एक महान समाज सुधारक, भारत की सामाजिक क्रांति के पथ प्रदर्शक, महान विचारक, महान दार्शनिक, लेखक और महान क्रन्तिकारी महात्मा ज्योतिबा गोविंदराव फुले का जन्म ब्रिटिश भारत में पुणे के खानबाड़ी नामक स्थान पर 11 अप्रैल 1827 को हुआ था। इनका जन्म एक ‘माली’ जाति में हुआ था, जिसे सामाजिक व्यवस्था के अनुसार पिछड़ी जाति (शुद्र) माना जाता था। इनका परिवार कई पीढ़ियों से फूलों के गज़रे बनाने का काम करता था इसलिए उन्हें “फुले” कहा जाता था। बचपन में ही इनकी माता का देहांत हो गया था, इसलिए इनका पालन- पोषण एक बाई ने किया था। बाद में इनके पिता ने दूसरा विवाह कर लिया था। ज्योतिबा फुले ने कुछ समय तक मराठी में अध्ययन किया, परन्तु सामाजिक भेदभाव के कारण इनको पढाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। बाद में, 21 वर्ष की आयु में उन्होंने अंग्रेजी विषय के साथ सातवीं कक्षा पास की।








