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मंदिरों को शक्तिहीन बताना देश की सांस्कृतिक आत्मा पर प्रहार : समाजसेवी हुकूम उदय प्रताप सिंह

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मंझनपुर से विधायक इंद्रजीत सरोज के विवादित बयान ने एक बार फिर देश में धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को झकझोर दिया है। आंबेडकर जयंती के अवसर पर एक सभा में सरोज ने कहा था कि अगर मंदिरों में शक्ति होती तो गजनवी और गोरी भारत पर हमला नहीं कर पाते। इस बयान पर तीव्र प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रेरित समाजसेवी हुकूम उदय प्रताप सिंह ने इसे “भारत की सांस्कृतिक अस्मिता और करोड़ों सनातन श्रद्धालुओं की भावनाओं पर सीधा प्रहार” बताया है।

हुकूम उदय प्रताप सिंह ने कहा, “मंदिर सिर्फ पत्थर की इमारतें नहीं हैं, यह करोड़ों भारतीयों की आस्था और संस्कृति का प्रतीक हैं। ऐसे बयान देकर इंद्रजीत सरोज जैसे लोग समाज को बांटने की साजिश कर रहे हैं। भारत की संस्कृति ने सदियों तक आक्रांताओं का सामना धैर्य, ज्ञान और एकता से किया है, और आज भी सनातन धर्म जीवंत है।”

उन्होंने देश की वर्तमान प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारत आज वैश्विक मंच पर सम्मान प्राप्त कर रहा है। उत्तर प्रदेश में माफिया और गुंडागर्दी पर जो लगाम लगी है, वह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। ऐसे समय में इस तरह के बयान राष्ट्रविरोधी मानसिकता को बढ़ावा देते हैं।”

कानूनी कार्यवाही और बहिष्कार की अपील –
हुकूम उदय प्रताप सिंह ने आगे कहा, “सनातनियों से मेरी प्रार्थना है कि वे हर प्रांत में इस अपमानजनक बयान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएं। इस तरह के नेता का सामाजिक बहिष्कार हो और माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मेरी करबद्ध प्रार्थना है कि इंद्रजीत सरोज की सदस्यता समाप्त करने की प्रक्रिया आरंभ की जाए। इस बयान के लिए इन्हें कठोर दंड मिलना चाहिए।”

“जिस व्यक्ति के इशारे पर या जिसके कहने पर इसने ऐसा कर्म किया है, उसकी भी सख्त जांच होनी चाहिए और सजा मिलनी चाहिए। अगर हमारी बात नहीं सुनी गई, तो हमें विवश होकर पूरे देश में सड़क पर उतरना पड़ेगा। अभी तक क्षत्रिय समाज ने आगरा में प्रदर्शन किया है, अब यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर होगा।”

सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में विरोध – सोशल मीडिया पर यह बयान ‘हिंदू आस्था पर हमला’ करार दिया जा रहा है। कई यूजर्स और राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे समाज को विभाजित करने का प्रयास बताया है। भाजपा नेताओं ने भी इसे “छद्म धर्मनिरपेक्षता की एक घिनौनी मिसाल” बताते हुए समाजवादी पार्टी से इस पर स्पष्ट रुख अपनाने की माँग की है।

यह एक भावनात्मक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना की लड़ाई है, हुकूम उदय प्रताप सिंह के इस बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर सनातन संस्कृति पर हमला होगा, तो उसका विरोध पूरे देश में होगा और वो भी सशक्त, संगठित और शांतिपूर्ण तरीके से।

‘राजस्थान में पुलिस सुरक्षा में गौ-तस्करी’ 52 ट्रकों में भरकर मध्य प्रदेश जा रहे गोवंश को बॉर्डर पर रोका

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राजकुमार रोत का आरोप है कि गोवंशों को बलदेव मैला मेड़ता सिटी नागौर से मंडला व खरगोन के किसानों के नाम खरीद के फर्जी दस्तावेज़ से महाराष्ट्र के बुछड़खानों में ले जाया जा रहा था. गौ-तस्करों के पास देशी कट्टे, धारद्वार हथियार व मिर्ची पाउडर भी मिले.

Rajasthan News: बांसवाड़ा से रविवार देर रात करीब 50 से अधिक ट्रकों में मध्य प्रदेश जा रहे गोवंश को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. सांसद राजकुमार रोत ने सरकार की मिलीभगत से राजस्थान में गोवंश की तस्करी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि गाय माता के नाम से वोट मांग कर सत्ता में आई भाजपा सरकार खुद पुलिस के काफिले के साथ गौ-तस्करी करवा रही है. सांसद रोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस्तीफे की मांग करते हुए केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की है.

एमपी सीमा पर ट्रकों को रोका

दरअसल, बांसवाड़ा जिले से देर रात को गोवंश से भरे 52 ट्रकों को मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने पर रोक दिया गया था. कथित गौ रक्षकों का एक समूह पहले से इन वाहनों का पीछा कर रहा था. एमपी प्रशासन की अनुमति न मिलने के बाद गौरक्षकों ने हंगामा शुरू कर दिया. उन्होंने राजस्थान पुलिस पर गौतस्करों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. स्थिति अनियंत्रित होते देख पुलिस ने गौ रक्षकों को वहां से खदेड़ दिया.

बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार रोत ने सरकार की मिलीभगत से गौ-तस्करी का आरोप लगाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश बॉर्डर पर 52 ट्रकों में ठूस-ठूस कर भरी गायों की पुलिस की मदद से हो रही गौ-तस्करी को स्थानीय लोगों व गौशाला कार्मिक ने रुकवाया.

उन्होंने कहा कि जब मैं मौके पर पहुंचा तो पता चला कि ये बलदेव मैला मेड़ता सिटी नागौर से मंडला व खरगोन के किसानो के नाम खरीद के फर्जी दस्तावेज़ से महाराष्ट्र के बुछड़खानों में ले जाया जा रहा था. गौ-तस्करों के पास देशी कट्टे, धारद्वार हथियार व मिर्ची पाउडर भी मिले.

पशु मेले से वापस लौट रहे थे पशु

गोरक्षकों ने गोवंश की तस्करी की आशंका जताई और जिले में जगह-जगह वाहनों को रोक लिया. उन्होंने गोवंश को ट्रकों में ठूंस-ठूंस कर भरे जाने का विरोध किया. विरोध को देखते हुए जिले के संबंधित थानों की पुलिस टीमों ने वाहनों को एस्कॉर्ट किया और मध्य प्रदेश की सीमा पर छोड़ा.

मॉडल, फैशन इन्फ़्लुएंसर, प्रेरक और एक उद्यमी के रूप में नाम कमा रही है जयता गार्गरी

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जयता गार्गरी एक पारंपरिक परिवार में पली-बढ़ी, जहाँ शिक्षा और स्थिरता पर बहुत ज़ोर दिया जाता था। उन्होंने फैशन या मीडिया से असंबंधित क्षेत्र में डिग्री हासिल की और अलग-अलग नौकरी के क्षेत्रों में काम किया। 12 साल तक उन्होंने लगन से काम किया, जीत की सीढ़ियाँ चढ़ीं और एक समर्पित और मेहनती पेशेवर के रूप में ख्याति अर्जित की।

अपनी नौकरी के क्षेत्रों में सफलता के बावजूद, जयता इस भावना से बाहर नहीं निकल पाई कि कुछ कमी रह गई है। वह खुद को रचनात्मक गतिविधियों की ओर आकर्षित पाती थी, अपने खाली समय में फैशन शो, संगीत कार्यक्रम और थिएटर प्रदर्शन में भाग लेती थी। उसके दोस्तों और परिवार ने उसके जुनून को देखा और उसे अपनी रुचियों को तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया।

जयता ने अपने जुनून को पूरा करने के लिए विश्वास की छलांग लगाने और अपनी बढ़िया नौकरी छोड़ने का फैसला किया। यह एक कठिन निर्णय था, लेकिन वह अपने दिल की बात मानने के लिए दृढ़ थी। उसने पाठ्यक्रम लेना, कार्यशालाओं में भाग लेना और उद्योग के पेशेवरों के साथ नेटवर्किंग करना शुरू किया।

2020 में, जयता ने एक साहसिक कदम उठाया और एक सौंदर्य प्रतियोगिता में भाग लिया। कोई पूर्व अनुभव न होने के बावजूद, उसने प्रतियोगिता में अपना स्थान सुरक्षित कर लिया, जो उसके सफ़र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। जीत ने उसके आत्मविश्वास को बढ़ाया और मनोरंजन और फ़ैशन उद्योग में अपना करियर बनाने के उसके फ़ैसले को पुष्ट किया। आज, जयता एक मॉडल, फ़ैशन इन्फ़्लुएंसर, प्रेरक और एक उद्यमी के रूप में मनोरंजन और फ़ैशन उद्योग में हैं। उसने अपनी प्रतिभा, रचनात्मकता और समर्पण के लिए प्रतिष्ठा बनाई है। उसकी कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपने जुनून को आगे बढ़ाना चाहते हैं और अपना करियर बदलना चाहते हैं।

जशपुर पुलिस का ऑपरेशन शंखनाद, गौ तस्करी पर बड़ी कार्रवाई

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जशपुर: गौ तस्करी के खिलाफ जशपुर पुलिस के ऑपरेशन शंखनाद के तहत बीती रात एक बड़ी कार्रवाई की गई. पुलिस ने एक 14 चक्के ट्रक से 40 जीवित और 7 मृत गौवंश बरामद किए. ट्रक में सवार एक आरोपी मो. सरफराज शाह (24 वर्ष), निवासी साईंटांगरटोली, थाना लोदाम को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उसके दो साथी फरार है, जिनकी तलाश की जा रही है.

गौ तस्करी पर पुलिस की कार्रवाई: एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया “मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक ट्रक (क्रमांक CG 14 MD 1376) में पत्थलगांव से कांसाबेल होते हुए झारखंड की ओर मवेशियों की अवैध तस्करी की जा रही है. इस सूचना के आधार पर थाना कांसाबेल, चौकी दोकड़ा और थाना कुनकुरी की संयुक्त पुलिस टीम गठित कर त्वरित कार्रवाई की गई.”

बिलासपुर से ला रहे थे गौवंश: जानकारी मिलने पर कुनकुरी में निरीक्षक राकेश यादव के नेतृत्व में नेशनल हाइवे पर बेरिकेडिंग कर नाकाबंदी की गई. पुलिस के दबाव में ट्रक चालक वाहन को हाइवे किनारे खड़ा कर फरार हो गया. ट्रक में सवार मो. सरफराज शाह को पुलिस ने दौड़ाकर गिरफ्तार कर लिया. ट्रक को जब्त कर थाना लाया गया.

गिरफ्तार आरोपी सरफराज ने पूछताछ में बताया कि वह 11 अप्रैल को अपने साथियों के साथ बिलासपुर की ओर गौवंश लेने गया था. ट्रक को उसका साथी चला रहा था. बिलासपुर से करीब 15 किलोमीटर पहले एक गांव में गौवंश पहले से ट्रक में लादने के लिए तैयार रखा गया था. रात लगभग 10 बजे सभी मवेशियों को लोड कर ट्रक को झारखंड के लोहरदगा की ओर ले जाया जा रहा था.

कुनकुरी पहुंचने पर पुलिस की घेराबंदी देखकर वाहन चालक ट्रक छोड़कर भाग निकला. ट्रक की तलाशी लेने पर पुलिस को 40 जीवित एवं 7 मृत गौवंश मिले. आरोपी के खिलाफ थाना कुनकुरी में छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम की धारा 4, 6, 10 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. आरोपी को 12 अप्रैल को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया.

एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया “ऑपरेशन शंखनाद के तहत जशपुर पुलिस अब तक लगभग 800 गौवंश की तस्करी को विफल कर चुकी है. फरार आरोपियों की तलाश के लिए सघन छापेमारी जारी है. फरार आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.

ट्रक, मवेशी और मोबाइल जब्त:जब्त किए गए सामान में ट्रक क्रमांक CG 14 MD 1376, 40 जीवित व 7 मृत गौवंश, और एक मोबाइल फोन शामिल है. पुलिस की इस कार्रवाई से गौ-तस्करों में हड़कंप मच गया है.

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कामधेनु गौ-शाला का किया भूमि-पूजन

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भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में गौ-संरक्षण और संवर्धन की दिशा में राज्य सरकार द्वारा तेजी से संकल्पबद्ध होकर कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए गौ-शालाओं के विस्तार के लिए योजनाबद्ध रूप से प्रयास किये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में गौ-शालाओं के माध्यम से गौ-सेवा की नई इबारत लिखी जाएगी और प्रदेश में नई दुग्ध क्रांति लाई जाएगी। इससे दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के साथ ही दुग्ध उत्पादकों की आमदनी में भी वृद्धि की जाएगी। हमारा प्रयास है कि दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध के बेहतर दाम मिले। इस दिशा में हम तेजी से प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को इंदौर जिले के महू-मण्डलेश्वर मार्ग पर स्थित आशापुरा में प्रदेश में हाईटेक कामधेनु गौ-शाला के भूमि-पूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस गौ-शाला में 10 हजार गायों के पालन-पोषण की व्यवस्था रहेगी। यह गौ-शाला लगभग 25 हेक्टेयर क्षेत्र में बनाई जा रही है। इस गौ-शाला का निर्माण इंदौर नगर निगम द्वारा किया जायेगा।

इसकी देखरेख की जिम्मेदारी भी नगर निगम ही संभालेंगी। गौ-शाला के संचालन में संत समाज का सहयोग भी लिया जायेगा। गौ-शाला के संचालन में समाजसेवी नि:स्वार्थ भाव से गौ-सेवा के कार्यों में जुड़ सकेंगे। गायों के पालन और संरक्षण के लिये सभी जरूरी सुविधाएं गौ-शाला में रहेंगी। गौ-शाला क्षेत्र में सघन पौध-रोपण भी किया जायेगा।

कार्यक्रम में महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, राज्यसभा सदस्य सुश्री कविता पाटीदार, विधायक सुश्री उषा ठाकुर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रीना सतीश मालवीय, श्री सुमित मिश्रा, श्री श्रवण चावड़ा, श्री निरंजन सिंह चौहान सहित जनप्रतिनिधि और स्वामी श्री अच्युतानंद जी महाराज विशेष रूप से मौजूद रहे।

दुग्ध उत्पादकों को मिलें बेहतर दाम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में सभी वर्ग की बेहतरी के लिए राज्य सरकार द्वारा संकल्पबद्ध होकर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। कृषि क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए राज्य शासन द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। हमारी सरकार दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के भी निरंतर प्रयास कर रही है। साथ ही हमारे प्रयास है कि दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध के बेहतर दाम मिले। अभी देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत उत्पादन मध्यप्रदेश में है, इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में निराश्रित गौ-वंश की समस्याओं का समाधान गौ-शालाओं के माध्यम से किया जा रहा है। प्रदेश के सभी बड़े नगरों में हजारों गौ-वंश क्षमता की गौ-शालाएँ स्थापित कर उनका बेहतर संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है। इंदौर में भी अब 10 हजार गौ-वंश क्षमता की अत्याधनिक सुविधाओं से युक्त गौ-शाला बनायी जा रही है।

यह कामधेनु गौ-शाला अद्भुत होगी। उन्होंने कहा कि गौ-शालाओं के विकास में शासन के साथ समाज की सहभागिता भी सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने आहवान किया की समर्पण और सेवा भाव के साथ समाज का हर वर्ग गौ-शाला के संचालन में सहयोग के लिये भागीदार बने। राज्य शासन द्वारा गौ-शालाओं के विकास और विस्तार में किसी भी तरह की कमी नहीं आने दी जायेगी।

श्रेयस तलपड़े नाकोडा का चेहरा बने: FMCG में एक नया अध्याय शुरू हुआ

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मुंबई। भारत के सबसे तेजी से बढ़ते FMCG ब्रांड्स में से एक, नाकोडा ने ब्रांड के आधिकारिक चेहरे के रूप में प्रसिद्ध अभिनेता श्रेयस तलपड़े को शामिल करने की घोषणा की है। अपने मजबूत पारिवारिक आकर्षण और भारतीय परिवारों के साथ गहरे भावनात्मक जुड़ाव के साथ, श्रेयस नाकोडा के विश्वास, शुद्धता और गुणवत्ता के मूल्यों के साथ पूरी तरह से प्रतिध्वनित होते हैं।
शुद्ध गाय के घी और रिफाइंड तेलों से लेकर कोल्ड-प्रेस्ड खाद्य तेलों के प्रीमियम चयन तक खाना पकाने के माध्यमों की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करते हुए – नाकोडा जल्दी ही भारतीय रसोई में स्वास्थ्य और स्वाद का पर्याय बन गया है।
मूल रूप से केवलचंद जैन और जगदीशचंद जैन द्वारा सह-स्थापित, कंपनी का नेतृत्व अब सीईओ रविकुमार जैन और सीओओ नमनकुमार जैन कर रहे हैं, जो ब्रांड को एक मजबूत डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) मॉडल की ओर ले जा रहे हैं। नाकोडा के उत्पाद अब न केवल सभी प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध हैं, बल्कि इसकी नई लॉन्च की गई आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से भी उपलब्ध हैं, जिससे उच्च गुणवत्ता वाली खाना पकाने की आवश्यक वस्तुएँ सिर्फ़ एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाती हैं। नाकोडा के सीईओ रविकुमार जैन ने कहा, “नाकोडा को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचाना हमारी विकास यात्रा में स्वाभाविक अगला कदम था।”
“हमारा ध्यान हमेशा असाधारण गुणवत्ता बनाए रखने पर रहा है, जबकि लॉजिस्टिक्स लागत न्यूनतम रही है – जिससे हम अपने ग्राहकों को सीधे लाभ पहुँचा सकें।” सीओओ नमनकुमार जैन ने कहा, “श्रेयस तलपड़े एक ऐसा नाम है जो विश्वसनीयता, गर्मजोशी और प्रासंगिकता रखता है। नाकोडा के साथ उनका जुड़ाव हमें पूरे भारत में अपने उपभोक्ताओं के साथ गहरा भावनात्मक जुड़ाव बनाने में मदद करेगा।” अभियान का रचनात्मक नेतृत्व रोहित बोस रॉय ने किया है, जो इस परियोजना में क्रिएटिव डायरेक्टर के रूप में शामिल हुए हैं, जो ब्रांड में एक नया, सिनेमाई विज़न लेकर आए हैं। निर्देशन का नेतृत्व नमन त्यागी ने किया है और रोहित बजाज ने इसका निर्माण किया है, जिनकी कहानी कहने की विशेषज्ञता से ब्रांड के मूल्यों और पेशकशों के इर्द-गिर्द एक उच्च-प्रभाव वाली कहानी पेश करने की उम्मीद है। ज़ूममंत्रा ने नाकोडा को पूरी तरह से नेचुरल खाओ, दिलसे अपनाओ के नाम से रीब्रांड किया है, जो दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है। नाकोडा का नया D2C चैप्टर गुणवत्ता, सेवा, सामर्थ्य और विश्वास के स्तंभों पर खड़ा है – यह सब भारतीय घरों में सीधे स्वस्थ, शुद्ध खाद्य समाधान लाने के मिशन से प्रेरित है।

Maitry Peace Foundation and Myanmar Embassy Partner for earthquake relief funds in new delhi and planned with Mr Mustafa Yusufali Gom for mumbai

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Maitry Peace Foundation and Myanmar Embassy Partner for the earthquake relief funds.

 New Delhi, April 7, 2025 – In a heartwarming display of regional solidarity, the Maitry Peace Foundation, in collaboration with the Embassy of Myanmar, organized a Donation Camp on April 7, 2025, to support victims of the recent earthquake in Myanmar. The initiative saw an overwhelming response from the public, with individuals and organizations coming forward to donate essential supplies, including food, clothing, life-saving medicines, and monetary contributions.

 

The embassy premises were abuzz with activity as volunteers diligently received, documented, and organized the relief materials for prompt dispatch to the affected regions in Myanmar. The success of this donation camp stands as a testament to the enduring strength of humanitarian values and the power of collective action in times of crisis. A notable highlight of the event was the generous contribution made by Mr. Mustafa Yusufali Gom, Divisional Patron  of Saifee Ambulance .

who donated in support of the relief efforts. In addition to his financial support, Mr. Gom also sponsored refreshments and snacks for all the participants and guests, ensuring a warm and welcoming atmosphere throughout the event. His gesture was deeply appreciated by both the organizers and the attendees.

 Speaking on the occasion, representatives of the Maitry Peace Foundation emphasized the importance of cross-border compassion and timely humanitarian aid. This is a moment for us to stand together with our neighbors in their time of need, a spokesperson said. “We believe that it is essential to provide support and aid to those affected by the earthquake, and we are grateful for the overwhelming response from the public.”

 The donation camp was attended by a diverse group of citizens, social workers, and dignitaries. A register of attendees was maintained, where the names of contributors and participants were recorded as a token of gratitude and acknowledgment. The event saw a significant turnout, with many individuals and organizations coming forward to support the cause.

 The Embassy of Myanmar His Excellency Mr. Zaw Oo Ambassador,

extended heartfelt thanks to the Maitry Peace Foundation, Mr. Mustafa Gom, and every individual who contributed to the cause. Officials assured that the collected aid would be dispatched swiftly to ensure timely relief to the earthquake victims.

 The event serves as a shining example of the impact that can be made when individuals and organizations come together to support a common cause. As the people of Myanmar continue to recover from the devastating effects of the earthquake, the Maitry Peace Foundation and the Embassy of Myanmar remain committed to providing aid and support to those in need.

 The donation camp was a huge success, with many individuals and organizations expressing their gratitude and appreciation for the efforts of the Maitry Peace Foundation and the Embassy of Myanmar. The event highlighted the importance of humanitarian aid and the need for collective action in times of crisis.

In conclusion, the donation camp organized by the Maitry Peace Foundation and the Embassy of Myanmar was a resounding success, with many individuals and organizations coming forward to support the cause. The event serves as a testament to the power of collective action and the importance of humanitarian aid in times of crisis.

 Background

The recent earthquake in Myanmar has caused widespread destruction and displacement, leaving many individuals and families in need of urgent aid and support. The Maitry Peace Foundation and the Embassy of Myanmar have been working tirelessly to provide relief and support to those affected by the disaster.

 Impact

The donation camp has had a impact on the relief efforts, with many individuals and organizations coming forward to support the cause. The event has raised awareness about the importance of humanitarian aid and the need for collective action in times of crisis.

 Future Plans

The Maitry Peace Foundation and the Embassy of Myanmar remain committed to providing aid and support to those affected by the earthquake. The organizations plan to continue their efforts, working with individuals and organizations to provide relief and support to those in need.

 Conclusion

The donation camp organized by the Maitry Peace Foundation and the Embassy of Myanmar was a huge success, with many individuals and organizations coming forward to support the cause. The event serves as a testament to the power of collective action and the importance of humanitarian aid in times of crisis. As the people of Myanmar continue to recover from the devastating effects of the earthquake, the Maitry Peace Foundation and the Embassy of Myanmar remain committed to providing aid and support to those in need.

 

डॉ रविकला गुप्ता को पसंद है राजनीतिक, सामाजिक विषयों पर वास्तविक घटनाओं से जुड़ी फिल्में

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फिल्म “टोकन द ट्रेजर” 2022 में सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। अभी यह अल्ट्रा प्ले ओटीटी पर रिलीज हुई है और अभी तक कि सबसे पॉपुलर फिल्म होने का टैग अपने नाम कर चुकी है। इस फिल्म में प्रसिद्ध अभिनेता रविकिशन की बेटी रीवा किशन मुख्य नायिका है और उनके साथ में अनूप जलोटा (कैमियो), श्रुति उल्फ़त, दीपशिखा जैसे जानेमाने कलाकार हैं।
इस फिल्म की निर्देशिका डॉक्टर रविकला गुप्ता हैं। इनकी शॉर्ट फिल्म ‘सेलिब्रेट लाइफ’ 14 ग्लोबल कैप्टेन ऑफ द शिप’ अवार्ड में सम्मानित हो चुकी है। डॉक्टर रविकला गुप्ता को सेंट्रल क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका की ओर से डॉक्टरेट की उपाधि देकर सम्मानित किया गया है। डॉ रविकला ने कई शॉर्ट्स फिल्म और विज्ञापन फिल्मों का निर्माण किया है। उन्होंने अपनी निर्देशन कुशलता के कारण काफी वाहवाहियां बटोरी है। उनकी शॉर्ट्स फिल्में सेलिब्रेट लाइफ, अजी सुनते हो, कॉफी आदि है। उन्होंने मार्शल वॉलपेपर, टीवीएस बाइक जैसे कई फेमस ब्रांड्स के एड फिल्मों का भी निर्देशन किया है। फिल्म इंडस्ट्री में उनका आगमन बतौर अभिनेत्री हुआ। उन्होंने अभिनेता मनोज कुमार की टीवी सीरीज “कहाँ गए वो लोग”, भोजपुरी फिल्म “हमार दूल्हा” में अभिनय किया। वह मल्टी टैलेंटेड हैं, इसलिए वह अभिनय के साथ साथ स्टोरी, स्क्रिप्ट और निर्देशन की बारीकियों पर ध्यान देती रहीं फिर उन्होंने अपनी लिखी कहानियों पर निर्देशन करना शुरू किया। इस तरह से वह लेखन और निर्देशन में आ गयी। डॉक्टर रविकला गुप्ता क्लासिकल डांस भरतनाट्यम में विषारद हैं। अभी वह अपने स्क्रिप्ट में काम कर रही हैं और जल्द ही वह इसे कैमरे में भी उतारेंगी। इनकी फिल्म टोकन ऑफ ट्रेजर की कहानी कॉमेडी ड्रामा है जो एक मध्यमवर्गीय परिवार के सपनों और दायरों में पिरोयी गई है। डॉक्टर रविकला गुप्ता कहती हैं कि उनको वास्तविक घटनाओं, राजनीतिक और सामाजिक थ्रिलर तथा वर्तमान समय में होने वाली घटनाओं पर आधारित फिल्में बनाना अच्छा लगता है। साथ ही साथ वह कहती हैं कि फिल्म मनोरंजन का साधन है, आप हर फिल्म की कथा, संवाद या दृश्य आदि को अपनी वास्तविक जीवन में अपनाने की कोशिश ना करें। मनोरंजन का आनंद लें और खुश रहें। क्योंकि फिल्म जीवन का आईना हो सकती है जीवन नहीं। वर्तमान समय में बन रही फिल्मों के बारे में उनका कहना है कि अभी के समय की फिल्में कहीं ना कहीं युवा पीढ़ी को गुमराह कर रही है। फिल्म के दृश्य, संवाद और कलाकारों की छवि जो पर्दे पर दिखायी जा रही है उनसे युवा दिग्भ्रमित हो रहे हैं। आज हम अधिकतर फिल्मों को टीवी या सिनेमाघरों में अपने परिवार के साथ नहीं देख सकते। आधुनिकता की अंधी दौड़ में आज इंसान मानवता और संस्कार को पीछे छोड़ दिया है। डॉक्टर रविकला गुप्ता ने अपनी पुत्री खुशी गुप्ता को वकालत की पढ़ाई करवाई है और उनकी अभिनय करने की इच्छा का सम्मान करते हुई अपनी फिल्मों में मौका दिया है। उन्होंने बताया कि एक अभिनेता अपनी किरदार की सीमा में बंधा होता है और एक निर्देशक सारे किरदार को जीता है। वह एक ऐसे जहाज का चालक है जिसको बनाने, सजाने और वहाँ कौन क्या काम करेगा, शिप किस दिशा में जाएगी इस सबकी जवाबदेही उसकी होती है।

– गायत्री साहू

देसी गाय की मौत के बाद उसकी तेरहवीं पूरे रस्मो रिवाज के साथ मृत्यु भोज

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मुजफ्फरनगर:

यूपी में आवारा पशुओं की समस्या लंबे समय से है. कई लोग गौवंशों को आवारा सड़कों पर मरने के लिए छोड़ रहे हैं. ऐसे लोगों को आईना दिखाते हुए मुजफ्फरनगर के एक किसान परिवार ने एक अनोखी मिसाल पेश की. इस परिवार ने 25 साल तक उनके साथ रही एक देसी गाय की मौत के बाद उसकी तेरहवीं पूरे रस्मो रिवाज के साथ की. गाय की आत्मा की शांति के लिए हवन भी किया गया. इस अनूठी तेरहवीं में ग्रामीणों को मृत्यु भोज भी कराया गया. पढ़िए मोनू सिंह की रिपोर्ट..

25 साल से परिवार का हिस्सा थी गाय

मुजफ्फरनगर की जानसठ तहसील क्षेत्र में स्थित सलारपुर गांव में एक किसान सत्येंद्र लटियाल ने मंगलवार को एक गाय की रस्म तेरहवीं पूरे रीति रिवाज के साथ करवाई. बताया जा रहा है कि 25 साल पूर्व सत्येंद्र लटियाल के घर में मौजूद रही एक देसी गाय ने एक बछिया को जन्म दिया था, जो बहुत सुंदर और आकर्षक भी थी.

दूध देना बंद किया, पर सेवा करते रहे

परिवार ने उसे बच्चे की तरह पाल पोसकर बड़ा किया था. सत्येंद्र लटियाल की मानें तो यह गाय रोजाना 30 लीटर दूध देती थी. बूढ़ी होने के बाद पिछले चार-पांच साल से वह दूध नहीं दे रही थी. परिवार का हिस्सा होने के कारण उन्होंने इस गाय को आखिरी समय तक अपने पास रखा.

पूरे गांव को कराया मृत्युभोज

14 दिन पहले गाय की मौत हो गई थी. सत्येंद्र लाटीयाल के परिवार ने गाय को परिवार के किसी सदस्य की तरह ही विदाई दी. उसकी आत्मा की शांति को लेकर मंगलवार को पूरे रीति रिवाज से उसकी तेरहवीं और हवन यज्ञ किया गया. इस दौरान पूरा गांव मृत्यु भोज में शामिल हुआ.

गुना को मिलेगी ‘गौ अभ्यारण और अनुसंधान केंद्र’ की सौगात

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Guna News: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने संसदीय क्षेत्र के चार दिवसीय प्रवास कार्यक्रम के दूसरे दिन गुना में 44 करोड़ रुपये की लागत से बनने जा रहे ‘गौ अभ्यारण एवं अनुसंधान केंद्र’ का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने गौ माता की विधिवत पूजा कर भारत की सनातन परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित इस ऐतिहासिक पहल को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया.

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गाय को भोजन भी कराया और आरती की. सिंधिया ने अपने संबोधन में कहा  कि “गाय की देह में समस्त देवी-देवताओं का वास होता है. गौ माता केवल एक दूध देने वाला पशु नहीं, बल्कि माता के रूप में पूजनीय हैं.” उन्होंने हमें दूध दिया, घी दिया, गोबर, गौमूत्र दिया और गोबर से यज्ञ आदि जैसे शुभ कार्य संभव हुए यही भारत है.

सिंधिया ने अपने संबोधन में आगे कहा, “यह अमेरिका नहीं, यह यूरोप नहीं, यह कोई और देश नहीं, यह भारत माता का देश है, जहां हम गौ माता की पूजा करते हैं, यह हम सभी का दायित्व बनता है.”

‘सनातन संस्कृति में पंच ग का महत्व’
केंद्रीय मंत्री ने अपने भाषण के दौरान भारतीय संस्कृति को सर्वोपरि मानते हुए कहा, “सनातन संस्कृति में पंच ‘ग’ गाय, गंगा, गायत्री, गीता और गोविंद का विशेष महत्व है. गंगा और गीता आत्मशुद्धि के प्रतीक हैं और गौ माता समस्त प्राणियों की माता के रूप में पूजनीय हैं.” उन्होंने कहा कि गुना नगर पालिका और गौ अभ्यारण एवं अनुसंधान केंद्र को साथ आने की जरूरत, बायो गैस के प्रयोग से क्षेत्र में हरित विकास संभव हो सकता है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने भाषण में ग्वालियर स्थित गौशाला का उदाहरण दिया जहां ग्वालियर नगर निगम और गौशाला ने साथ मिलकर गौशाला में सीएनजी प्लांट की स्थापना की है. जहां से उत्पादन होने वाले गैस का प्रयोग नगर निगम की गाड़ियों में किया जा रहा है. सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर से प्रेरणा लेकर हमें गुना में भी यही मॉडल स्थापित करना चाहिए जहां नगर पालिका (जो जल्द ही नगर निगम होने वाला) है वह केंद्र के साथ मिलकर क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करें.

‘राजमाता ने की थी गौशाला की शुरुआत’
केंद्रीय मंत्री ने साझा किया कि “1975 में ग्वालियर महल परिसर में राजमाता जी ने एक छोटी सी गौशाला की शुरुआत की थी. यह गौशाला आज भी ग्वालियर जय विलास पैलेस में उपस्थित है और जिसकी देखरेख आज मेरी बेटी कर रही हैं.” उक्त कार्यक्रम में अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अजीत महापात्र भी उपस्थित थे.