Home Blog Page 49

समस्त महाजन पशु कल्याण के लिए नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय स्थापित करने की बना रहा है योजना

0

नई दिल्ली (17 दिसंबर 2024)
भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) द्वारा पशु कल्याण और गौशाला विकास कार्यों को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है और पशु क्रूरता में कमी आ रही है, क्योंकि, देश भर में पशु कल्याण संगठनों द्वारा जबरदस्त काम किया जा रहा है। इस बात का खुलासा किया है मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार की पशु कल्याण सलाहकार समिति के सदस्य मितल खेतानी ने। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पशु कल्याण पर्यावरण संरक्षण का एक प्रबल हिस्सा है और दोनों सेवाओं का गठजोड़ मानव विकास से है, इस मुद्दे को प्रचारित, प्रसारित एवं सार्वजनिक किया जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाली गैर सरकारी संगठन संस्था महाजन पशु कल्याण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रही है। यह एनजीओ भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य, डॉ. गिरीश जयंतीलाल शाह के मार्गदर्शन में काम कर रहा है।

खेतानी ने आगे कहा, “90 के दशक के दौरान, डॉ. गिरीश जयंतीलाल शाह जैसे एक प्रमुख हीरा व्यवसायी के नेतृत्व में एक टीम ने वर्ष 2002 में समस्त महाजन की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य सभी प्राणियों के प्रति मानवता, दया और करुणा की जानकारी का प्रचार करना था। संगठन ने पशु कल्याण और जानवरों की सुरक्षा, पर्यावरण की रक्षा करके प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और संरक्षण के क्षेत्र में काम करने का संकल्प लिया है। इस मिशन में जल, जानवर और जंगल का संरक्षण-संवर्धन सम्मिलित है। समस्त महाजन द्वारा मानवता आदि पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है। डॉ शाह के उत्कृष्ट योगदान के लिए, संगठन को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। डॉ. गिरीश जे शाह को भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) का सदस्य नियुक्त किया गया। उन्हें गुजरात के राज्यपाल द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस से भी सम्मानित किया गया। समस्त महाजन वर्तमान में गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश राज्य में काम कर रहा है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान समस्त महाजन के ट्रस्टी परेशभाई शाह ने कहा, “समस्त महाजन ने पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम के क्षेत्र में ऐतिहासिक काम किया है, खासकर गढ़ीमाई नेपाल में की जा रही पशु बलि पर। भगवान के नाम पर हजारों भैंस (बछड़े), बकरी/भेड़, मुर्गियां, खरगोश और अन्य निर्दोष जानवरों का वध किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि समस्त महाजन टीम ने बिहार सरकार की मदद से बिहार के सीमा क्षेत्र को सील करने में सफलता प्राप्त की है और जानवरों की आवाजाही बंद कर दी गई है। सभी सीमावर्ती जिला कलेक्टरों के पास सूचना के लिए हमारे पास पत्रों की एक प्रति है। बिहार सरकार ने जागरूकता पैदा करने और बिहार की सीमा से अवैध पशु परिवहन को रोकने के लिए अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन दिए हैं। टीम ने 10 दिनों से अधिक समय तक जागरूकता पैदा की और नेपाल सरकार के साथ बातचीत करने का प्रयास किया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में परेश भाई ने कहा कि समस्त महाजन पहला गैर सरकारी संगठन है जो मुंबई जैसे मेट्रो शहर में 28 महीने से अधिक समय से लगातार 11 एम्बुलेंस चला रहा है। आज तक, शहर में 110 किमी के दायरे में 27,680 जानवरों को बचाया गया है। प्रत्येक की लागत 25 लाख रुपये है। समस्त महाजन इस सेवा को चलाने के लिए प्रति वर्ष लगभग 30 लाख रुपये खर्च करता है। पशु एम्बुलेंस सेवा 14 हेल्पलाइनों द्वारा नियंत्रित की जाती है। “समस्त महाजन राजस्थान राज्य में नए तालाबों के जीर्णोद्धार/निर्माण के माध्यम से जल संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी संगठन है और 3070 से अधिक तालाबों और झीलों में वर्षा जल को संरक्षित करने में सफल रहा है।

समस्त महाजन ने अब तक 25,800 हेक्टेयर से अधिक भूमि को चरागाह के लिए हटाकर, साफ करके और विकसित करके भूमि के विकास में भी अग्रणी है। वृक्षारोपण में उत्कृष्ट कार्य के कारण, संगठन को राष्ट्रीय पुरस्कार-प्रिय प्रियदर्शिनी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मीडियाकर्मियों को जवाब देते हुए परेशभाई ने कहा, “पिछले दो दशकों से, समस्त महाजन तीन दिवसीय व्यावहारिक/प्रदर्शन आधारित शिक्षा प्रणाली चलाकर गौशाला कर्मियों, वार्षिक प्रेमियों, पशु कल्याण संगठनों को संवेदनशील बनाने के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण कार्य में गहराई से शामिल है।” उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रशिक्षण कार्यक्रम में पूरे देश से कम से कम 300 से 400 प्रतिभागी होते हैं। इस वर्ष तक, संगठन ने 16,780 से अधिक गौशाला कर्मियों को प्रशिक्षण दिया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस का समापन करते हुए यह कहा गया कि समस्त महाजन हमेशा से ही मानवीय सेवा में अग्रणी रहा है। जरूरतमंद व्यक्ति और उनके परिवार के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए विभिन्न स्कूल और कॉलेजों में योगदान दिया है। गुजरात भूकंप, केरल बाढ़, उत्तराखंड भूकंप त्रासदी, राजस्थान महिला आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं और आपदाओं के दौरान विभिन्न जीवन रक्षक अभियान शुरू किए गए।

माधानी फाइनेंस एंड एंटरटेनमेंट के मालिक ने म्यूजिक वीडियो, वेब सीरीज और एनर्जी ड्रिंक 7 हॉर्स के लिए एक्ट्रेस दीपिका यादव को किया साइन

0

मुंबई। मध्यप्रदेश राज्य के जबलपुर जिले की बेटी मॉडल एक्ट्रेस दीपिका यादव अब बॉलीवुड में जलवा दिखाने के लिए तैयार है। खबर मिली है कि मॉडल एक्ट्रेस दीपिका को माधानी फाइनेंस एंड एंटरटेनमेंट कंपनी के मालिक डॉ निकेश ताराचंद जैन माधानी का साथ मिल गया है। और माधानी एंटरटेनमेंट के नये प्रोजेक्ट, वेब सीरीज और म्यूजिक एल्बम में लॉन्च करने के लिए दीपिका का चयन किया जा चुका है।

डॉ निकेश जैन माधानी आये दिन नये चेहरों को मौका देते रहते हैं। डॉ निकेश कई इवेंट, कई शो में बतौर मुख्य अतिथि नजर आते रहते हैं और एक के बाद एक कार्यक्रमों में सम्मानित होते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने ओ मेरे हमदम म्यूजिक एल्बम का निर्माण किया था। वे कई मूवी को फाइनेंस भी कर चुके हैं और अच्छे बैनर की आने वाली कुछ फिल्मों को भी फाइनेंस किया है।
विदित हो कि मॉडल एक्ट्रेस दीपिका यादव इसी साल 2024 में मिस दिल्ली एनसीआर की विजेता रही हैं। कई रैम्प वॉक, फैशन शो में दीपिका यादव कामयाबी पा चुकी है। 13 से 16 दिसंबर 2024 को हुए जयपुर एशियन फैशन वीक में भी दीपिका का जलवा दिख चुका है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बॉलीवुड में आगामी कई प्रोजेक्ट में दिखेगा मॉडल एक्ट्रेस दीपिका यादव की खूबसूरती दर्शकों को लुभाएगी। वह कई म्यूजिक वीडियो की शूटिंग करने वाली है।
खबर यह भी मिली है कि आगामी 29 दिसंबर 2024 को होने वाले शो मिस आइकॉन इंडिया में भी दीपिका यादव अपनी अदाओं का जलवा दिखाएगी।

रॉयल्टी के मुद्दे पर गरमाती झारखंड की राजनीति* 

0
(कुमार कृष्णन -विभूति फीचर्स)
रॉयल्टी के मुद्दे पर झारखंड की राजनीति पूरी तरह से गरमा गई है। इस मामले को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के निशाने पर केंद्र सरकार और कोयला कंपनियां हैं। झारखंड विधानसभा चुनाव से ही रायल्टी का मुद्दा एक बड़ा मुद्दा रहा है । तब सवाल यह था कि केंद्र सरकार झारखंड का रॉयल्टी का 1.36 लाख करोड़ रुपये कब देगी। अब फिर यह मुद्दा गर्मा रहा है।
              इसको लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था। अब इसका जवाब केंद्र से मिल चुका है। केंद्र सरकार ने लोकसभा में स्पष्ट किया है कि झारखंड का रॉयल्टी का 1.36 लाख करोड़ रुपये केंद्र पर बकाया नहीं है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि झारखंड के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा रहा है।
लोकसभा में निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कोयला और खनिजों की रॉयल्टी से जुड़े इस मुद्दे को उठाते हुए सवाल किया था कि 1.36 लाख करोड़ रुपये झारखंड का केंद्र पर बकाया है। इस पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया कि ऐसी कोई बकाया राशि नहीं है।
रॉयल्टी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आरंभ से ही केन्द्र पर दबाव बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से कहा था कि केंद्र पर राज्य का 1.36 लाख करोड़ रुपये का बकाया है, जिसे वसूलने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी । सोरेन ने यह भी कहा कि कोल इंडिया जैसी केंद्रीय कंपनियों से प्राप्त रायल्टी पर राज्य का अधिकार है और इसके न मिलने से झारखंड का विकास रुक रहा है।
चौथी बार झारखंड की गद्दी पर सत्तासीन होने के बाद से ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि झारखंड सरकार कोयला की बकाया राशि वसूलने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ कानूनी कदम उठाएगी।
इससे पहले सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 2 नवंबर को झारखंड के बकाए की मांग की थी। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया था कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से वह फिर से अनुरोध करते हैं कि झारखंड का 1.36 लाख करोड़ रुपये का बकाया चुकाया जाए, क्योंकि यह राज्य के लिए बेहद जरूरी है।
  हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस बात की पुष्टि की है कि राज्य को खनन और रॉयल्टी बकाया वसूलने का अधिकार है। सोरेन ने बताया कि बकाया न मिलने से झारखंड के विकास और सामाजिक-आर्थिक परियोजनाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। मुख्यमंत्री सोरेन ने इसी साल सितंबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर एक पत्र भी लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था झारखंड राज्य का सामाजिक-आर्थिक विकास मुख्य रूप से खनन और खनिजों से होने वाले राजस्व पर निर्भर करता है, जिसमें से 80 प्रतिशत कोयला खनन से आता है। झारखंड में काम करने वाली कोयला कंपनियों पर मार्च 2022 तक राज्य सरकार का लगभग 1,36,042 करोड़ रुपये का बकाया है। प्रधानमंत्री  को भेजे गए पत्र में कोयला कंपनियों पर बकाया राशि की दावेदारी का ब्रेकअप भी दिया था। इसके अनुसार वाश्ड कोल की रॉयल्टी के मद में 2,900 करोड़,पर्यावरण मंजूरी की सीमा के उल्लंघन के एवज में 32 हजार करोड़, भूमि अधिग्रहण के मुआवजे के रूप में 41,142 करोड़ और इस पर सूद की रकम के तौर पर 60 हजार करोड़ रुपए बकाया हैं। मुख्यमंत्री सोरेन ने प्रधानमंत्री को भेजी गई चिट्ठी में कहा था कि जब झारखंड की बिजली कंपनियों ने केंद्रीय उपक्रम डीवीसी (दामोदर वैली कॉरपोरेशन) के बकाया भुगतान में थोड़ी देर की,तो हमसे 12 प्रतिशत ब्याज लिया गया और हमारे खाते से सीधे भारतीय रिजर्व बैंक से डेबिट कर लिया गया। उन्होंने कहा कि अगर हम कोयला कंपनियों पर बकाया राशि पर साधारण ब्याज 4.5 प्रतिशत के हिसाब से जोड़ें, तो राज्य को प्रति माह केवल ब्याज के रूप में 510 करोड़ रुपये मिलने चाहिए। उन्होंने कहा है कि इस बकाया का भुगतान न होने से झारखंड राज्य को अपूरणीय क्षति हो रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, स्वच्छ पेयजल और अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी जैसी विभिन्न सामाजिक योजनाएं फंड की कमी के कारण जमीन पर उतारने में दिक्कत आ रही है।
रॉयल्टी के मुद्दे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस संबंध में भू-राजस्व विभाग के द्वारा कोल इंडिया को पत्र के माध्यम से 15 दिन के अंदर जवाब देने को कहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में तत्कालीन कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि झारखंड की रॉयल्टी का बकाया पैसा लौटाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट रूप से कहा था कि रॉयल्टी का पैसा टैक्स के दायरे में नहीं आता है। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार झारखंड से गुजरने वाली रेल माल गाड़ियों पर भी रॉयल्टी वसूलने की तैयारी में है। यह सरकार झुकने वाली नहीं है। कोयला कंपनियों को भी सख्त लहजे में सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा कि कंपनी के अधिकारी पहले राज्य सरकार को पैसा दें उसके बाद खनन कार्य करें। झारखंड से भाजपा के सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों पर सवाल खड़ा करते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इस गंभीर मुद्दे पर वे चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? मुख्यमंत्री सोरेन ने झारखंड के भाजपा सांसदों से अपील की है कि वे झारखंड की इस मांग पर आवाज बुलंद करें।
दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झामुमो की प्रेस वार्ता पर पलटवार करते हुए कहा कि सर्वप्रथम झारखंड की जनता को झामुमो को बकाया राशि का वर्ष वार ब्यौरा जारी करना चाहिए। यह बताना चाहिए कि जिस समय शिबू सोरेन कोयला मंत्री थे उस समय अगर कोयले की रॉयल्टी की कोई बकाया राशि बची थी तो उन्होंने कितना पैसा झारखंड को दिलवाया। प्रतुल ने हेमंत सरकार के गठबंधन दलों से यह भी जानना चाहा कि 10 वर्ष तक यूपीए सरकार जब शासन कर रही थी तो उस समय का कितना बकाया था और उस बकाया राशि में कितने का झारखंड को भुगतान हुआ? प्रतुल ने कहा कि अब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चुनाव पूर्व जिन योजनाओं की घोषणा की है उसके लिए शायद ढाई लाख करोड रुपए से भी ज्यादा की जरूरत हो। आंतरिक स्रोत से पैसा आ नहीं पा रहा है ।
जिसका सबसे बड़ा उदाहरण मईया सम्मान राशि की 2500 की किस्त अभी तक नहीं जारी होना है।अब झामुमो जनता से सहानुभूति बटोरने के लिए बहाने बना रही हैं। प्रतुल ने कहा कि झारखंड भाजपा झारखंडियों के हित के लिए जो भी उचित कदम हो वह उठाने को तैयार है। केंद्र और राज्य की सहमति से जो भी सही बकाया राशि सामने आएगी ,उसका भुगतान करने के लिए झारखंड भाजपा भी सकारात्मक कदम उठाएगी लेकिन सरकार को फर्जी नरेटिव और आंकड़ों की बाजीगरी का खेल बंद करना चाहिए। सरकार को सबसे पहले यह सार्वजनिक करना चाहिए कि वह जो 1,36,000 करोड़ रुपए का दावा कर रही है वह किस वर्ष में किस विभाग से संबंधित है। पूरा विस्तृत ब्यौरा देना चाहिए। राज्य सरकार के सिर्फ कहने से कि कोयला का बकाया, समता जजमेंट का बकाया और भूमि अधिग्रहण का बकाया है से बात नहीं बनेगी। इनको एक-एक चीजों का सिलसिलेवार तरीके से विस्तृत विवरण देना चाहिए।
              फिलहाल केंद्र, राज्य और भाजपा तीनों के इस मामले में अपने अपने तर्क हैं और इन सबके बीच झारखंड की जनता है जो  इस मुद्दे पर गर्माती राजनीति को चुपचाप देख रही है। (विभूति फीचर्स)

वेंटिव हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड का आईपीओ 20 दिसंबर को खुलेगा

0
मुंबई (अनिल बेदाग) : वेंटिव हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड (जिसे पहले आईसीसी रियल्टी (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) (“कंपनी”), शुक्रवार, 20 दिसंबर को इक्विटी शेयरों के अपने आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव के संबंध में अपनी बोली/प्रस्ताव खोलेगी। 2024. एंकर निवेशक बोली की तारीख बोली/प्रस्ताव खोलने की तारीख से एक कार्य दिवस पहले है, गुरुवार, 19 दिसंबर, 2024 है। बोली/प्रस्ताव समापन तिथि मंगलवार, 24 दिसंबर, 2024 है। इक्विटी शेयरों का कुल ऑफर आकार (प्रत्येक 1 रुपये का अंकित मूल्य) कुल मिलाकर रु. 16,000 मिलियन रुपये तक के कुल योग का एक ताज़ा अंक शामिल है। 16,000 मिलियन (“कुल ऑफर आकार”)।
 इश्यू का प्राइस बैंड रुपये तय किया गया है। 610 से रु. 643 प्रति इक्विटी शेयर। (“प्राइस बैंड”)।  रुपये की छूट. कर्मचारी आरक्षण भाग (“कर्मचारी आरक्षण भाग छूट”) में बोली लगाने वाले योग्य कर्मचारियों को 30 रुपये प्रति इक्विटी शेयर की पेशकश की जा रही है। बोली न्यूनतम 23 इक्विटी शेयरों के लिए और उसके बाद 23 इक्विटी शेयरों के गुणकों में लगाई जा सकती है। (“बोली लॉट”).
कंपनी शुद्ध आय का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के वित्तपोषण के लिए करने का प्रस्ताव करती है – कंपनी द्वारा लिए गए कुछ उधारों का आंशिक या पूर्ण पुनर्भुगतान/पूर्व भुगतान, जिसमें उस पर अर्जित ब्याज का भुगतान भी शामिल है।
पंचशील रियल्टी के अध्यक्ष और वेंटिव हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक अतुल आई चोरडिया ने कहा: “वेंटिव हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड का प्रस्तावित आईपीओ क्षेत्रीय आतिथ्य को बदलने की अपनी यात्रा में पंचशील और ब्लैकस्टोन के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।”
 ब्लैकस्टोन के भारत में रियल एस्टेट प्रमुख तुहिन पारिख ने कहा: “हम वेंटिव हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड के आगामी आईपीओ में अपने लंबे समय के साझेदार, पंचशील रियल्टी के साथ काम करके प्रसन्न हैं – जिसके पास वैश्विक आतिथ्य द्वारा संचालित प्रीमियम आतिथ्य संपत्तियों का एक पोर्टफोलियो है। ब्रांड।”

सलमान खान के बर्थडे पर आएगा तोहफा!

0
 ‘सिकंदर’ का टीज़र 27 दिसंबर 2024 को रिलीज करने की साजिद नाडियाडवाला ने की घोषणा
मुंबई (अनिल बेदाग) : साजिद नाडियाडवाला की फिल्म ‘सिकंदर’, जिसे ए.आर. मुरुगाडोस ने डायरेक्ट किया है और सलमान ख़ान इसमें मुख्य भूमिका में हैं, ने दर्शकों में उत्साह का माहौल बना दिया है। इस मेगा प्रोजेक्ट ने अपनी घोषणा के बाद से ही सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है। अब, साजिद नाडियाडवाला ने सलमान ख़ान के फैंस के लिए एक खास तोहफा दिया है। जी हां! सलमान के जन्मदिन के मौके पर यानी 27 दिसंबर 2024 को फिल्म का टीज़र रिलीज़ किया जाएगा।
आखिरकार, दर्शकों को मच अवेटेड ‘सिकंदर’ की पहली झलक देखने मिलेगी, क्योंकि प्रोड्यूसर साजिद नाडियाडवाला ने टीज़र की रिलीज़ डेट का ऐलान कर दिया है। यह 27 दिसंबर 2024 को रिलीज़ होगा और सलमान ख़ान के फैंस के लिए एक खास जन्मदिन तोहफा साबित होगा। सलमान ख़ान, जो बॉलीवुड के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में से एक हैं, के पास एक बड़ी फैन फॉलोइंग है, जो उनके बड़े पर्दे पर वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रही है।
 सलमान ख़ान की मच अवेटेड फिल्म ‘सिकंदर’ का टीज़र उनके जन्मदिन पर रिलीज़ होने वाला है, जो उनके फैंस के लिए एक शानदार सेलिब्रेशन होगा। इस घोषणा ने उत्साह को और बढ़ा दिया है, क्योंकि अब सभी इस खास मौके पर ‘सिकंदर’ की झलक देखने के लिए और भी ज्यादा उत्साहित हैं।
नाडियाडवाला ग्रैंडसन द्वारा प्रोड्यूस, एआर मुरुगडोस द्वारा डायरेक्टर “सिकंदर” में सलमान खान और रश्मिका मंदाना लीड रोल्स में हैं। यह एक्शन से भरपूर मनोरंजक फिल्म एक जबरदस्त सिनेमाई अनुभव देने की गारंटी देती है, जो ईद 2025 के वीकेंड के मौके पर रिलीज के लिए तैयार है।

मॉडल एक्ट्रेस दीपिका यादव जल्द ही बड़े परदे पर आएगी नज़र

0

मुंबई। मध्य प्रदेश राज्य की जबलपुर जिले की बेटी मॉडल एक्ट्रेस दीपिका यादव अब बॉलीवुड में जलवा दिखाने के लिए तैयार है। खबर मिली है कि मॉडल एक्ट्रेस दीपिका को माधानी फाइनेंस एंड एंटरटेनमेंट कंपनी के मालिक डॉ निकेश ताराचंद जैन माधानी का साथ मिल गया है। और माधानी एंटरटेनमेंट के नये प्रोजेक्ट, वेब सीरीज और म्यूजिक एल्बम में लॉन्च करने के लिए दीपिका का चयन किया जा चुका है।

डॉ निकेश जैन माधानी आये दिन नये चेहरों को मौका देते रहते हैं। डॉ निकेश कई इवेंट, कई शो में बतौर मुख्य अतिथि नजर आते रहते हैं और एक के बाद एक कार्यक्रमों में सम्मानित होते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने ओ मेरे हमदम म्यूजिक एल्बम का निर्माण किया था। वे कई मूवी को फाइनेंस भी कर चुके हैं और अच्छे बैनर की आने वाली कुछ फिल्मों को भी फाइनेंस किया है।
विदित हो कि मॉडल एक्ट्रेस दीपिका यादव इसी साल 2024 में मिस दिल्ली एनसीआर की विजेता रही हैं। कई रैम्प वॉक, फैशन शो में दीपिका यादव कामयाबी पा चुकी है। 13 से 16 दिसंबर 2024 को हुए जयपुर एशियन फैशन वीक में भी दीपिका का जलवा दिख चुका है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बॉलीवुड में आगामी कई प्रोजेक्ट में दिखेगा मॉडल एक्ट्रेस दीपिका यादव की खूबसूरती दर्शकों को लुभाएगी। वह कई म्यूजिक वीडियो की शूटिंग करने वाली है।
खबर यह भी मिली है कि आगामी 29 दिसंबर 2024 को होने वाले शो मिस आइकॉन इंडिया में भी दीपिका यादव अपनी अदाओं का जलवा दिखाएगी।

हिन्दुओं को संरक्षण देने में नाकाम बांग्लादेश सरकार*

0
(मनोज कुमार अग्रवाल-विभूति फीचर्स)
बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के मामले में बांग्लादेश सरकार ने एक्शन लेने की शुरुआत की है। मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने ऐसे 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर हिंदू मंदिर और हिंदू समुदाय के लोगों के घरों में तोड़फोड़ करने का आरोप है। वैश्विक दबाव के चलते उठाए गए इस कदम में बांग्लादेश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने 4 आरोपियों की गिरफ्तारी उत्तरी बांग्लादेश के सुनामगंज जिले से की है लेकिन इन गिरफ्तारियों  को महज खानापूर्ति माना जा रहा है। इन गिरफ्तारियों के बाद भी यहां हिन्दुओं पर अत्याचार रुके नहीं हैं। पुलिस ने 12 नामजद लोगों में से मात्र चार आरोपियों को पकड़ा है। पकड़े गए चारों आरोपियों के नाम अलीम हुसैन (19), सुल्तान अहमद राजू (20), इमरान हुसैन (31) और शाहजहां हुसैन (20) बताए जा रहे हैं। इन पर सुनामगंज जिले के दोराबाजार इलाके में तोड़फोड़ करने का आरोप है। 3 दिसंबर को बांग्लादेश के सुनामगंज जिले के आकाश दास ने एक फेसबुक पोस्ट किया था। इस पोस्ट के बाद जिले में तनाव पैदा हो गया था। हालांकि, आकाश ने बाद में पोस्ट डिलीट कर दिया था, लेकिन उपद्रवियों ने पोस्ट के स्क्रीनशॉट शेयर करने शुरू कर दिए  जिसके कारण इलाके में हिंसा भड़क गई थी।
हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि हम बांग्लादेश सरकार से उम्मीद करते हैं कि वो अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देगी। वहां अल्पसंख्यकों के साथ जो कुछ भी किया जा रहा है वो परेशान करने वाला है।
एस जयशंकर का यह बयान उस वक्त आया जब गुरुवार को एक 17 साल की हिंदू बांग्लादेशी लड़की नदी तैरकर अवैध रूप से भारत में घुस गई थी। इस लड़की का कहना था कि इस्कॉन भक्त होने की वजह से उसे वहां कट्टरपंथी परेशान कर रहे थे।
 बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से हिंदुओं के खिलाफ धार्मिक हिंसा के मामले लगातार बढ़े हैं। ‘सेंटर फॉर डेमोक्रेसी, प्लुरलिज्म एंड ह्यूमन राइट्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक 5 से 9 अगस्त के बीच ही बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ लूटपाट की 190 घटनाएं सामने आई थीं। साथ ही 32 घरों में आगजनी, 16 मंदिरों में तोड़-फोड़ और यौन हिंसा के 2 मामले सामने आए थे। रिपोर्ट के मुताबिक 20 अगस्त तक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के कुल 2010 मामले सामने आए। हिंदू परिवारों पर हमले के 157 और मंदिरों के अपमान के 69 मामले शामिल थे।
दुर्गा पूजा के दौरान भी बांग्लादेश में पंडालों को निशाना बनाया गया था। इसके अलावा मूर्तियों को खंडित करने की कई घटनाएं भी दर्ज की गई थीं।
कुछ दिन पहले बांग्लादेश के ढाका में इस्कॉन नमहट्टा सेंटर को जला दिया गया । हमले में श्री श्री लक्ष्मी नारायण देवता की मूर्तियों समेत मंदिर का सामान पूरी तरह से जल गया था।
राजद्रोह के आरोप में यूनुस सरकार ने इस्कॉन संत चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर को गिरफ्तार किया था। चिन्मय प्रभु पर उनकी एक रैली के दौरान नेशनल फ्लैग (राष्ट्रध्वज) के अपमान का आरोप लगा था। ये रैली 25 अक्टूबर को चटगांव के लाल दीघी मैदान में हुई थी। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने पोस्ट करने वाले आकाश दास को उसी दिन हिरासत में ले लिया था। पोस्ट से भड़के उपद्रवियों ने उसे उसी दिन पुलिस की हिरासत से छीनने को कोशिश भी की थी। हालांकि, सुरक्षा को देखते हुए पुलिस ने आकाश को दोराबाजार की जगह सदर पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया था। गुस्साए उपद्रवियों ने उस दिन ही लोकनाथ मंदिर और हिंदू समुदाय के घरों-दुकानों पर हमला किया था।
    भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध उस समय तनावपूर्ण हो गए थे, जब शेख हसीना 5 अगस्त को छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बाद देश छोड़कर भारत आ गई थीं। हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद वहां मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार सत्ता संभाल रही है।
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदुओं पर हमले एकदम से बढ़ गए हैं । वहां हिंदुओं और खासतौर पर इस्कॉन के सदस्यों को निशाना बनाया जा रहा है। कुछ दिनों पहले बांग्लादेश की पुलिस ने बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत संगठन के प्रवक्ता हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास को भी गिरफ्तार कर लिया था, जो अब भी जेल में हैं। रैली के बाद बीऐनपी के नेता फिरोज खान ने चिन्मय प्रभु और अन्य लोगों के खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। दरअसल रैली के दौरान कुछ लोगों ने आजादी स्तंभ पर बांग्लादेश के नेशनल फ्लैग से ऊपर सनातन जागरण मंच का ध्वज फहरा दिया था। बांग्लादेश में नेशनल फ्लैग से ऊपर कोई और फ्लैग फहराना देशद्रोह माना जाता है।
संत चिन्मय कृष्ण दास ने बांग्लादेशी हिंदुओं पर हुए अत्याचार के खिलाफ लोगों को एकजुट किया था।
चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद चटगांव में हिंसा फैल गई थी। इस हिंसा में एक वकील की भी मौत हुई थी। वकील की मौत के बाद एक बार फिर चिन्मय प्रभु और अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में 164 नामजद और लगभग 500 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। इस्कॉन पर बैन लगाने के लिए केस भी दायर
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार गिरने के बाद हिंदू आबादी निशाने पर है। मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। हिंदू नेताओं को धमकियां मिल रही हैं। कट्टरपंथी मुस्लिम इस्कॉन पर बैन लगाना चाहते हैं। इसे लेकर केस भी दायर किए गए हैं।
बांग्लादेश सरकार द्वारा हिन्दुओं पर हमले के चार आरोपियों को गिरफ्तार कर भारत और विश्व के कई देशों में बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रही हिंसा के विरोध को देखते हुए नाममात्र की कारवाई की है ताकि बढ़ती असंतोष को कम किया जा सके। हकीकत यह है कि बांग्लादेश की युनूस सरकार पूरी तरह कट्टरपंथी लोगों के दबाव में है और हिन्दुओं को संरक्षण देने में नाकाम रही है। भारत सरकार अभी सिर्फ अनुकूल स्थिति का इंतजार कर रही है । संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं कि  निकट भविष्य में बांग्लादेश को कड़ा सबक सिखाया जा सकता है। (विभूति फीचर्स)

जशपुर में कथित गौ हत्या के विरोध में पदयात्रा

0

जशपुर: कथित गौ हत्या के विरोध में जशपुर के सिरीमकेल में हिंदू संगठन ने लोगों के साथ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गौ माता को राजमाता का दर्जा दिया जाना चाहिए. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गाय की रक्षा करना हमारा धर्म है. प्रदर्शनकारियों से अपील करते हुए हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने कहा कि वो भी गायों का सम्मान करें.

कथित गौ हत्या के विरोध में प्रदर्शन: प्रदर्शन में शामिल हिंदू संगठन से जुड़े लोगों का आरोप था कि बीते दिनों कथित तौर पर गौ हत्या की घटना हुई. घटना के विरोध में ही वो लोग सड़कों पर उतरे हैं. विरोध प्रदर्शन के दौरान पदयात्रा भी निकाली गई. पदयात्रा दुलदुला के सिरीमकेला गांव से शुरु होकर चटकपुर तक पहुंची. चटकपुर में हिंदू संगठनों ने एक धर्म सभा का भी आयोजन किया. आयोजन में संत समाज और बजरंग दल के अलावा बीजेपी के कार्यकर्ता भी शामिल हुए.

प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के रहे चाक चौबंद इंतजाम: हिंदू संगठनों की पदयात्रा को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए. प्रदर्शन में शामिल संत समाज और बीजेपी के नेताओं ने कहा कि सभी धर्मों को लोग दूसरे धर्मों का सम्मान करें. प्रदर्शन में शामिल लोगों ने गौ तस्करी पर भी रोक लगाने की मांग प्रशासन से की.

राजस्थान के कुख्यात गौ तस्कर की रद्द हो सकती है जमानत! सुप्रीम कोर्ट ने नजीम खान को जारी किया नोटिस

0

Rajasthan: यूपी के नजीम खान को लेकर सुप्रीम कोर्ट  (Supreme Court) ने राजस्थान सरकार को राहत दी है. गो तस्करी मामले में ‘आदतन अपराधी’ खान की जमानत रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) की अपील स्वीकार करते हुए नाजिम खान (Nazim Khan) को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने उनसे मामले में अपना पक्ष रखने को भी कहा है.

राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका

राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने गोवंश परिवहन एवं पशु क्रूरता मामले में आरोपी नजीम खान की जमानत के आदेश को वापस लेने के लिए याचिका दायर की है. याचिका में नजीम खान को 21 अक्टूबर 2024 को दी गई जमानत को रद्द करने का अनुरोध किया गया है. याचिका को लेकर उस समय सरकार ने दलील दी थी कि संबंधित अधिकारी की लापरवाही के कारण नजीम खान की गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि के महत्वपूर्ण तथ्य उस समय अदालत के समक्ष प्रस्तुत नहीं किए जा सके, जिसे निलंबित किया जा चुका है। इस कारण देरी हुई.

सुप्रीम कोर्ट  ने जारी किया ‘कारण बताओ’ नोटिस 

अदालत ने इसी याचिका पर नजीम खान को ‘कारण बताओ’ नोटिस भी जारी किया, जिसमें पूछा गया कि उत्तर प्रदेश में लंबित आपराधिक मामलों में वह कोर्ट में क्यों नहीं पेश हुए, जहां उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए हैं. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उनसे यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या उन्हें सभी लंबित मामलों में रिहा किया गया है या नहीं.

क्या है मामला 

यह मामला फरवरी 2021 का है. जो राजस्‍थान के करौली जिले के नादौती पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर से जुड़ा है. राजस्थान पुलिस ने उस समय एक ट्रक को गौवंश के अवैध परिवहन के संदेह रोका था, जिसमें गाय और बैल लदे हुए थे. जो राजस्थान गौवंश पशु अधिनियम, 1995 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 का उल्लंघन था. ट्रक की तलाशी लेने पर उसमें 26 गाय और बैल पाए गए, जिसमें से एक मरी हुई मिली थी.

इस मामले में ट्रक ड्राइवर और एक अन्य यात्री को हिरासत में भी  लिया गया था. वहीं आरोपी नजीम खान कथित तौर पर भागने में सफल रहा. जांच में खुलासा हुआ कि खान के खिलाफ राजस्थान और उत्तर प्रदेश में कई गौवंश परिवहन के मामले दर्ज हैं, जो उनके अपराध की एक आदतन और गंभीर प्रवृत्ति को दर्शाते हैं.

किन आरोपों में मामले है दर्ज

राजस्थान सरकार की याचिका में यह बताया गया है कि खान की गतिविधियां न केवल राज्य के कानूनों का उल्लंघन करती हैं, बल्कि कानूनी प्रक्रियाओं के प्रति उनकी उदासीनता को भी दर्शाती हैं. सरकार का कहना है कि खान का लगातार भागना और अदालतों से बचना उसे बड़ा जोखिम बनाता है और उसकी जमानत को रद्द करना कानून प्रवर्तन के हित में आवश्यक है. अप्रैल 2024 में उत्पादन वारंट (Production Warrant) के तहत गिरफ्तारी के बावजूद, नजीम खान गायों की तस्करी, धोखाधड़ी, षड्यंत्र और संगठित अपराध जैसे गंभीर मामलों में आरोपी  है.

सुनाई को लेकर पहले कहां हुई थी चूक

अतिरिक्त महाधिवक्ता शर्मा ने तर्क दिया कि 8 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस राजस्थान सरकार के गृह विभाग की बजाय नादौती थाने को भेजा गया, जिसके कारण राज्य सरकार सुनवाई में उपस्थित नहीं हो सकी. उसके बाद संज्ञान में आने पर कार्रवाई करते हुए 28 अक्टूबर को नादौती थाने के थाना प्रभारी पुलिस निरीक्षक भोजाराम को लापरवाही के मामले में निलंबित कर दिया गया तथा नोटिस पर कार्रवाई नहीं करने पर आंतरिक जांच शुरू कर दी गई.

कौन है नजीम खान

नजीम खान उत्तर प्रदेश के संभल इलाके का रहने वाला है.उसके खिलाफ राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सात गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि खान उत्तर प्रदेश में भी ऐसे मामलों में शामिल रहा है, जिसमें उसके खिलाफ कई गैर-जमानती वारंट जारी हो चुके हैं. खासकर संभल, हाथरस, आगरा और चंदौली में मामले लंबित हैं.

मोबाइल और कम्प्यूटर का कहर आँखों पर* 

0
चारु सक्सेना
कम्प्यूटर पर अधिक देर तक काम करने और मोबाइल के अंधाधुंध उपयोग के कारण आँखों में दर्द होना आम बात हो गई है। जापानी वैज्ञानिकों ने कम्प्यूटर,लेपटॉप और मोबाइल का अधिक इस्तेमाल करने वाले लोगों की आँखों का परीक्षण कर पाया है कि इससे ग्लूकोमा सहित कई बीमारियों के होने की आशंका बढ़ जाती है।
जापान स्थित टोटो यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने लगभग दस हजार कर्मचारियों पर अध्ययन कर पाया कि कम्प्यूटर सहित अनय इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का अधिक उपयोग करने वालों की दृष्टि कमजोर हो गई थी और आगे चलकर यह ग्लूकोमा में बदल गयी। ग्लूकोमा में आँख की नसें धीरे-धीरे कमजोर हो जाती हैं और अगर इनका समय रहते उपचार नहीं किया जाए, तो व्यक्ति के अंधे होने की आशंका बढ़ जाती है।
चार अलग-अलग कंपनियों में काम करने वाले लोगों की आँखों की जांच करने वाले डॉक्टर मासायुकी तातेचिमी ने लोगों की कम्प्यूटर के सामने बैठने की आदत के बारे में जानकारी एकत्रित की और कम्प्यूटर का इस्तेमाल करने वालों को तीन श्रेणियों में बाँटा- मामूली, अधिक और अत्यधिक।
कम्प्यूटर का जरूरत से ज्यादा उपयोग करने वाले लोगों में आँखों की बीमारियां अधिक पायी गयी। इन लोगों की पास की नजर तो कमजोर थी ही, अधिकांश की आंखें ग्लूकोमा की शिकार भी पाई गई।
अब तो यह माना जा रहा है कि जैसे-जैसे कम्प्यूटर लेपटॉप और मोबाइल का उपयोग बढ़ रहा है, आँखों की बीमारियाँ भी बढ़ती जाएंगी और इनके उपचार के लिए और अधिक सुविधाओं की आवश्यकता होगी। (विनायक फीचर्स)