एलजी सक्सेना ने दी जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी
एलजी ने शेहला के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 196 के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दे दी है। इससे पहले दिल्ली सरकार के गृहमंत्रालय ने भी उनके ट्वीट को धार्मिक भावनाएं भड़काने वाला मानते हुए इसमें केस चलाने की अनुमति दी थी।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने जेएनयू की पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष शेहला रशीद पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। उन पर यह कार्रवाई सेना के खिलाफ किए गए ट्वीट के चलते करने की मंजूरी दी गई है।
गौरतलब है कि शेहला रशीद ने अगस्त 2019 में दो ट्वीट्स किए थे जिसके चलते उन पर सितंबर 2019 में वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की शिकायत पर एफआईआर हुई थी। इसी मामले में केस चलाने का प्रस्ताव एलजी को भेजा गया था जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
गौरतलब है कि शेहला ने 18 अगस्त 2019 को इंडियन आर्मी के बारे में दो ट्वीट किए थे। शेहला ने ट्वीट में दावा किया कि उनके ट्वीट में कही बातें 18 अगस्त की रात हुईं थीं।
‘सशस्त्र बल रात के वक्त लोगों के घरों में घुसकर लड़कों को उठा रहे हैं, घरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं, जानबूझकर राशन को जमीन पर फेंक रहे हैं, चावल में तेल मिला रहे हैं और ऐसे ही बहुत कुछ रात के 12 बजे कर रहे हैं।’
अगले ट्वीट में शेहला ने लिखा, ‘शोपियां में चार आदमियों को आर्मी कैंप बुलाया गया और उन्हें पूछताछ के नाम पर टॉर्चर किया गया। उनके पास एक माइक रखा गया था ताकि उनकी चीखें पूरे इलाके को सुनाई दें और लोग दहशत में आ जाएं। इसकी वजह से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।’
शेहला के इन ट्वीट्स के बाद एक वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी और भारतीय सेना ने भी शेहला के दावों का खंडन न्यूज एजेंसी एएनआई के माध्यम से किया था। इसी मामले में एलजी ने शेहला के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 196 के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दे दी है। इससे पहले दिल्ली सरकार के गृहमंत्रालय ने भी उनके ट्वीट को धार्मिक भावनाएं भड़काने वाला मानते हुए इसमें केस चलाने की अनुमति दी थी।