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सलमान खान-लॉरेंस बिश्नोई पर गाना लिखने वाले को एक महीने के अंदर मार दिया जाएगा

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Salman Khan Threat News: बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को एक बार फिर से कथित लॉरेंस बिश्नोई गैंग की ओर से धमकी भरा संदेश मिला है. मुंबई के ट्रैफिक पुलिस कंट्रोल रूम में सलमान खान के लिए धमकी भरा मैसेज आया है. कंट्रोल रूम को गुरुवार रात करीब 12:00 बजे धमकी भरा मैसेज मिला. इसमें लिखा है कि सलमान खान और लॉरेंस बिश्नोई पर एक गाना लिखा गया है, उसे नहीं छोड़ा जाएगा.

धमकी भरे मैसेज में आगे लिखा है, “एक महीने के अंदर गाना लिखने वाले को मार दिया जाएगा, गाना लिखने वाले की हालत ऐसी हो जाएगी कि वह अपने नाम से गाना नहीं लिख पाएगा. अगर सलमान खान में हिम्मत है तो वह उन्हें बचाएं.” फिलहाल इस मामले में मुंबई पुलिस जांच कर रही है.

सलमान खान को धमकी देने के एक आरोपी को पुलिस ने पकड़ा

इससे पहले सलमान खान को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में राजस्थान के एक व्यक्ति को बुधवार को पकड़ा गया और महाराष्ट्र पुलिस को सौंप दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि आरोपी की पहचान भीखा राम (32) के रूप में हुई है, जिसे विक्रम के नाम से भी जाना जाता है और वह राजस्थान के जालौर का निवासी है.

हावेरी के पुलिस अधीक्षक अंशु कुमार ने बताया, ‘‘महाराष्ट्र एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ते) से प्राप्त सूचना के आधार पर हावेरी कस्बे में एक व्यक्ति को पकड़ा गया और उसे उनके हवाले कर दिया गया.’’ पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी लगभग डेढ़ महीने पहले हावेरी आने से पहले कर्नाटक में विभिन्न स्थानों पर रह रहा था.

आरोपी ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई का प्रशंसक होने का किया दावा

उन्होंने बताया कि वह निर्माण स्थलों पर काम कर रहा था और गौदर ओनी में किराये के कमरे में रह रहा था. पुलिस के एक सूत्र ने कहा, ‘‘आरोपी एक क्षेत्रीय समाचार चैनल देख रहा था, तभी उसने अचानक मुंबई पुलिस नियंत्रण कक्ष में फोन करके सलमान खान को जान से मारने की धमकी दी. वह एक दिहाड़ी मजदूर है और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का प्रशंसक होने का दावा करता है. यह उसका बयान है, लेकिन उससे विस्तृत पूछताछ और जांच मुंबई पुलिस करेगी. हमारी टीम ने उसे मुंबई पुलिस को सौंप दिया

महाराष्ट्र के धुले में चुनावी रैली – कुछ लोगों की राजनीतिक का आधार केवल लूट है -पीएम मोदी

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महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनाव प्रचार का आगाज कर दिया है। पीएम मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के धुले में चुनावी रैली को संबोधित किया। पीएम मोदी ने सभा में आई जनता आभार जताया और इसके बाद महाविकास अघाड़ी पर जमकर बरसे। पीएम मोदी ने रैली में कहा कि महाराष्ट्र से मैंने जब भी कुछ मांगा है, महाराष्ट्र के लोगों ने दिल खोलकर मुझे अपना आशीर्वाद दिया है।

2014 के विधानसभा चुनाव में आया था- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने जनसभा में कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव में मैं आपके बीच यहां धुले आया था। मैंने आपसे महाराष्ट्र में भाजपा सरकार के लिए आग्रह किया था। आपने महाराष्ट्र में 15 साल के सियासी कुचक्र को तोड़कर भाजपा को अभूतपूर्व जीत दिलाई थी। आज मैं एक बार फिर यहां धुले की धरती पर आया हूं। धुले से ही मैं महाराष्ट्र में चुनाव अभियान की शुरुआत कर रहा हूं।

MVA में ड्राइवर सीट के लिए झगड़ा- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों की राजनीतिक का आधार केवल लूट है। महाविकास अघाड़ी की गाड़ी में ड्राइवर सीट के लिए ही झगड़ा है। इनकी गाड़ी में न पहिया न ब्रेक है। ये सत्ता में आकर विकास को ठप्प कर देते हैं। हमारी योजनाएं MVA को बर्दाश्त नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि हम जनता की सेवा के लिए राजनीति में हैं। पीएम मोदी ने कहा कि अगले 5 वर्ष महाराष्ट्र की प्रगति को एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। महाराष्ट्र को जो सुशासन चाहिए, वो सिर्फ महायुति की सरकार ही दे सकती है।

महायुति का वचननामा शानदार- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने रैली में आए लोगों से कहा कि हम सभी को, भाजपा को महायुति को, महायुति के एक-एक उम्मीदवार को आपका आशीर्वाद चाहिए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि पिछले 2.5 वर्षों में महाराष्ट्र के विकास को जो गति मिली है, उसे रुकने नहीं दिया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि महायुति का वचननामा शानदार है, महायुति के संकल्पों की चर्चा हो रही है।

MVA के लोग महिलाओं को गाली दे रहे- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने रैली में कहा कि महाविकास अघाड़ी के लोग महिलाओं को गाली दे रहे हैं। महाराष्ट्र की जनता इन्हें माफ नहीं करेगी। वे महिलाओं को सशक्त नहीं होने देना चाहते हैं। पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि MVA के लोग महिलाओं को नीचा दिखाते हैं। ये लाडली बहना योजना को बंद कर देंगे। कांग्रेस और उसके साथियों ने ठान लिया है कि अगर उन्हें सत्ता मिली, तो सबसे पहले इस योजना को बंद कर देंगे। इसलिए महाराष्ट्र की हर महिला को इन अघाड़ी वालों से सतर्क रहना है। ये लोग कभी नारीशक्ति की सशक्त होते हुए नहीं देख सकते। पीएम मोदी ने धुले की जनसभा में कहा कि विकसित महाराष्ट्र-विकसित भारत के लिए हमारी बहनों-बेटियों का जीवन आसान बनाना, उन्हें सशक्त करना बहुत जरूरी है। जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तो पूरा समाज तेजी से प्रगति करता है। इसलिए, पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने महिलाओं को केंद्र में रखकर बड़े फैसले लिए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि पूरा महाराष्ट्र देख रहा है कि कांग्रेस और अघाड़ी वाले लोग अब महिलाओं को किस तरह गाली देने पर उतर आए हैं। कैसी-कैसी अभद्र भाषा, कैसे-कैसे कमेंट, महिलाओं को नीचा दिखाने की कोशिश। महाराष्ट्र की कोई माता-बहन कभी भी अघाड़ी वालों के इस कृत्य को माफ नहीं कर सकती।

आपके आशीर्वाद से महायुति की सरकार बनी- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि आपने महाअघाड़ी वालों के धोखे से बनी सरकार के 2.5 साल देखें हैं। इन लोगों ने पहले सरकार लूटी और फिर महाराष्ट्र के लोगों को लूटने में भी वो लोग लग गए थे। इन लोगों ने मेट्रो परियोजनाओं को ठप्प कर दिया। वधावन पोर्ट के काम में अड़ंगा लगा दिया, समृद्धि महामार्ग बनने में रुकावटें पैदा की। अघाड़ी वालों ने हर उस योजना पर रोक लगा दी, जिससे महाराष्ट्र के लोगों का भविष्य निश्चित उज्ज्वल होने वाला था। फिर आपके आशीर्वाद से यहां महायुति की सरकार बनी। महायुति की सरकार ने 2.5 वर्षों में महाराष्ट्र ने विकास के नए रिकॉर्ड बनाएं। शिंदे जी की कमान में 2.5 वर्षों में महाराष्ट्र को उसका गौरव और विकास का भरोसा वापस मिला है।

मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा दिया- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने चुनावी रैली में कहा कि मुझे गर्व है कि हमारी सरकार ने मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा दिया है। मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा मिले, ये दशकों से महाराष्ट्र के लोगों की इच्छा थी। कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र और केंद्र, दोनों जगह एक साथ सरकारें चलाईं। लेकिन, मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा मिले, इन्हें इसकी जरूरत नहीं लगी। इन्होंने हमेशा मराठी भाषा के सम्मान की मांग को अनदेखा किया। उन्हें अब भी परेशानी हो रही है कि मोदी ने ये काम कैसे कर दिया, क्यों कर दिया! महाराष्ट्र के नाम पर राजनीति करने वाले अघाड़ी वालों का यही असली चेहरा है।

हम आदिवासी परंपरा को पहचान दे रहे- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आदिवासियों के हितों की भी बात की। पीएम ने कहा कि आदिवासी विरासत को न्याय मिले, आदिवासी युवाओं के बेहतर भविष्य के काम में दशकों लग गए। जब अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार आई, तब अलग आदिवासी मंत्रालय बना। तब पहली बार आदिवासी हितों को, इस समाज की अपेक्षाओं को महत्व मिला। हमारी सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मजयंती पर ‘जनजातीय गौरव दिवस’ की शुरुआत की है। इसका मकसद यही है कि आदिवासी परंपरा को पहचान मिले। इस बार 15 नवंबर से अगले 1 वर्ष तक हम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्मजयंती मनाएंगे।

कांग्रेस एक जाति को दूसरे से लड़ा रही- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस द्वारा एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाने का खतरनाक खेल खेला जा रहा है। और ये खेल इसलिए खेला जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस कभी दलितों-पिछड़ों-आदिवासियों को आगे बढ़ते नहीं देख सकती। यही कांग्रेस का इतिहास है। भाजपा ने हमेशा ‘सबका साथ-सबका विकास’ की नीयत से काम किया है। इस संकल्प का प्रमुख हिस्सा हमारा आदिवासी समाज भी है। ये वो समाज है, जिनका देश की आजादी में, देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लेकिन कांग्रेस और उसके साथियों ने कभी आदिवासी गौरव, आदिवासी स्वाभिमान पर ध्यान नहीं दिया।

कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर का विरोध किया

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि आजादी के समय कांग्रेस के समय बाबा साहेब अंबेडकर ने बहुत कोशिश की थी कि शोषितों-वंचितों को आरक्षण मिले। लेकिन नेहरू जी अड़े हुए थे कि किसी भी कीमत पर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। बहुत मुश्किल से बाबा साहेब दलितों और पिछड़ों के लिए आरक्षण का प्रावधान करा पाए। नेहरू जी के बाद इंदिरा जी आई, उन्होंने भी आरक्षण के खिलाफ ऐसा ही रवैया जारी रखा। उनका भी मकसद यही था कि किसी भी कीमत पर एससी, एसटी, ओबीसी को प्रतिनिधित्व न मिल पाए।

पीएम मोदी ने कहा कि इंदिरा जी के बाद राजीव गांधी जी आए, उनकी भी सोच और अप्रोच अपने खानदान से अलग नहीं थी। राजीव गांधी ने भी ओबीसी आरक्षण का खुलकर विरोध किया था। ये लोग जानते थे कि अगर एससी, एसटी और ओबीसी समाज सशक्त हो गया, तो उनकी राजनीति की दुकान का शटर गिर जाएगा। राजीव गांधी के बाद अब इस परिवार की चौथी पीढ़ी के युवराज भी इसी खतरनाक भावना के साथ काम कर रहे हैं।

कांग्रेस का एजेंडा SC/ST समाज को तोड़ना- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का एकमात्र एजेंडा है – किसी भी तरह SC/ST समाज की एकता को तोड़े, OBC समाज की एकता को चकनाचूर कर दें। कांग्रेस चाहती है कि SC समाज अलग-अलग जातियों में बिखरा रहे, ताकि SC समाज की सामुहिक शक्ति कमजोर पड़ जाए। कांग्रेस OBC और ST समाज को भी अलग-अलग जातियों में बाटनें की कोशिश कर रही है।

 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले पुलिस ने दक्षिण मुंबई के कालबादेवी में 12 लोगों के पास से 2.3 करोड़ रुपये नकद जब्त किए

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महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। 23 नवंबर को चुनाव का रिजल्ट जारी होगा। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले पुलिस ने दक्षिण मुंबई के कालबादेवी में 12 लोगों के पास से 2.3 करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं। शुक्रवार को अधिकारियों ने यह जानकारी साझा की। दरअसल गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई। लोकमान्य तिलक मार्ग थाना पुलिस और निर्वाचन अधिकारियों ने गुरुवार की रात कुछ लोगों को रोका। अधिकारियों के मुताबिक, इन लोगों की जब तलाशी ली गई तो उनके पास से 2.3 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए।

नकदी ले जा रहे 12 लोग गिरफ्तार

तलाशी के दौरान नकदी लेकर जा रहे ये लोग न तो नकदी से संबंधित कोई डॉक्यूमेंट प्रस्तुत कर सके और न ही वे इतनी बड़ी रकम ले जाने का कारण बता पाए। बता दें कि राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद निर्वाचन आयोग के निर्देश पर गठित निगरानी टीम नकदी, शराब और अन्य संभावित प्रलोभनों जैसी वस्तुओं को लेकर अलर्ट है। शुक्रवार को अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में सुबह तक कागजी कार्रवाई की गई। पूछताछ के बाद पैसे को जब्त कर लिया गया। वहीं नकदीं ले जा रहे 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि बाद में जांच के लिए नकदी को आयकर विभाग को सौंप दिया गया है।

23 नवंबर को आएगा रिजल्ट

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 20 नवंबर को मतदान किया जाएगा। वहीं वोटों को गिनती और चुनाव परिणाम की घोषणा 23 नवंबर को की जाएगी। बता दें कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी और महायुति के  बीच कांटे की टक्कर है। महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी, एनसीपीएसपी तीन प्रमुख पार्टियां हैं। वहीं महायुति में शिवसेना, भाजपा, एनसीपी तीम प्रमुख पार्टियां हैं। दोनों ही गठबंधन के दलों का कहना है कि अगली सरकार उनकी ही आ रही है। अब इसका फैसला तो 23 नवंबर को ही हो सकेगा।

चुनौती पूर्ण है दिनकर के काव्य ‘उर्वशी’ को मंचित करना

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(कुमार कृष्णन-विभूति फीचर्स)

ऋग्वेद में वैदिक संस्कृति की पहली कथा उर्वशी और राजा पुरुरवा की है। दो भिन्न संस्कृतियों की टकहराट की प्रतीक है यह मार्मिक प्रणय-गाथा। उर्वशी के लिए रामधारी सिंह ‘दिनकर’ को ज्ञानपीठ सम्मान से सम्मानित किया गया था।
हाल ही में कला संस्कृति एवं युवा विभाग,बिहार सरकार के सौजन्य एवं जिला प्रशासन,मुंगेर के सहयोग से कला जागरण,पटना द्वारा रामधारी सिंह दिनकर की अविस्मरणीय कृति उर्वशी का मंचन मुंगेर में किया गया। मुंगेर में इस मंचन के मायने है क्योंकि मुंगेर प्रमंडल के बेगूसराय का सिमरिया गाँव दिनकर की जन्मभूमि है ।

नाटक के कथानक का मूल है कि उर्वशी स्वर्ग लोक की मुख्य अप्सरा थी। वह देवों के राजा इन्द्र की सभा में नृत्य किया करती थी। परम सुन्दरी उर्वशी ने अपना हृदय किसी को अर्पित नहीं किया था। एक बार उर्वशी अपनी अन्य सखियों के साथ भूलोक पर भ्रमण के लिए गई, जहाँ एक असुर की उन पर दृष्टि पड़ी और उसने उनके अपहरण का प्रयास किया। उर्वशी की चीत्कार को सुन राज पुरूरवा ने असुर पर आक्रमण कर उसे मुक्त करा लिया| उर्वशी और पुरुरवा से एक पुत्र का जन्म होता है जिसका पालन महर्षि च्यवन की पत्नी सुकन्या द्वारा किया जाता है। आयु के सोलह वर्ष के होने पर सुकन्या उसे पुरुरवा की राजसभा में ले जाती है। अंत में अपना राजपाट पुत्र आयु को सौंपकर पुरुरवा वन चले जाते हैं।
नाटक की शुरुआत उर्वशी के स्वर्ग से पृथ्वी पर आगमन से होती है, जहां वह पुरूरवा से मिलती है। दोनों में प्रेम होता है, लेकिन उर्वशी को स्वर्ग वापस जाना पड़ता है। पुरूरवा उसके बिना जीवन का अर्थ नहीं समझ पाता और आत्मसमर्पण कर देता है।

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की रचना उर्वशी का नाट्य मंचन दर्शकों को प्रभावित करने में पूरी तरह सफल होता है।
नाटक के सभी पात्र अपनी -अपनी भूमिका में खरे उतरते हैं। उर्वशी की भूमिका में यामिनी, पुरुरवा की भूमिका में कुमार सौरभ और औशिनरी की भूमिका में श्रीपर्णा चक्रवर्ती ने अपने अभिनय कौशल से दर्शकों को प्रभावित किया। वहीं अन्य पात्र सुकन्या/चित्रालेखा के रूप में श्वेता सुरभि, नट की भूमिका में सौरभ सिंह, नटी /कंचुकी की भूमिका में अपराजिता, रंभा की भूमिका में अंकिता चौधरी, मेनका की भूमिका में कशिश राज, सहकन्या की भूमिका में तान्या शर्मा ,अपाला की भूमिका में आन्या सिंह, निपुणिका की भूमिका में चन्दावती कुमारी, अमात्य की भूमिका में चंदन राज, विश्वमना की भूमिका में मिथलेश कुमार सिन्हा, राक्षस की भूमिका में हरिकृष्ण सिंह मुन्ना और प्रतिहारी की भूमिका में अरविंद कुमार अपने अपने किरदार के साथ न्याय करते दिखे।

नाटकों के मंचन में संगीत केवल एक सहयोगी तत्व ही नहीं अपितु एक अनिवार्य अंग है। भरत से लेकर आज तक संगीत नाटकों को न सिर्फ लोकप्रिय बनाता रहा है अपितु उसकी गूढ व्यंजनाओं को भी सरलीकृत रूप में लोक-हृदय तक पहँचाने में अपनी सार्थक भूमिका निभाता आ रहा है। इस नाटक में भी संगीत का प्रयोग किया गया है। छंदबद्धता, लयात्मकता और संगीतात्मकता सुंदर है।

नाटक में संगीत निर्देशन सरोज दास का था, जबकि संगीत रचना का, मुख्य गायन स्वर नंदिता चक्रवर्ती का और कोरस स्वर नेहा पांडे, खुशी कुमारी और समाहिता का था, जो प्रभावोत्पादक रहा।
स्त्र विन्यास, रीना कुमारी का, प्रकाश एवं ध्वनि, उपेन्द्र कुमार का और यामिनी तथा मनोज मयंक का रूप सज्जा
अनुकुल था।

नाटक के सहायक निदेशक डॉ. किशोर सिन्हा के अनुसार उर्वशी के बारे में तो हर काल में गद्य में, पद्य में काफी कुछ लिखा गया है, पर राष्ट्र कवि दिनकर के काव्य में पहुँच कर सिर्फ उर्वशी ही अवतरित नहीं हुई है, उसके पीछे नारी के प्रति एक चिरंतन दृष्टि, सामाजिक ताना -बाना, पुरुषवादी संस्कृति की सोच और उससे भी बढ़कर स्त्री के उदार हृदय की वाणी भी अवतरित हुई है, नहीं तो कोई कारण नहीं था कि उर्वशी पुत्र आयु को, पुरुरवा पत्नी औशिनरी खुले हृदय और अगाध क्षमता के साथ स्वीकार कर लेती है। इसे नाट्य रुप में संपादित करना चुनौती से कम नहीं था।

निर्देशक सुमन कुमार के निर्देशन में मंचित इस नाटक में कलाकारों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। यह नाटक प्रेम, बलिदान और मानवीय संवेदनाओं की गहराई को उजागर करता है।(विभूति फीचर्स)

राहुल गाँधी के निशाने पर राजघराने

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(राकेश अचल-विनायक फीचर्स)

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुलाम भारत के उन राजघरानों के बारे में लिख दिया जो आजाद भारत में भी अपने आपको राजा-महाराजा समझते हैं हालाँकि हैं नहीं और अब उनके लिए दोबारा राजपाट मिलने की कोई संभावना भी नहीं है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने व्यापार और बाजार परिदृश्य पर विचार प्रस्तुत करते हुए एक लेख लिखा जो एक अंग्रेजी अखबार में छपा है । ये अखबार किसी जमाने में कांग्रेस का प्रबल विरोधी अखबार था। अखबार का नाम है ‘ इंडियन एक्सप्रेस ।

राहुल के लेख में उन्होंने एकाधिकार और नफरत फैलाने वालों पर निशाना साधा है। उन्होंने शाही परिवारों को भी निशाने पर लिया। राहुल गाँधी का लेख पढ़ते ही राजघरानों के लोगों को आग सी लग गयी। राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने राहुल गांधी के लेख की आलोचना की। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में झाँसी की रानी के साथ कथित गद्दारी का कलंक लिए घूमने वाले ग्वालियर के सिंधिया राजघराने के मौजूदा चश्मों चिराग केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी राहुल गांधी की टिप्पणी पर अपनी नाराजगी जताई।
आपको अतीत में ले जाना चाहता हूँ । हमने पढ़ा है तो आपने भी पढ़ा ही होगा कि भारत में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान हिन्दुस्तान में हिन्दू राजा-महाराजाओं और मुसलमान नवाबों की रियासतें हुआ करतीं थी। यानि जैसे आज आजाद राष्ट्र में एक महाराष्ट्र है वैसे ही गुलाम भारत में एक – दो नहीं बल्कि पूरी 565 रियासतें थीं। यानि 565 हिंदुस्तान। ये सब स्वतंत्र होकर भी परतंत्र थे लेकिन मजे में थे ।
अंग्रेजों के साथ अधिकांश राजघरानों की संधियां थी।कुछ की तो मुगलों से भी संधियां रहीं। अंग्रेज इन्हें इनाम-इकराम और बड़े -बड़े तमगे भी दिया करते थे, लेकिन इनमें से बहुत से राजघराने थे जो अंग्रेजों से लगातार मुठभेड़ें भी लेते रहते थे ,लेकिन उनकी ये मुठभेड़ें निजी नफा-नुकसान को लेकर हुआ करतीं थीं।
आजकल लोग अखबार कम पढ़ते हैं लेकिन सोशल मीडिया ज्यादा देखते हैं इसीलिए राहुल गाँधी ने भी अपने ‘एक्स ‘ के पन्ने पर अपना लेख साझा करते हुए लिखा कि अपना भारत चुनें निष्पक्ष खेल या एकाधिकार? नौकरियां या कुलीनतंत्र? योग्यता या रिश्ते? नवाचार या डराना -धमकाना ? बहुतों के लिए धन या कुछ चुनिंदा लोगों के लिए? मैं इस बारे में लिख रहा हूं कि व्यापार के लिए एक नया समझौता सिर्फ एक विकल्प नहीं है, यह भारत का भविष्य है।
आपने शायद राहुल का लेख न पढ़ा हो इसलिए मैं उनके लेख के कुछ अंश यहां साझा करता हूँ । उन्होंने लिखा कि – ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत को चुप करा दिया था। यह अपने व्यापारिक कौशल से नहीं, बल्कि अपने दबदबे से कराया गया था। कंपनी ने हमारे अधिक लचीले महाराजाओं और नवाबों के साथ साझेदारी करके, रिश्वत देकर और धमकाकर भारत का गला घोंटा। इसने हमारे बैंकिंग, नौकरशाही और सूचना नेटवर्क को नियंत्रित किया। हमने अपनी आजादी किसी अन्य राष्ट्र से नहीं खोई, हमने इसे एक एकाधिकारवादी निगम से खो दिया जिसने एक जबरदस्ती तंत्र चलाया।
अब इस लेख में कितनी हकीकत है और कितना अफ़साना ये पाठकों को तय करना है ,लेकिन मुझे लगता है कि राहुल ने एक बार फिर उस सामंतवादी समाज की दुखती रग पर हाथ रख दिया है जो हमेशा राजसत्ता के इर्द गिर्द मंडराता रहता है । कल भी मंडराता था और आज भी मंडरा रहा है । उसके लिए दल ज्यादा महत्व नहीं रखते यानि राजघरानों को राजसत्ता के आसपास ही रहना है फिर चाहे वो सत्ता कांग्रेस की हो,भाजपा की हो, गठबंधन की हो या वैसाखियों वाली हो।
राहुल गांधी के लेख की कुछ पंक्तियों ने देश के तमाम राजशाही परिवारों को नाराज कर दिया। राजघरानों के लिए मशहूर राजस्थान के जयपुर के पूर्व शाही परिवार की सदस्य और राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने भी अपने एक्स हैंडल से राहुल गांधी पर निशाना साधा। राजकुमारी दीया कुमारी ने लिखा कि मैं संपादकीय में राहुल गांधी की ओर से भारत के पूर्व शाही परिवारों को बदनाम करने के प्रयास की कड़ी निंदा करती हूं। उनका कहना है कि एकजुट भारत का सपना भारत के पूर्व शाही परिवारों के अत्यधिक बलिदान के कारण ही संभव हो सका। ऐतिहासिक तथ्यों की अधूरी व्याख्या के आधार पर किए गए निराधार आरोप पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।
राहुल गाँधी के लेख से सबसे ज्यादा आहत हुए उनके पुराने दोस्त और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया। सिंधिया जिस परिवार से आते हैं उसके ऊपर झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के साथ प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन के समय ‘ गद्दारी ‘ करने का आरोप लगाया गया था,जो आज भी लोकधारणा में ज़िंदा है। सिंधिया परिवार इस आरोप से इतना लज्जित था कि पिछले डेढ़ सौ साल में इस परिवार का कोई सदस्य रानी लक्ष्मी बाई की ग्वालियर स्थित समाधि पर नहीं गया था,खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी नहीं गए थे,लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें भी रानी झाँसी को वीरांगना स्वीकार कर उनकी समाधि पर शीश नवाने के लिए विवश कर दिया गया था।
राहुल के लेख पर बिफरते हुए सिंधिया ने लिखा कि नफरत फैलाने वालों को भारतीय गौरव और इतिहास पर व्याख्यान देने का कोई अधिकार नहीं है। राहुल गांधी का भारत की समृद्ध विरासत के बारे में अज्ञान और उनकी औपनिवेशिक मानसिकता सभी सीमाओं को पार कर गई है। सिंधिया ने आगे कहा कि यदि आप राष्ट्र को ‘उन्नत’ करने का दावा करते हैं, तो भारत माता का अपमान करना बंद करें और महादजी सिंधिया, युवराज बीर तिकेंद्रजीत, कित्तूर चेन्नम्मा और रानी वेल्लु नचियार जैसे सच्चे भारतीय नायकों के बारे में जानें, जिन्होंने हमारी आजादी के लिए कड़ा संघर्ष किया।
राहुल और सिंधिया लेख भी लिखते हैं ये मुझे पता नहीं था,किन्तु राहुल के लेख पर उफनते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा कि -‘अपने स्वयं के विशेषाधिकार के बारे में आपकी चयनात्मक स्मृतिलोप उन लोगों के लिए एक अपमान है जो वास्तव में विपरीत परिस्थितियों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।आपकी असंगति केवल कांग्रेस के एजेंडे को और अधिक उजागर करती है – राहुल गांधी आत्मनिर्भर भारत के कोई चैंपियन नहीं हैं,वह केवल एक पुराने अधिकार का उत्पाद हैं। भारत की विरासत की शुरुआत या अंत ‘गांधी’ उपनाम से नहीं होती है। केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही हमारे वास्तविक योद्धाओं की कहानियों का अंततः जश्न मनाया जा रहा है। भारत के इतिहास का सम्मान करें, या उसके लिए बोलने का दिखावा न करें।
राहुल गाँधी को ये लेख लिखने की और पुराने राजघरानों को निशाने पर रखने की जरूरत आखिर क्यों पड़ी,ये मेरी समझ में नहीं आया। उन्होंने ये लेख खुद लिखा या किसी से लिखवाया ये वे जाने, किन्तु उन्होंने इस मुद्दे का सामन्यीकरण कर उन राजघरानों के लोगों को भी आहत किया जो अंग्रेज परस्त नहीं थे ,मुग़ल परस्त नहीं थे। खैर दुखती रग तो दुखती रग है । राहुल के लेख के जवाब में सिंधिया ने भी राहुल की दुखती रग छूने की कोशिश की है ,बावजूद इसके एक हकीकत ये है कि पुराने पांच सैकड़ा से ज्यादा राजघरानों में से मिर्ची केवल जयपुर और ग्वालियर के राजघराने को लगी।
ग्वालियर में सिंधिया राजघराने के मुखिया तो आज भी ग्वालियर के चौराहों पर सिंधिया राजघराने के प्रतीक चिन्हों की जालियां लगवाने के लिए स्मार्ट सिटी का ही नहीं बल्कि दूसरे मदो का पैसा भी पानी की तरह खर्च करा रहे हैं ताकि उनका ऐश्वर्य ज़िंदा बना रहे। वैसे आपको बता दूँ कि हमारे सिंधिया शासकों के पास अंग्रेजों द्वारा दी गयी तमाम उपाधियों में से नाइट ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर, द स्टार ऑफ इंडिया,कैसर-ए-हिंद पदक,चीन युद्ध पदक और रॉयल विक्टोरियन ऑर्डर का नाइट ग्रैंड क्रॉस प्रमुख हैं।(विनायक फीचर्स)

सिक्किम – लोककथा सर्वेक्षण से अनुभव’ पर सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम

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New Delhi       होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएचके अधीनस्थ होम्योपैथी क्लिनिकल रिसर्च यूनिट ने आज गंगटोक के काजी रोड स्थित  फर्न डेनजोंग होटल में सिक्किम के हर्बल ज्ञान की समृद्ध विरासत को होम्योपैथी के सिद्धांतों के साथ एकीकृत करने पर केंद्रित एक महत्वपूर्ण सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमईकार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में सिक्किम के स्वास्थ्य मंत्री श्री जी.टीधुंगेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थेसाथ ही सीसीआरएच के महानिदेशक डॉसुभाष कौशिक भी मौजूद थे। सिक्किम सरकार के राष्ट्रीय आयुष मिशन के प्रधान निदेशकसहमिशन निदेशक डॉपेमा सेडेन लेप्चा और सिक्किम हिमालयन क्षेत्रीय केंद्रगंगटोक के भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के वैज्ञानिक और कार्यालय प्रमुख डॉराजीब गोगोई इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।

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सीसीआरएच के महानिदेशक डॉसुभाष कौशिक सिक्किम के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जी.टीधुंगेल को सम्मानित करते हुए

सीएमई ने सिक्किम में औषधीय पौधों से जुड़े पारंपरिक ज्ञान और प्रथाओं की खोज करते हुए एक व्यापक लोककथा सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर गहराई से विचार किया।   इसका उद्देश्य प्राचीन उपचारों और होम्योपैथी के सिद्धांतों के बीच संभावित तालमेल की पहचान करना था। दोनों विधाओं के श्रेष्ठ तत्वों को मिलाकरआयोजकों ने मानवता के कल्याण के लिए एक समग्र स्वास्थ्य सेवा दृष्टिकोण की परिकल्पना की।

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सीएमई के गणमान्य व्यक्ति

इस कार्यक्रम में होम्योपैथी और पारंपरिक चिकित्सा दोनों क्षेत्रों के प्रसिद्ध विशेषज्ञशोधकर्ता और चिकित्सक एक साथ आए। उन्होंने व्यावहारिक चर्चा कीबहुमूल्य अनुभव साझा किए और होम्योपैथिक नैदानिक ​​   अभ्यास में सिक्किमी हर्बल ज्ञान को एकीकृत करने के लिए नवीन रणनीतियों की खोज की। एथनोमेडिसिन में नैतिकता को ध्यान में रखते हुएऐसे एकीकृत दृष्टिकोणों की प्रभावकारिता और सुरक्षा को मान्य करने के लिए साक्ष्यआधारित अनुसंधान और नैदानिक ​​परीक्षणों पर जोर दिया गया।

सिक्किम के स्वास्थ्य मंत्री ने इस पहल के लिए अपना उत्साह व्यक्त कियातथा पारंपरिक ज्ञान को विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के साथ एकीकृत करने की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने जन स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए स्वदेशी ज्ञान को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सिक्किम में होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज खोलने तथा होम्योपैथी में उपयोग किए जाने वाले औषधीय पौधों के सर्वेक्षणसंग्रह और खेती पर एक केंद्र खोलने के लिए भूमि उपलब्ध कराने के बारे में सीसीआरएच के प्रस्तावों पर विचार करने का आश्वासन दिया। सीसीआरएच के महानिदेशक डॉसुभाष कौशिक ने भी क्लिनिकल रिसर्च यूनिट के प्रयासों की सराहना की तथा होम्योपैथी के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए सहयोगात्मक अनुसंधान की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस कार्यक्रम के दौरान डॉसुभाष कौशिकडॉसंतोष तमांगक्लीनिकल रिसर्च यूनिट (गंगटोकके प्रभारी अधिकारी और डॉहरलीन कौरसीसीआरएच मुख्यालय से गंगटोक यूनिट के लिए नोडल अधिकारी के साथसिक्किम के माननीय राज्यपाल श्री ओम प्रकाश माथुर से राजभवनगंगटोक में मिले। माननीय राज्यपाल सीएमई के बारे में जानकर बहुत खुश हुए और उन्होंने वैज्ञानिक मंचों पर सिक्किम के पारंपरिक स्वास्थ्य ज्ञान को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए इस तरह की और भी एकीकृत पहल देखने की उम्मीद जताई। उन्होंने क्लीनिकल रिसर्च यूनिट की लोककथा सर्वेक्षण परियोजना के लिए लोककथा चिकित्सकों के साथ सहयोग को सुविधाजनक बनाने का भी आश्वासन दिया।

सीएमई अत्यंत सफल रहा,, जिसने प्रतिभागियों के बीच गहरी रुचि और उत्साह पैदा किया। यह पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा दोनों के सर्वोत्तम संयोजन के साथ स्वास्थ्य सेवा के लिए अधिक समग्र और रोगीकेंद्रित दृष्टिकोण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम था।

विशेष अभियान 4.0 के अंतिम सप्ताह में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की गतिविधियां

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New  Delhi – डीएआरपीजी द्वारा विशेष अभियान 4.0 की शुरुआत पूरे देश में भारत सरकार के विभागों के कार्यालयों में लंबित मामलों में कमी लाने के उद्देश्य से की गई थी। विशेष अभियान 4.0 को सफलतापूर्वक पूरा किया गया और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग सहित भारत सरकार के सभी विभागों के साथ-साथ उनके 270 अधीनस्थ/संलग्न कार्यालयों में एक साथ मनाया गया, जिसमें उनके फील्ड कार्यालय और विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम शामिल हैं।

  अभियान के दौरान, सभी कार्यालयों में ज्यादा सकारात्मक कार्य संस्कृति बनाने के लिए कार्यालयों में समग्र कामकाजी माहौल को बेहतर करने की कोशिश की गई। विशेष अभियान 4.0 की सफलता के दौरान विभाग की प्रगति/उपलब्धि इस प्रकार है:-

क्रम संख्या गतिविधियां लक्ष्य उपलब्धि
1 स्वच्छता अभियान स्थल की संख्या 1791 1791
2 सांसदों से प्राप्त लंबित संदर्भों की संख्या

 

50 24
3 लंबित लोक शिकायतें 22295 22269
4 लंबित पीजी अपील 698 516
5 रिकॉर्ड प्रबंधन (भौतिक फ़ाइलों की समीक्षा) 53660 53660
6 रिकॉर्ड प्रबंधन (भौतिक फाइलों को हटाया गया) 19241 19241
7 जगह खाली किया गया (वर्ग फुट में क्षेत्र) 55473
8 राजस्व उत्पन्न किया गया (रुपये में) 61,07,784

इस विभाग और इसके संलग्न/अधीनस्थ कार्यालयों और उनके क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा विशेष अभियान 4.0 के अंत तक, सामूहिक रूप से 11 पीआईबी नोट जारी किए गए और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर गतिविधियां की गई हैं, जिनमें 257 से ज्यादा ट्वीट, 105 फेसबुक पोस्ट, 64 इंस्टाग्राम पोस्ट, 26 यूट्यूब पोस्ट और लिंक्ड इन पर 14 पोस्ट आदि किए गए।

राज ठाकरे ने खेला चुनाव प्रचार में हिन्दू कार्ड , उद्धव पर किया प्रहार बाला साहेब ठाकरे के नाम से हिंदू हृदय सम्राट हटा दिया

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महाराष्ट्र में जैसे-जैसे वोटिंग का दिन नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे सियासी पारा भी चढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र चुनाव में अब लाउडस्पीकर की भी एंट्री हो गई है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने वोट देने के लिए फतवों और लाउडस्पीकर के उपयोग को लेकर बड़ा बयान दिया है। राज ठाकरे का कहना है कि अगर उनकी सरकार बनी तो वो सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा देंगे। आइए जानते हैं कि राज ठाकरे ने इस मुद्दे पर और क्या कुछ कहा।

हिंदू सिर्फ दंगों के वक्त साथ आते हैं- राज ठाकरे

दरअसल, मनसे चीफ राज ठाकरे महाराष्ट्र के अमरावती में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर जमकर महाविकास अघाड़ी यानी MVA पर हमला बोला। राज ठाकरे ने कहा कि हिंदू बिखरे हुए हैं, वे सिर्फ दंगों के दौरान एक साथ आते हैं। इसके बाद राज ठाकरे ने कहा कि मुसलमान मस्जिदों से महाविकास अघाड़ी को वोट देने के लिए फतवा जारी कर रहे हैं।

शरद पवार जातिवाद फैलाने वाले संत- राज ठाकरे

अमरावती में चुनाव प्रचार के दौरान राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे और शरद पवार पर भी हमला बोला। उन्होंने शरद पवार को महाराष्ट्र में जातिवाद फैलाने वाला संत बताया और उद्धव को स्वार्थी बताया। MNS चीफ ने कहा कि जब उद्धव सीएम थे तो मैंने सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवा दिए थे, जिसके बाद हमारे लोगों पर 17 हजार केस दर्ज किए गए थे।

मैं सब ठीक कर दूंगा- राज ठाकरे

चुनाव प्रचार के दौरान राज ठाकरे ने कहा कि अगर मुझे सत्ता दी गई तो कल किसी भी मस्जिद पर स्पीकर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उद्धव ने बाला साहेब ठाकरे के नाम से हिंदू हृदय सम्राट हटा दिया। उन्होंने स्वार्थ के कारण ऐसा किया, क्योंकि वे मजबूर थे। कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी उनके साथ है। अगर वे बालासाहेब को हिंदू हृदय सम्राट कहेंगे तो यह अच्छा नहीं लगेगा। राज ठाकरे ने आगे ये भी कहा कि मुझे एक बार सत्ता दे दो मैं सब ठीक कर दूंगा।

पीएम मोदी 8 नवंबर से करेंगे महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत

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मुंबईः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र में 8 नवंबर को धुले से चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। पीएम मोदी छह दिन में दस रैली करेंगे। महाराष्ट्र बीजेपी की तरफ से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी आठ नवंबर को धुले में दोपहर 12 बजे रैली करेंगे। इसके बाद दोपहर दो बजे प्रधानमंत्री नासिक में एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में वोट मांगते नजर आएंगे।

पीएम मोदी 9 नवंबर को दो रैली करेंगे

इसके अगले दिन 9 नवंबर को पीएम मोदी की अकोला में जनसभा होगी। यह रैली दोपहर 12 बजे होगी। इसके बाद वह दोपहर दो बजे नांदेड़ में जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरान बीजेपी के सभी सीनियर नेताओं के रहने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी की रैली में सीएम एकनाथ शिंदे भी मौजूद रहेंगे।

12 और 14 नवंबर को करेंगे तीन-तीन रैलियां

प्रधानमंत्री मोदी 12 नवंबर को महाराष्ट्र में तीन रैलियां करेंगे। वह चिमूर और सोलापुर में जहां जनसभा करेंगे वहीं पुणे में रोड शो करेंगे। वहीं, 14 नवंबर को पीएम मोदी संभाजी नगर,  रायगढ़ और मुंबई में जनसभाएं करेंगे।

अजीत पवार ने किया चुनाव प्रचार

वहीं, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को पार्टी उम्मीदवार सना मलिक और नवाब मलिक के लिए प्रचार किया। अजित पवार ने कहा कि में अपने बहुत से उम्मीदवारों की रैलियों में जाता हूं। मैं सना और नवाब भाई की रैली में आया हूं। आप लोगों का उत्साह देख सकते हैं। सभी वर्गों के लोग इसमें शामिल हुए हैं, हमें खुशी है कि हमें लोगों का समर्थन मिल रहा है। मुझे विश्वास है कि हम दोनों सीटें जीतेंगे। विकास सभी को साथ लेकर ही संभव है, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति के हों।

वहीं, अणुशक्ति नगर विधानसभा क्षेत्र से NCP उम्मीदवार सना मलिक ने कहा कि अजित पवार प्रचार के लिए यहां आ रहे हैं। नामांकन प्रक्रिया के दौरान मेरे पिता (नवाब मलिक) को लेकर खींचतान चल रही थी, उस समय अजित पवार ने हमारा पूरी ताकत से साथ दिया। लोग हमारे साथ हैं। हम अपने काम के आधार पर लोगों से वोट मांगते हैं।

20 नवंबर को होगा मतदान

बता दें कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा और नतीजे 23 नवंबर कोघोषित किए जाएंगे। महाराष्ट्र विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 26 नवंबर, 2024 को समाप्त होगा। 20 नवंबर को होने वाले मतदान को लेकर चुनाव प्रचार जोर पकड़ चुका है।

गौ तस्करी में लिप्त आरोपित को किया जिला बदर

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हरिद्वार, 07 नवंबर (हि.स.)। जनपद के कोतवाली रानीपोखरी पुलिस ने गौ तस्करी में लिप्त एक आरोपित को गुरुवार को जिला बदर किया है।  जानकारी के मुताबिक रानीपुर कोतवाली पुलिस की ओर से अनीस पुत्र मौ. उमर निवासी ग्राम सलेमपुर हरिद्वार के विरूद्ध वर्ष 2022 में गुण्डा अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई थी। पुलिस ने आरोपित को जिला बदर कराये जाने के लिए जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित की गई थी। जिस पर अपर जिला मजिस्ट्रेट ने अनीस को एक माह के लिए जिला बदर के आदेश पारित किये। कोतवाली रानीपुर पुलिस ने अनीस को एक माह 30 दिवस के लिए जिला बदर कर दिया