है।
आज मैं इस मंच से घोषणा करता हूँ जो हमारी गौसंसद है उसका मुख्य पत्र गऊ भारत भारती होगा। और भारत में सिर्फ दो ही चीजों की जरुरत है एक गौ की दूसरी भारत की।
कार्यक्रम का सञ्चालन आनन्द सिंह ने किया, कार्यक्रम में संगीतमय प्रस्तुति प्रकाश तिवारी मधुर का था। के प्रमुख आयोजक समाचारपत्र के संस्थापक संजय शर्मा अमान थे।