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गोदरेज कैपिटल के लेंडिंग बिजनेस के विस्तार के लिए सेल्सफोर्स एआई-आधारित प्रक्रियाओं को बढ़ाएगा आगे

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गोदरेज कैपिटल और सेल्सफोर्स ने की रणनीतिक साझेदारी की घोषणा

मुंबई। गोदरेज इंडस्ट्रीज़ ग्रुप की वित्तीय सेवा शाखा गोदरेज कैपिटल और दुनिया नंबर 1 एआई-सीआरएम कंपनी सेल्सफोर्स ने एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है। इस सहयोग का उद्देश्य गोदरेज कैपिटल की सहायक कंपनियों को डिजिटल लोन प्रणाली को और बेहतर बनाना और पूरे भारत में बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करना है। इस पहल के लिए डेलॉइट इंडिया को टेक्नोलॉजी पार्टनर के रूप में शामिल किया गया है, जो सेल्सफोर्स के उन्नत प्लेटफ़ॉर्म्स को गोदरेज कैपिटल की लोन व्यवस्था में तेजी से और आसानी से जोड़ने में सहायता करेगा।

गोदरेज कैपिटल हमेशा से नए इनोवेशन और जनरेटिव एआई आधारित तकनीकों को अपनाने में आगे रहा है। गोदरेज कैपिटल ने इस साझेदारी के माध्यम से एक भविष्य के लिए तैयार, डिजिटल रूप से मजबूत लोन व्यवस्था बनाने की साझा सोच को साकार किया है। डेलॉइट के पास बड़े पैमाने पर तकनीकी परिवर्तन देने का अनुभव है, जिससे गोदरेज कैपिटल के सभी उत्पादों में कामकाज की गति, ग्राहक अनुभव और जोखिम समझदारी में बड़ा सुधार होने की उम्मीद है।

इस सहयोग के तहत, कंपनी अपने लोन ओरिजिनेशन सिस्टम (एलओएस) को सेल्सफोर्स द्वारा संचालित एआई-सक्षम प्लेटफ़ॉर्म में एकीकृत कर अपनी लोन प्रक्रिया को और मजबूत बना रहा है। यह पूरे उत्पाद पोर्टफोलियो में, पहले से मौजूद कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (सीआरएम) सिस्टम के साथ मिलकर काम करेगा। इस नई तकनीकी व्यवस्था से लोन प्रक्रिया पहले से ज्यादा स्मार्ट, आसान और व्यक्तिगत बन जाएगी – आवेदन से लेकर लोन मिलने तक का पूरा सफर तेज और सुगम होगा। इसका उद्देश्य लोन प्रोसेस में लगने वाला समय घटाना, ज्यादा सटीकता लाना और देशभर के लोगों और व्यवसायों को बेहतर तरीके से क्रेडिट (लोन) सुविधा देना है।

सेल्सफोर्स की एआई टेक्नोलॉजी का उपयोग करके कंपनी एक तेज़ और डेटा-आधारित लोन प्रक्रिया तैयार कर रही है, जिससे स्मार्ट तरीके से अन्य प्रोडक्ट्स की बिक्री (क्रॉस-सेलिंग), जोखिम प्रबंधन में सुधार और बड़े पैमाने पर ग्राहकों को उनकी ज़रूरत के अनुसार बेहतर अनुभव मिल सकेगा। कंपनी को अपने ग्राहकों की पूरी जानकारी एक ही जगह (360-डिग्री व्यू) में मिल रही है — चाहे वे किसी भी प्रोडक्ट, चैनल या संपर्क माध्यम से जुड़े हों। इससे कंपनी को बेहतरीन ग्राहक सेवा देने, तेज़ी से काम करने और कम मैन्युअल प्रक्रिया में पूरा लोन सिस्टम संभालने में मदद मिल रही है।

मनीष शाह (एमडी और सीईओ, गोदरेज कैपिटल) ने कहा,“गोदरेज कैपिटल में हमारा फोकस टेक्नोलॉजी पर है, और हम लगातार जनरेटिव एआई में निवेश कर रहे हैं ताकि हम अपने फाइनेंशियल सॉल्यूशंस को बड़े स्तर पर पहुंचा सकें। सेल्सफोर्स जैसी एआई आधारित ग्लोबल कंपनी के साथ हमारा यह सहयोग हमारी प्रयासों को और मजबूत करता है। इससे हम ग्राहकों को और भी स्मार्ट क्रेडिट अनुभव दे सकते हैं, कामकाज को ज़्यादा कुशल बना सकते हैं, और तेज़ी से व्यक्तिगत सेवाएं दे सकते हैं। सबसे जरूरी बात यह है कि यह साझेदारी दिखाती है कि हम दोनों कंपनियां टेक्नोलॉजी का उपयोग वास्तविक वित्तीय समस्याएं हल करने और भारत की आर्थिक तरक्की में योगदान देने के लिए कर रहे हैं, एक ऐसा कर्ज़ तंत्र बनाकर जो ज्यादा समावेशी, तेज़ और सुगम हो।

अरुंधती भट्टाचार्य (अध्यक्ष और सीईओ, सेल्सफोर्स – दक्षिण एशिया) ने कहा,“वित्तीय सेवा क्षेत्र एक निर्णायक मोड़ पर है, जहां टेक्नोलॉजी केवल सिस्टम को बेहतर नहीं बना रही, बल्कि यह पूरी तरह से यह बदल रही है कि संस्थाएं अपने ग्राहकों से कैसे जुड़ती हैं, निर्णय कैसे लेती हैं और सेवाएं कैसे देती हैं। इस डिजिटल-प्रथम दुनिया में, भविष्य उन्हीं का होगा जो समझदारी, तेज़ी और विश्वास के साथ आगे बढ़ते हैं। एआई इस बदलाव का केंद्र है—यह तेज़ी से निर्णय लेने, ग्राहकों को गहराई से समझने और बड़े पैमाने पर व्यक्तिगत सेवा देने में मदद करता है। गोदरेज कैपिटल इस क्षेत्र में एक साहसी इनोवेटर के रूप में उभर कर सामने आया है, जो ग्राहक को सबसे पहले रखने की सोच को डिजिटल सोच के साथ जोड़ रहा है। वे सिर्फ भारत के एमएसएमई (छोटे और मध्यम उद्योगों) के लिए नहीं, बल्कि हर उधारकर्ता, उद्यमी और परिवार के लिए कर्ज़ सेवाओं को नए तरीके से तैयार कर रहे हैं, जो देश की प्रगति में योगदान देता है। हमें गर्व है कि हम इस सफर में उनका साथ दे रहे हैं, एक एआई-चालित प्लेटफॉर्म के ज़रिए जो डेटा, समझ और स्पीड को एक साथ लाकर समावेशी विकास की नई राह खोल रहा है।”

अश्विन बल्लाल (पार्टनर, डेलॉइट इंडिया) ने कहा,“हमें गोदरेज कैपिटल के साथ इस महत्वाकांक्षी परिवर्तन में साझेदारी करके खुशी हो रही है। सेल्सफोर्स की एआई-आधारित तकनीक और गोदरेज कैपिटल की डिजिटल-फर्स्ट सोच को जोड़ने से भारत में कर्ज़ देने के अनुभव को नए तरीके से तैयार करने का शानदार मौका मिल रहा है। हमारा गहरा अनुभव, सफल प्रोजेक्ट लागू करने की क्षमता और अंतरराष्ट्रीय स्तर की बेहतरीन कार्यप्रणालियाँ गोदरेज कैपिटल को एक ऐसा डिजिटल सिस्टम तैयार करने में मदद करेंगी जो तेज़, स्केलेबल, बड़े स्तर पर काम करने वाला और भविष्य के लिए तैयार हो और जो असली बिज़नेस परिणाम भी दे सके।”

गोदरेज कैपिटल अपने बढ़ते प्रभाव क्षेत्र के साथ, स्केलेबल और भविष्य-तैयार टेक्नोलॉजी में लगातार निवेश कर रहा है। कंपनी की इन-हाउस टीमें अलग-अलग क्षेत्रों में जनरेटिव एआई आधारित समाधान तैयार कर रही हैं ताकि कामकाज और ज़्यादा कुशल हो सके। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए, कंपनी का एंटरप्राइज ग्रेड जेनएआई और मशीन लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म सक्षम एआई से जुड़े सभी विकास कार्यों को एक जगह लाता है, सुरक्षित एलएलएम (लार्ज लैंग्वेज मॉडल) इंटीग्रेशन की सुविधा देता है, और आसान गवर्नेंस सुनिश्चित करता है। इसका लक्ष्य ग्राहकों के लिए स्मार्ट और उपयोगी समाधान देना है, ताकि तेजी से बदलते बीएफएसआय (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस) सेक्टर की जरूरतें पूरी की जा सकें ।

प्रोडक्ट इनोवेशन के तहत, सेल्सफोर्स लगातार एंटरप्राइज एआई की सीमाओं को और आगे बढ़ा रहा है। इसका नया प्लेटफॉर्म एजेंटफोर्स कंपनियों को ऐसे एआई एजेंट बनाने और इस्तेमाल करने की सुविधा देता है जो खुद से (स्वतः) अलग-अलग बिज़नेस कामों को अंजाम दे सकते हैं। एजेंटफोर्स सेल्सफोर्स के विकास का अगला कदम है — एक ऐसा प्लेटफॉर्म जहां एआई एजेंट इंसानों के साथ मिलकर काम करते हैं। इससे एक डिजिटल वर्कफोर्स टीम बनती है जो इंसानों की क्षमता को और बेहतर बनाती है और पहले से कहीं ज्यादा तेज़ और स्मार्ट तरीके से नतीजे देती है।

सेल्सफोर्स, दुनिया का नंबर 1 सीआरएम है, जो एआई टेक्नोलॉजी और क्षमताओं द्वारा सशक्त है।

आदिवासियों को गाय देगी सरकार

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रायपुर छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासी परिवारों की महिलाओं को साहीवाल गाय देने का निर्णय लिया है। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत छह जिलों में सरकार ने 325 आदिवासियों को गाय वितरित करेगी। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के दुग्ध उत्पादन में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। वहीं अब साहीवाल गाय योजना को लेकर पक्ष- विपक्ष के बीच सियासी घमासान तेज हो गया है। प्रदेश के आदिवासी परिवारों को गाय देने के निर्णय पर अब सियासी पारा चढ़ता हुआ नजर आ रहा है। मामले में कांग्रेस ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- भाजपा 2003 से गाय देने के नाम पर झूठ बोल रही है। पहले हर आदिवासी को जर्सी गाय देने की बात कही थी अब साहिवाल नस्ल का गाय देने की बात कर रही है। आज तक एक आदिवासी परिवार को गाय नहीं मिला है।

जनहित के कामों से कांग्रेस को पेट में दर्द होता है – साव

कांग्रेस के तंज पर अब डिप्टी सीएम अरुण साव का बयान सामने आया है। अरुण साव ने पलटवार करते हुए कहा- जनहित के कामों से कांग्रेस को पेट में दर्द होता है। झूठ की मास्टरी अगर किसी पार्टी में है तो वह कांग्रेस है। जनता अब कांग्रेस के वादों की सच्चाई समझ चुकी है, दोबारा नहीं ठगे जाएंगे।

गौ राष्ट्र यात्रा -भारत सिंह राजपुरोहित ने किसानों की आय वृद्धि और गौशालाओं की आत्मनिर्भरता पर दिया विशेष बल

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रानी, पाली (राजस्थान) – 3 जुलाई 2025 – जीव-जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान (AWRI) के अध्यक्ष श्री भारत सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में राष्ट्रव्यापी ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ आज राजस्थान के पाली जिले स्थित राधे कृष्णा गौशाला सेवा समिति, रानी कल्ला पहुँची। यात्रा टीम का स्थानीय गौभक्तों और समाजसेवियों द्वारा अत्यंत गर्मजोशी और सम्मान के साथ भव्य स्वागत किया गया, जिसने पूरे वातावरण को गौ-सेवा के संकल्प से ओतप्रोत कर दिया। यह पड़ाव देसी गौवंश के संरक्षण और गौ-आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

किसानों और गौशालाओं के लिए आत्मनिर्भरता का मंत्र

कार्यक्रम में उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए AWRI अध्यक्ष श्री भारत सिंह राजपुरोहित ने गौमाता के आर्थिक और सामाजिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि कैसे देसी गौवंश के उचित प्रबंधन और गौ-आधारित कृषि पद्धतियों को अपनाकर किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि की जा सकती है। राजपुरोहित जी ने विस्तार से समझाया कि गौपालन को केवल एक पारंपरिक प्रथा के रूप में नहीं, बल्कि एक सशक्त और लाभदायक आर्थिक मॉडल के रूप में देखा जाना चाहिए, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धुरी बन सकता है।
उन्होंने प्रदेश और देश भर की गौशालाओं के लिए आत्मनिर्भरता का एक स्पष्ट मार्ग भी सुझाया। उन्होंने बताया कि गौशालाएँ केवल गौवंश के आश्रय स्थल न रहें, बल्कि वे गाय के गोबर, गौमूत्र और अन्य गौ-उत्पादों के निर्माण का केंद्र बनें। इन उत्पादों, जैसे जैविक खाद, कीटनाशक, औषधियाँ, और विभिन्न दैनिक उपयोग की वस्तुएँ बनाकर गौशालाएँ न केवल अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा कर सकती हैं, बल्कि अच्छा मुनाफ़ा भी कमा सकती हैं, जिससे गौ संरक्षण का कार्य वित्तीय रूप से टिकाऊ और आत्म-निर्भर हो सकेगा।

यात्रा मार्ग में मिला व्यापक जनसमर्थन
राधे कृष्णा गौशाला सेवा समिति पहुँचने से पहले भी ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ की टीम का पूरे मार्ग में कई स्थानों पर स्थानीय समुदायों द्वारा अभूतपूर्व स्वागत और सत्कार किया गया। हर गाँव और कस्बे में लोगों ने उत्साह के साथ यात्रा का अभिनंदन किया। इस दौरान अनेक प्रमुख हस्तियाँ और गौभक्त यात्रा के समर्थन में उपस्थित रहे:
* रोहट: श्री ललित पालीवाल
* पाली-पुनाडिया: श्री ज्वाला माता, श्री जितानंदजी महाराज, श्री यशपाल सिंह जी पुनाडिया
* रानी (राधे कृष्णा गौशाला): श्री भरत जी राठौड़ (अध्यक्ष, रानी नगरपालिका), श्री हरीश जी सोनी, श्री शेषाराम जी घाची (अध्यक्ष, गौशाला), संरक्षक श्री भरत जी धनरेचा, श्री रंगराज जी, श्री श्रवण सिंह जी महेचा, श्री धर्मेंद्र सिंह जी, श्री रमेश गहलोत, श्री बजरंग जी हुरकट, श्री कमल जी गोयल, श्री गिरधारी सिंह पीलवा
* नदी गौशाला: श्री शैतान सिंह आउवा, श्री पीयूष शर्मा, श्री श्रवण सिंह धुरासनी
इन सभी गणमान्य व्यक्तियों और हजारों गौभक्तों की उपस्थिति ने ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ के प्रति जन-समर्थन की गहराई और व्यापकता को दर्शाया। यह यात्रा देसी गौवंश के संरक्षण और ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के अपने लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर है, और हर पड़ाव पर यह संकल्प और भी दृढ़ होता जा रहा है।

जीव-जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान (AWRI) के बारे में:
AWRI एक अग्रणी संस्था है जो जीव-जंतु कल्याण और कृषि शोध के क्षेत्र में कार्य करती है। यह देसी नस्लों के संरक्षण, जैविक खेती के प्रचार और ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
भारत सिंह राजपुरोहित
मोबाइल: 9772923956
ईमेल: gousevaa@gmail.com
वेबसाइट: www.gaurashtrayatra.com
कार्यक्रम आयोजक संपर्क:
राधे कृष्णा गौशाला सेवा समिति, रानी कल्ला, जिला पाली, राजस्थान
मोबाइल: 7850828850

वन शॉट में बनी हेमवंत तिवारी की अनोखी फिल्म “कृष्णा अर्जुन” सेंसर बोर्ड की मंजूरी के लिए संघर्षरत

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मुंबई। फिल्म लेखक निर्माता, निर्देशक और अभिनेता हेमवंत तिवारी की फिल्म “कृष्णा अर्जुन” चर्चा का विषय बनी हुई है। यह फिल्म तकनीकी दृष्टि से बेहद अनोखी मानी जा रही है क्योंकि इसे पूरी तरह एक ही टेक में शूट किया गया है। लगभग 2 घंटे 14 मिनट की यह वन शॉट फिल्म बिना किसी कट या रिटेक के पूरी की गई है, जो भारतीय सिनेमा में पहली बार हुआ है।

फिल्म की कहानी दो जुड़वां भाइयों अर्जुन और कृष्णा के इर्द-गिर्द घूमती है। कृष्णा दबंग लेकिन उदार दिल का है, साथ ही वह होमोसेक्सुअल है, जिसके कारण उसके परिवार और समाज से उसे तिरस्कार झेलना पड़ता है। सामाजिक निंदा से परेशान होकर वह परिवार से दूर चला जाता है। दूसरी तरफ अर्जुन परिवार के साथ रहकर उनका सहारा बनता है।

फिल्म में कई ज्वलंत मुद्दे उठाए गए हैं। अर्जुन के पिता पर कर्ज चुकाने का दबाव इतना बढ़ जाता है कि वह आत्मदाह की कोशिश करते हैं और वहीं लोन एजेंट उन्हें जला देता है। वहीं एक मंत्री द्वारा बलात्कार और हत्या की घटनाएं भी दिखायी गई हैं। मंत्री की करतूतों के खिलाफ गर्भवती पीड़िता जब पुलिस के पास जाती है तो उसी पर मामला दर्ज कर लिया जाता है।

कहानी में अर्जुन और मंत्री के बीच भी संघर्ष है। मंत्री ने अर्जुन की मां के इलाज के बदले तीन लोगों की हत्या की सुपारी दी थी, लेकिन अर्जुन ने उन हत्याओं को अंजाम नहीं दिया। यह सच सामने आने के बाद मंत्री उसे फंसाने के लिए पुलिस का सहारा लेता है। थाने में अर्जुन उसी गर्भवती लड़की से मिलता है जो उसकी पहली नजर का प्यार है। अब अर्जुन उसे मंत्री के चंगुल से बचाने की कोशिश करता है।

फिल्म की पटकथा में सामाजिक सच्चाइयों, हिन्दू-मुस्लिम तनाव, जाति प्रथा, अफसरशाही, राजनीति, और एलजीबीटी मुद्दों को भी जगह दी गई है। फिल्म में अश्लील भाषा और कुछ दृश्य सेंसर बोर्ड को आपत्तिजनक लगे हैं। बोर्ड ने इन्हें हटाने को कहा है। लेकिन हेमवंत तिवारी का तर्क है कि चूंकि यह वन शॉट फिल्म है, कोई भी कट लगाने से इसका स्वरूप और असर खत्म हो जाएगा।

निर्देशक ने सेंसर बोर्ड से आग्रह किया है कि वे कट लगाने के बजाय विवादित दृश्यों को ब्लर या ब्लैक पैच से ढकने की अनुमति दें। तिवारी कहते हैं कि बड़े बजट की फिल्मों में भी ऐसा किया जाता है। उन्होंने यह भी प्रस्ताव दिया है कि अगर बोर्ड को कंटेंट आपत्तिजनक लगे तो फिल्म को ‘ए’ सर्टिफिकेट या 18+ टैग दे दिया जाए, लेकिन थिएटर में प्रदर्शित होने की अनुमति दी जाए।

फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी न मिलने के कारण यूट्यूब पर रिलीज किया गया है, जहां इसे अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। बावजूद इसके, निर्देशक और उनकी टीम की ख्वाहिश है कि यह फिल्म बड़े पर्दे पर भी दिखे। इसके लिए हाल ही में मुंबई के इम्पा दफ्तर में फिल्म की स्क्रीनिंग और प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जहां हेमवंत तिवारी ने मीडिया को इस प्रयोग की चुनौतियों और इसकी अनोखी कला के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने कहा कि इस वन शॉट फिल्म को संभव बनाने के लिए सभी तकनीशियनों सहित कलाकारों ने आठ महीने तक कड़ी मेहनत और रिहर्सल की। फिल्म में कोई गाना नहीं है, बल्कि एक रॉ और रियल ड्रामा है जिसमें प्यार, दर्द, मारधाड़ और हास्य के साथ-साथ समाज की सच्चाइयों को भी दिखाया गया है।

निर्देशक का मानना है कि यह फिल्म खासतौर पर युवाओं को पसंद आएगी जो आज के समाज की कड़वी सच्चाई को देखना और समझना चाहते हैं। ऐसी घटनाएं आये दिन देश के किसी कोने में घटित हो रही है। उन्होंने सेंसर बोर्ड से अपील की है कि उनकी मेहनत और इस नई कला-शैली का सम्मान करते हुए उनकी फिल्म को थिएटर में रिलीज की अनुमति दी जाए।

वैसे फिल्मकार ने अच्छा प्रयास किया है इसलिए इस फिल्म को 5 में 3.5 स्टार दिया जाता है।

– गायत्री साहू

गौ राष्ट्र यात्रा’ का जोधपुर में भव्य अभिनंदन: राजपुरोहित छात्रावास में जुटी गौभक्तों की भीड़, देसी गौवंश संरक्षण को मिला नया संबल

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जोधपुर, राजस्थान – 3 जुलाई 2025 – जीव-जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान (AWRI) के अध्यक्ष श्री भारत सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में राष्ट्रव्यापी ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ आज राजस्थान के ऐतिहासिक शहर जोधपुर पहुँची। यात्रा दल का यहाँ राजपुरोहित छात्रावास पर गौभक्तों और स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों द्वारा अत्यंत गर्मजोशी और उत्साह के साथ भव्य स्वागत किया गया, जिसने पूरे वातावरण को गौ-भक्ति और संकल्प के रंग में रंग दिया। यह पड़ाव देसी गौवंश संरक्षण के लिए जारी राष्ट्रव्यापी अभियान को और अधिक गति प्रदान करेगा।

जोधपुर में गौभक्तों का अद्भुत समागम

‘गौ राष्ट्र यात्रा’ के जोधपुर आगमन पर, राजपुरोहित छात्रावास में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर, श्री भारत सिंह राजपुरोहित और यात्रा टीम का अभिनंदन करने के लिए, शहर और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में गौभक्त और समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति उपस्थित रहे। प्रमुख उपस्थित लोगों में श्री भंवर सिंह शिवतलाव, श्री धीरेंद्र राजपुरोहित, श्री ओंकार राजपुरोहित, श्री मगन सिंह पिलोवानी, श्री पुनीत अग्रवाल, श्री योगेश तालकिया, श्री मनोहर सिंह सरवड़ी, श्री बजरंग सिंह अराबा, श्री शेर सिंह धुँधाड़ा, श्री देवेंद्र सिंह भाटी, श्री भेरू सिंह नारवा सहित कई समर्पित गौसेवक शामिल थे। इन सभी ने ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ के विराट उद्देश्यों और लक्ष्यों के प्रति अपना पूर्ण समर्थन और विश्वास व्यक्त किया। यह समागम देसी गौवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए सामुदायिक एकजुटता का एक सशक्त प्रदर्शन था।

‘गौ राष्ट्र यात्रा’: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम
‘गौ राष्ट्र यात्रा’ का मूल उद्देश्य केवल देसी गायों को बचाना नहीं है, बल्कि उन्हें भारतीय ग्राम्य अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में पुनः स्थापित करना, जैविक कृषि को बढ़ावा देना और गौ-आधारित जीवनशैली को जन-जन तक पहुँचाना है। श्री भारत सिंह राजपुरोहित लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि देसी गायें मात्र पशु नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता की आधारशिला हैं। उनकी यह यात्रा देशभर में गौसेवा को एक व्यापक जनांदोलन का रूप दे रही है, और हर पड़ाव पर मिल रहा जनसमर्थन इस बात का प्रमाण है कि गौमाता के महत्व को लेकर समाज में जागरूकता तेज़ी से बढ़ रही है।
जोधपुर में मिला यह उत्साहपूर्ण स्वागत इस बात का स्पष्ट संकेत है कि देसी गौवंश के प्रति जन-मानस में प्रेम और सम्मान की भावना लगातार मजबूत हो रही है। ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ का यह पड़ाव इस अटल सत्य को और भी प्रबलता से स्थापित करता है कि “गौ नहीं बचेगी, तो गाँव नहीं बचेगा — और गाँव नहीं बचेगा, तो भारत नहीं बचेगा।” यह अभियान आत्मनिर्भर और समृद्ध भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है।

जीव-जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान (AWRI) के बारे में:
AWRI एक अग्रणी संस्था है जो जीव-जंतु कल्याण और कृषि शोध के क्षेत्र में कार्य करती है। यह देसी नस्लों के संरक्षण, जैविक खेती के प्रचार और ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
भारत सिंह राजपुरोहित
मोबाइल: 9772923956
ईमेल: gousevaa@gmail.com
वेबसाइट: www.gaurashtrayatra.com

शिवराज सिंह चौहान दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर

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श्रीनगर में उच्चस्तरीय बैठकों में होंगे शामिल, कृषि, ग्रामीण विकास और शैक्षणिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर जा रहे हैं। श्री शिवराज सिंह 3 और 4 जुलाई 2025 को दो दिवसीय यात्रा के दौरान उच्चस्तरीय बैठकों की अध्यक्षता करेंगे और कृषि, ग्रामीण विकास व शैक्षणिक क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

3 जुलाई को सुबह श्री शिवराज सिंह चौहान श्रीनगर स्थित सिविल सचिवालय में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय एवं ग्रामीण विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। इसके बाद दोपहर में प्राकृतिक खेती एवं राष्ट्रीय तिलहन मिशन पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की बैठक में भाग लेंगे। शाम को जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा के साथ राजभवन में शिष्टाचार भेंट करेंगे।

यात्रा के दूसरे दिन 4 जुलाई को श्री शिवराज सिंह चौहान शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (SKUAST-K), श्रीनगर के छठे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। यह कार्यक्रम SKUAST-K के शालीमार कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होगा। कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री एवं SKUAST-K के प्रो चांसलर श्री उमर अब्दुल्ला भी उपस्थित रहेंगे।

इस दीक्षांत समारोह में 5,250 छात्रों को स्नातक, परास्नातक एवं पीएचडी की उपाधियां प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा, 150 स्वर्ण पदक एवं 445 मेरिट प्रमाण पत्र मेधावी छात्रों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए प्रदान किए जाएंगे।

दीक्षांत समारोह के उपरांत श्री शिवराज सिंह SKUAST परिसर में केसर और सेब बागानों का अवलोकन करेंगे और वहां के बागवानी वैज्ञानिकों व किसानों से बातचीत करेंगे। इसके उपरांत केंद्रीय कृषि मंत्री खोनमोह गांव में महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण समृद्धि की प्रतीक ‘लखपति दीदियों’ के साथ संवाद करेंगे।

श्री शिवराज सिंह का यह दौरा जम्मू-कश्मीर में स्थायी कृषि, प्राकृतिक खेती और ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के दौरान श्री शिवराज सिंह ने जम्मू का दौरा कर किसानों से संवाद किया था। अभियान के अनुभवों को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान लगातार विभिन्न राज्यों और गाँवों में जाकर किसानों से सीधी बातचीत कर रहे हैं।

बिहार सरकार की समग्र गव्य विकास योजना 25 जुलाई तक करें आवेदन

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Bihar News: बिहार के किसानों और बेरोजगार युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी. अगर आप गाय पालन के जरिए आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं, तो बिहार सरकार की ‘समग्र गव्य विकास योजना’ आपके लिए सुनहरा अवसर लेकर आई है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने इस योजना के तहत डेयरी इकाइयों की स्थापना के लिए 25 जुलाई 2025 तक आवेदन आमंत्रित किए हैं. यह योजना न सिर्फ दुग्ध उत्पादन को बढ़ाएगी, बल्कि युवाओं को स्वरोजगार का रास्ता भी दिखाएगी. तो देर न करें, इस मौके को हाथ से न जाने दें और आज ही आवेदन करें.

क्या है समग्र गव्य विकास योजना?

‘समग्र गव्य विकास योजना’ के तहत बिहार सरकार किसानों और युवाओं को उन्नत नस्ल के दुधारू मवेशियों या बाछी-हीफर की डेयरी इकाई शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता दे रही है. इस योजना में दो, चार, पंद्रह और बीस मवेशियों की डेयरी इकाइयों की स्थापना के लिए ऋण और अनुदान की सुविधा उपलब्ध है. आवेदन करने के लिए आप 25 जुलाई 2025 तक आधिकारिक वेबसाइट dairy.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

  • दो मवेशियों की इकाई: लागत 1.74 लाख रुपये, जिसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति/जनजाति को 75% और अन्य वर्गों को 50% अनुदान.
  • चार मवेशियों की इकाई: लागत 3.90 लाख रुपये, जिसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति/जनजाति को 75% और अन्य को 50% अनुदान.
  • पंद्रह मवेशियों की इकाई: लागत 15.34 लाख रुपये, सभी वर्गों को 40% अनुदान.
  • बीस मवेशियों की इकाई: लागत 20.22 लाख रुपये, सभी वर्गों को 40% अनुदान.

यह अनुदान न केवल डेयरी शुरू करने की राह आसान करेगा, बल्कि आपके बिजनेस को मजबूत शुरुआत भी देगा.

अब तक 1849 आवेदन, आप भी बनें हिस्सा

योजना के प्रति लोगों का उत्साह देखते ही बनता है. अब तक विभिन्न श्रेणियों में कुल 1849 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. इनमें:

  • दो मवेशी श्रेणी: 1267 आवेदन
  • चार मवेशी श्रेणी: 447 आवेदन
  • पंद्रह मवेशी श्रेणी: 75 आवेदन
  • बीस मवेशी श्रेणी: 60 आवेदन

यह आंकड़े दिखाते हैं कि बिहार के लोग इस योजना को लेकर कितने उत्साहित हैं. आप भी इस अवसर का लाभ उठाकर अपने सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं.

 

क्यों है यह योजना खास?

‘समग्र गव्य विकास योजना’ बिहार में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने और बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि गाय पालन के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करती है. चाहे आप छोटी डेयरी शुरू करना चाहें या बड़े स्तर पर काम करना चाहें, यह योजना हर तरह के उद्यमी के लिए है.

 

कैसे करें आवेदन?

आवेदन करना बेहद आसान है. आपको बस 25 जुलाई 2025 से पहले पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की वेबसाइट dairy.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा. यह मौका उन लोगों के लिए है जो मेहनत और लगन से अपने भविष्य को संवारना चाहते हैं.

 

घर में घुसी गाय को आईआईटियन ने बांके से काट डाला

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फतेहपुर: यूपी के फतेहपुर में एक युवक ने घर में घुसी गाय को काट डाला. घटना से इलाके में हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची हिंदू संगठनों ने जमकर हंगामा काटा. सूचना पर एसडीएम और सीओ के साथ मौके पर पहुंची और लोगों को शांत कराते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया.

जानकारी के मुताबिक, थाना राधानगर क्षेत्र के अशोक नगर मोहल्ला में रिटायर्ड फौजी मोहन निषाद परिवार के साथ रहते हैं. मोहन का बेटा रोहन निषाद मद्रास से आईआईटी किया है. विदेश में 18 लाख के पैकेज में नौकरी करता था. लेकिन मानसिक स्थिति ठीक न होने के चलते वह अपने घर वापस लौट आया. उसका इलाज भी चल रहा है.

बुधवार की सुबह करीब साढ़े 8 बजे रोहन के घर का गेट खुला था, तभी एक गाय अंदर घुस गई. इससे नाराज रोहन घर के अंदर से बांका लेकर आया और गाय पर कई बार हमला किया. जिससे गाय की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, रोहन ने पड़ोसियों को धमकाते हुए कहा कि अगर कोई उसके पास आया तो उसे भी काट डालेगा.

सूचना पर हिंदू संगठनों के आक्रोशित पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया. जानकारी मिलते ही एसडीएम सदर और सीओ सिटी वीर सिंह के साथ स्थानीय थाना राधानगर प्रभारी दिनेश चन्द्र मिश्र ने मौके पर पहुंचकर लोगों को किसी तरह शांत कराया. इसके बाद आरोपी को हिरासत में लिया.
रोहन के परिवार पर नाले के ऊपर अवैध निर्माण कराने का भी आरोप है. इस पर तत्काल अवैध निर्माण पर बुलडोजर की कार्रवाई कर ध्वस्त करा दिया गया. एसडीएम सदर अर्चना अग्निहोत्री ने बताया कि आरोपी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. इलाके में शांति व्यवस्था कायम है. मामले में पुलिस विधिक कार्रवाई कर रही है.

एनआईपीसीसीडी का नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान रखा गया

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एनआईपीसीसीडी का नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान करना भारत के अग्रणी समाज सुधारकों में से एक की विरासत को श्रद्धांजलि है: श्रीमती अन्नपूर्णा देवी

4 जुलाई, 2025 को रांची में नए क्षेत्रीय केंद्र का उद्घाटन किया जाएगा

यह नया केंद्र अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण और सहायता देकर सशक्त बनाने के साथ-साथ जमीनी स्तर पर हमारे प्रमुख मिशनों को भी मजबूत करेगा: श्रीमती अन्नपूर्णा देवी

राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (एनआईपीसीसीडी) का आधिकारिक तौर पर नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान कर दिया गया है। यह कदम संस्थान की उभरती भूमिका और देश भर में महिलाओं व बच्चों के विकास के लिए क्षेत्र-विशिष्ट, मिशन-संचालित मदद पर अधिक ध्यान केंद्रित करने को दर्शाता है। यह परिवर्तन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी के दूरदर्शी नेतृत्व में हुआ है।

संपर्क और क्षेत्रीय क्षमता निर्माण को मजबूत करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम के अंतर्गत, 4 जुलाई, 2025 को झारखंड के रांची में एक नए क्षेत्रीय केंद्र का उद्घाटन किया जाएगा। यह केंद्र मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रमों-मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के विशेष प्रशिक्षण और अनुसंधान आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इसमें विशेष रूप से झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। अब तक इन राज्यों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को आंशिक रूप से गुवाहाटी और लखनऊ स्थित क्षेत्रीय केंद्रों के माध्यम से पूरा किया जाता था जिससे लंबी यात्रा दूरी के कारण कई पदाधिकारियों के लिए रसद संबंधी चुनौतियां उत्पन्न होती थीं। यह नया क्षेत्रीय केंद्र, बाल मार्गदर्शन और परामर्श में एडवांस डिप्लोमा भी प्रदान करेगा और इन राज्यों में अग्रिम पंक्ति के पदाधिकारियों के लिए बेहतर पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा। अनुमान है कि चारों राज्यों के 115 जिलों में फैले मंत्रालय के मिशनों के अंतर्गत सात लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।

श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि एनआईपीसीसीडी का नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान करना भारत के अग्रणी समाज सुधारकों में से एक की विरासत को श्रद्धांजलि है और महिला एवं बाल-केंद्रित विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। नए क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रांची में नए क्षेत्रीय केंद्र का उद्घाटन पूर्वी क्षेत्र में विकेंद्रीकृत, क्षेत्र-विशिष्ट क्षमता निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह केंद्र न केवल हमारे अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण और सहायता तक बेहतर पहुंच प्रदान करके सशक्त करेगा, बल्कि जमीनी स्तर पर हमारे प्रमुख मिशनों को भी मजबूत करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में कोई भी महिला या बच्चा पीछे न छूटे।

रांची में नया क्षेत्रीय केंद्र न केवल प्रशिक्षण सेवाओं को क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के करीब लाएगा, बल्कि स्थानीय मुद्दों की पहचान, अनुकूलित हस्तक्षेप और पूर्वी क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण के लिए बेहतर संसाधन उपयोग को भी साकार करेगा। यह केंद्र बाल विकास, मानसिक स्वास्थ्य और किशोर कल्याण से संबंधित अनुसंधान, परामर्श और विस्तार गतिविधियों के लिए भी मददगार साबित होगा। यह कदम अंतिम छोर तक सेवाओं की आपूर्ति, क्षेत्र-विशिष्ट क्षमता निर्माण और केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी के नेतृत्व में एक समावेशी, सशक्त एवं स्वस्थ भारत के निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

एनआईपीसीसीडी का नाम अब सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान रखा गया है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और वर्तमान में इसके क्षेत्रीय केंद्र बैंगलोर, गुवाहाटी, लखनऊ, इंदौर और मोहाली में हैं। यह महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में प्रशिक्षण, अनुसंधान, दस्तावेज़ीकरण और क्षमता निर्माण के लिए शीर्ष निकाय के रूप में कार्य करता है। संस्थान अपने ऑनलाइन और भौतिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न प्रमुख योजनाओं के तहत कार्यान्वयन तंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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पद्म पुरस्कार-2026 के लिए 31 जुलाई, 2025 तक किए जा सकेंगे नामांकन

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गणतंत्र दिवस, 2026 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्‍कार-2026 के लिए ऑनलाइन नामांकन/सिफारिशें 15 मार्च 2025 से शुरू हो गई हैं। पद्म पुरस्‍कारों के नामांकन की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है। पद्म पुरस्‍कारों के लिए नामांकन/सिफारिशें राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार पोर्टल https://awards.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्‍त की जाएंगी।

पद्म पुरस्‍कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्‍थापित, इन पुरस्‍कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। इन पुरस्‍कारों के अंतर्गत ‘उत्‍कृष्‍ट कार्य’ के लिए सम्‍मानित किया जाता है। पद्म पुरस्‍कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्‍ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। चिकित्‍सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्‍य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल है, पद्म पुरस्‍कारों के पात्र नहीं हैं।

सरकार पद्म पुरस्‍कारों को “पीपल्स पद्म” बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अत:, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन/सिफारिशें करें। नागरिक स्‍वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं।

नामांकन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (citation) (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो।

इस संबंध में विस्‍तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्‍कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्‍कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्‍ध हैं। इन पुरस्‍कारों से संबंधित संविधि (statutes) और नियम वेबसाइट पर https://padmaawards.gov.in/AboutAwards.aspx लिंक पर उपलब्‍ध हैं।