मुंबई, कांदिवली स्थित व्यास शॉपिंग सेंटर सोसायटी में चल रहा विवाद अब और गहरा गया है। सोसायटी की पुरानी प्रबंधन समिति को कथित तौर पर गैरकानूनी तरीके से बर्खास्त करने का मामला सामने आया है, जिसके बाद पूर्व सिक्रेट्री उमेश शाह ने सोसायटी के वर्तमान प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शाह ने दावा किया है कि कमिटी को हटाने की प्रक्रिया में नियमों की खुली अनदेखी की गई और यह कदम सोसायटी के सदस्यों के हितों को नजरअंदाज करते हुए लिया गया।

उमेश शाह के मुताबिक, पुरानी कमिटी को बिना किसी औपचारिक नोटिस या सामान्य सभा की मंजूरी के बर्खास्त कर दिया गया, जो महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव सोसायटीज़ एक्ट के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने कहा, “यह एक सुनियोजित साजिश है, जिसमें पारदर्शिता की कमी और संभावित भ्रष्टाचार की बू आती है। हमारी कमिटी ने सोसायटी के विकास के लिए कई अहम कदम उठाए थे, लेकिन कुछ लोगों के निजी स्वार्थ के चलते हमें हटाया गया।” शाह ने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान प्रशासन ने सोसायटी के फंड का दुरुपयोग किया और सदस्यों को अंधेरे में रखा गया।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह विवाद पिछले कुछ महीनों से चल रहा था, लेकिन अब यह खुलकर सामने आ गया है। सोसायटी के कुछ सदस्यों ने शाह के समर्थन में आवाज उठाई है, जबकि कुछ ने नए प्रशासन का पक्ष लेते हुए कहा कि पुरानी कमिटी के कार्यकाल में भी कई अनियमितताएँ थीं। इस बीच, सोसायटी के मौजूदा पदाधिकारियों ने अभी तक इन आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि शाह के दावे सही पाए जाते हैं, तो यह मामला रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसायटीज़ के पास जा सकता है, और गैरकानूनी बर्खास्तगी साबित होने पर पुरानी कमिटी को बहाल करने का आदेश भी जारी हो सकता है। शाह ने संकेत दिया है कि वह इस मामले को कानूनी रूप से लड़ने के लिए तैयार हैं और जल्द ही रजिस्ट्रार के पास शिकायत दर्ज करेंगे।
कांदिवली के इस व्यावसायिक परिसर के आसपास रहने वाले लोगों और दुकानदारों के बीच भी इस मुद्दे को लेकर चर्चा जोरों पर है। कई लोगों का मानना है कि यह विवाद सोसायटी की संपत्ति और प्रबंधन के नियंत्रण को लेकर है। फिलहाल, सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि यह मामला आगे कैसे बढ़ता है और क्या इसमें कोई बड़ा खुलासा होता है।
क्या है मामला
व्यास शॉपिंग सेंटर कांदिवली जिसकी पुरानी कमिटी में उमेश शाह सिक्रेट्री थे। मगर २०२३ में अचानक से सोसायटी पर एडमिनिस्ट्रेटर बैठा दिया गया और बिना सोसायटी चुनाव के ही पुरानी कमिटी को बर्खास्त करते हुए बीना किसी सोसाइटी चुनाव के ही नए मेंबर्स बना दिए गए।
उमेश शाह ने डेप्युटी रजिस्ट्रार देव कटे पर आरोप लगाया है कि उन्हें सोसायटी कानूनों की जानकारी काम है क्योकि वह एक नेशनल हॉकी प्लेयर है उन्हें स्पोर्ट कोटे के तहत नियुक्त किया गया है। शाह के अनुसार इन पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके है। व्यास शॉपिंग सेंटर में बड़े पैमाने पर लैंड लार्ड की देख रेख में अवैध बांधकाम भी हुए है जिसकी शिकायत मनपा में किया गया है।
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