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गौमाता की सेवा ने बदली गौदास आदि की तकदीर।

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MBA गाय वाला के नाम से हुआ फेमस आदि डडवाल हिमाचल के छोटे से गांव सलोह में रहने वाला शख्स जिसे कभी नहीं पता था की गौ माता की सेवा करते करते उन्हें लोग MBA गाय वाला के नाम से जानने लगेंगे.
ज्यादातर लोग यहीं सोचते हैं की गौ सेवा बुढ़ापे में या रिटायर्मेंट के बाद करनी चाहिए पर ये अलग बात है आदि डडवाल ने अपना जीवन जीने का एक अलग रास्ता चुना और गौशालाओं में गौमाता की सेवा कर जीवन जीने को स्वीकार किया SOCIAL मीडिया से हमेशा खुद को दूर रखते हुए भी आज  SOCIAL मीडिया पर लोग इन्हें mba गाय वाला के नाम से जानने लगें है। जी हाँ mba चाय वाला के बाद अब एक ऐसा शख्स जो MBA गाय वाला के नाम से जाना जा रहा है।
MBAकी डीग्री करने के बाद हर स्टूडेंट का एक अच्छी नोकरी की ओर ध्यान होता है एक अच्छी कम्पनी में काम कर अच्छा खासा पैसे कमाना और अपने सपनों को साकार करना होता है पर MBA गाय वाला के नजरिये से गौमाता की सेवा से बड़ी कोई नोकरी नहीं है और उनका कहना है जो भी व्यक्ति गौसेवा में लगा हुआ है या गौशाला को चला रहा है इसमें हमारा ये कर्तव्य बनता है की हम ऐसे लोगों का साथ दें (गावो रक्षन्ति रक्षितः) इसका मतलब साफ़ है अगर गौमाता बचेगी तो इन्सान बचेगा ओर हमारा धर्म बचेगा। नहीं तो जैसी हालत गौमाता की हो रही है ऐसी ही हालत इंसानों की भी हो रही है जैसे जैसे देश में गौशालाएं बढ़ रही हैं वेसे वेसे देश में वृद्ध आश्रमों की संख्या भी बड रही है।
MBA गाय वाला ने एक चर्चा में बताया की MBAकरने के बाद समाज में बहुत से लोगों ने उन्हें तान्हे भी मारे की पढाई क्यों की अगर गौसेवा ही करनी थी।गौसेवा तो अनपढ़ लोग भी कर सकते हैं पर बहुत कम लोग है जो गौमाता के दर्द को समझ सकते हैं इस विषय पर कहने को बहुत कुछ है पर बातों से ज्यादा समय सेवा में लगे तो अच्छा है 10 साल से गौसेवा में जुटे रहते हुए बहुत सी गौशालाओं में सेवा दी। हाल ही में हुई चर्चा में पता चला है की अब MBA गाय वाला पंजाब होशियारपुर के एक छोटे से गांव पोहारी में प्राचीन बाण गंगा शिव मंदिर जो की 5000 साल पुराना पांडवों दुवारा निर्मित एक त्रिमूर्ति शिवलिंग है और अपने गुरु आज्ञा पर MBA गाय वाला वंहा पर सनातन की नष्ट हुई प्राचीन विद्याएँ जो गौमाता और कुदरत की देंन हैं और बहुत सी बीमारियों में रामबाण है इसके अध्यन में लगें हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने चित्रकूट, मध्य प्रदेश में श्री सद्गुरू सेवा संघ ट्रस्ट के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया

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MP – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज श्री सद्गुरू सेवा संघ ट्रस्ट चित्रकूट, मध्य प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया। श्री मोदी ने रघुबीर मंदिर में पूजा और दर्शन किये और परम पूज्य रणछोड़दासजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उसके बाद वह श्री राम संस्कृत महाविद्यालय गये जहां उन्होंने गुरूकुल की गतिविधियों को दर्शाने वाली गैलरी को देखा। उसके बाद प्रधानमंत्री सद्गुरू नेत्र चिकित्सालय की गये और वहां प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने पैदल ही आगे बढ़ते हुये सद्गुरू मेडिसिटी के मॉडल को भी देखा।

उसके बाद प्रधानमंत्री जानकीकुंड चिकित्सालय गये और उसके नये खंड का उद्घाटन किया। बाद में उन्होंने स्वर्गीय श्री अरविंद भाई मफतलाल की समाधि पर पुष्प चढ़ाकर श्रधांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री के साथ इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान भी थे।

राष्ट्रपति ने भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया

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New Delhi – राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (27 अक्टूबर, 2023) चेन्नई, तमिलनाडु में भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह में भागीदारी की और इस कार्यक्रम को संबोधित किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि 7,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा और 1,382 अपतटीय द्वीपों के साथ भारत की समुद्री स्थिति उल्लेखनीय है। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्गों पर रणनीतिक स्थलों के अलावा, भारत के पास 14,500 किलोमीटर लंबे संभावित नौगम्य जलमार्ग हैं। देश का समुद्री क्षेत्र इसके व्यापार और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि देश का 95 प्रतिशत व्यापार मात्रा के अनुसार और 65 प्रतिशत व्यापार मूल्य के अनुसार समुद्री परिवहन के माध्यम से किया जाता है। तटीय अर्थव्यवस्था 4 मिलियन से अधिक मछुआरों का भरण-पोषण करती है और लगभग 2,50,000 मछली पकड़ने वाली नौकाओं के बेड़े के साथ भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस क्षेत्र की क्षमता का पूरी तरह से दोहन करने से पूर्व  हमें कई चुनौतियों से गुजरना होगा। उन्होंने कहा कि गहराई पर प्रतिबंध के कारण बहुत सारे कंटेनर जहाजों के माल को पास के विदेशी बंदरगाहों पर ले जाया जाता है। उन्होंने कहा कि व्यापारी और नागरिक जहाज निर्माण उद्योग में, हमें दक्षता, प्रभावकारिता और प्रतिस्पर्धात्मकता के उच्चतम मानकों का लक्ष्य रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय बंदरगाहों की परिचालन दक्षता को इस बदलते हुए समय में वैश्विक औसत बेंचमार्क से तालमेल बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारतीय बंदरगाहों को अगले स्तर पर पहुंचने से पहले बुनियादी ढांचे और परिचालन संबंधी चुनौतियों का समाधान करना होगा। उन्होंने कहा कि सागरमाला कार्यक्रम “बंदरगाह विकास” से “बंदरगाह आधारित विकास” की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
राष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु आपदा हमारे समय की सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक है जिसमें तापमान और समुद्र का बढ़ता स्तर शामिल है। समुद्री क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन से होने वाले प्रभावों से मुक्त रखने के लिए त्वरित, सक्रिय और शीघ्र कार्यवाही की जरूरत है, जिससे विशेषकर कमजोर समुदायों के बीच आजीविका बाधित होने का खतरा उत्पन्न न हो सके। उन्होंने कहा कि छात्रों की व्यावसायिक जिम्मेदारी ही नहीं अपितु इकोसिस्टम को मजबूत बनाए रखने के प्रति भी उनका दायित्व है। समय की मांग है कि नौवहन सहित समुद्र संबंधी दीर्घकालिक और कुशल गतिविधियों का संचालन किया जा सके। स्वस्थ इकोसिस्टम के लिए समुद्र में अधिक अनुकूल और हरित कार्यप्रणालियों को अपनाना भी आवश्यक हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि सबसे नए केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से एक होने के बावजूद, भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय ने अपनी योग्यता सिद्ध की है। इसमें समुद्री शिक्षा, अनुसंधान, प्रशिक्षण, शैक्षणिक भागीदारी और क्षमता निर्माण के लिए विश्व स्तर पर प्रशंसित उत्कृष्टता केंद्र के रूप में निखरने की क्षमता है, जबकि समुद्री कानून, महासागर प्रशासन और समुद्री विज्ञान जैसे संबद्ध विषयों में अपनी विशेषज्ञता का विस्तार करने की भी क्षमता है।

विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने की जरूरत-उपराष्ट्रपति

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New Delhi – उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज विकास और संरक्षण के बीच एक नाजुक संतुलन बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे नागरिकों की विकास आवश्यकताओं को पूरा करते हुए हमारे जंगल फलते-फूलते रहें। यह देखते हुए कि वन हमारे लाखों नागरिकों, विशेषकर आदिवासी समुदायों की जीवन रेखा हैं, उन्होंने रेखांकित किया कि  हालांकि वनों का संरक्षण, महत्वपूर्ण है तथापि वन संसाधनों पर निर्भर समुदायों को उन से अलग नहीं किया जा सकता है।
देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान में वनों पर संयुक्त राष्ट्र मंच – भारत द्वारा देश के नेतृत्व वाली पहल के समापन समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह पृथ्वी हमारी नहीं है, और हमें इसे आने वाली पीढ़ियों को सौंपना होगा। जैव विविधता के पोषण और संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि हम केवल इसके ट्रस्टी हैं, और हम अपने लापरवाह दृष्टिकोण और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के साथ अपनी भावी पीढ़ियों के साथ समझौता नहीं कर सकते।
 अपने संबोधन में, उपराष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सतत विकास और जलवायु परिवर्तन पर काबू पाना सुरक्षित भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। भावी चुनौतियाँ के प्रति लोगों को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि यदि विकास टिकाऊ नहीं है तो पृथ्वी पर जीवित रहना मुश्किल होगा।
यह देखते हुए कि हम जिस जलवायु चुनौती का सामना कर रहे हैं, वह किसी व्यक्ति को प्रभावित नहीं करेगी, बल्कि यह पूरी पृथ्वी को प्रभावित करेगी, श्री धनखड़ ने समाधान खोजने के लिए सभी संसाधन जुटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “कोविड की तरह, जो दुनिया के लिए एक चुनौती थी, जलवायु परिवर्तन कोविड चुनौती से कहीं अधिक गंभीर है।”
उपराष्ट्रपति ने पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान के लिए समन्वित वैश्विक रुख को एकमात्र विकल्प बताते हुए कहा कि “एक देश इसका समाधान नहीं ढूंढ सकता है । समाधान खोजने के लिए युद्धस्तर पर सभी देशों को एकजुट होना होगा।”
यह उल्लेख करते हुए कि वन एक कार्बन सिंक प्रदान करते हैं जो हर साल 2.4 बिलियन मीट्रिक टन कार्बन को अवशोषित करता है, उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि हम सभी को यह महसूस करने की आवश्यकता है कि वन ही जलवायु परिवर्तन का एक मात्र समाधान हैं। उन्होंने कहा, “हमारे वन केवल एक संसाधन मात्र नहीं हैं बल्कि देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक विरासत को भी समाहित करते हैं।”

यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कि गाँव के चरागाहों और तालाबों का कायाकल्प और पोषण हो, जो गाँव के जीवन और मवेशियों के लिए आवश्यक हैं, श्री धनखड़ ने इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर ग्रामीण जनता के बीच जागरूकता पैदा करने का आह्वान किया। उन्होंने अमृत काल में अमृत सरोवर योजना के प्रभावी कार्यान्वयन पर भी प्रसन्नता व्यक्त की.

वैश्विक क्षेत्र में ऊर्जा हथियार के रूप में उपयोग करने का एक तरीका बन गया है, श्री धनखड़ ने स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन की दिशा में भारत द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को रेखांकित किया। स्वच्छ ऊर्जा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि 2030 तक हमारी आधी बिजली नवीकरणीय स्रोतों से उत्पन्न होगी।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को एक दूरदर्शी पहल बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह उद्यमियों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करता है और जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण की चुनौतियों का भी ध्यान रखता है।
‘अमृतकाल’ को ‘गौरवकाल’ के रूप में बताते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि दुनिया हमारी अभूतपूर्व वृद्धि से स्तब्ध है। “2022 में यूके और फ्रांस को पछाड़कर भारत पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस दशक के अंत तक यानी 2030 तक जापान और जर्मनी के को पीछे छोड़ते हुए भारत तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन जाएगा  यह  विकास भारत पर उन वैश्विक मुद्दों से निपटने के लिए बड़ा दायित्व लाता है जिनका दुनिया सामना कर रही है।
जंगलों में लगने वाली आग के बारे में बात करते हुए, वीपी ने कहा कि तकनीकी प्रगति के बावजूद, विकसित देश भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए बहुस्तरीय दृष्टिकोण को अपनाने का आह्वान करते हुए, उन्होंने जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं को कम करने के लिए कुछ कदमों के रूप में प्रौद्योगिकी, के प्रति जागरूकता बढाने को कहा।

उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर आए उपराष्ट्रपति ने इससे पहले गंगोत्री , केदारनाथ और बद्रीनाथ का दौरा किया । अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा, “जब से मैं और मेरी पत्नी कल देवभूमि में उतरे हैं तब से दिव्यता, उदात्तता, शांति और मनोरम वातावरण का अनुभव हुआ है।”
गंगोत्री , केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्राएँ उनकी यादों में हमेशा बनी रहेंगी, उपराष्ट्रपति ने कहा, “ये दिव्य स्थान हमारी सभ्यता के लोकाचार और सार को प्रतिबिंबित करते हैं। कई महान लोगों ने शांति और खुशी पाने के लिए इन पवित्र और पूजनीय स्थलों पर आकर इनका लाभ उठाया।

उत्तराखंड के राज्यपाल, लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, वन महानिदेशक, श्री चंद्र प्रकाश गोयल, निदेशक, यूनिसेफ सुश्री जूलियट बियाओ कॉडेनौक पो , अतिरिक्त महानिदेशक वन, महानिदेशक, आईसीएफआरई, श्री बिवाश रंजन ,श्री भरत ज्योति, और विभिन्न देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सम्मानित प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

Govardhan Puja 2023, श्रीकृष्ण-गाय-गोवर्धन पर्वत की पूजा का विशेष महत्व

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Govardhan Puja 2023 Kab Hai: दिवाली का त्योहार कार्तिक अमावस्या पर मनाया जाता है और इसके अगले दिन यानि कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाते हैं, इसी दिन अन्नकूट भी होता है. गोवर्धन पूजा का पर्व वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन ब्रज क्षेत्र में इसकी खास रौनक रहती है. गोवर्धन पूजा में घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है. इस पर्व का श्रीकृष्ण से भी खास संबंध है. आइए जानते हैं साल 2023 में गोवर्धन पूजा की डेट, पूजा मुहूर्त और महत्व
गोवर्धन पूजा 2023 डेट (Govardhan Puja 2023 Date)
इस साल गोवर्धन पूजा 14 नवंबर 2023, मंगलवार को है. इसी दिन भाई दूज भी है. गोवर्धन पूजा को प्रकृति की पूजा भी कहा जाता है जिसकी शुरुआत खुद भगवान श्री कृष्ण ने की थी. इस दिन प्रकृति के आधार पर्वत के रूप में गोवर्धन पर्वत की पूजा किए जाने का विधान है. साथ ही शुभ मुहूर्त में गायों की पूजा भी की जाती है.
गोवर्धन पूजा 2023 मुहूर्त (Govardhan Puja 2023 Muhurat)
पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रपिपदा तिथि की शुरुआत 13 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट पर होगी और अगले दिन 14 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर इसका समापन होगा.
गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त – सुबह 06:43 – सुबह 08:52 (14 नवंबर 2023)
अवधि – 2 घंटे 09 मिनट
गोवर्धन पूजा महत्व (Govardhan Puja Significance)
गोवर्धन पूजा में गौ यानि गायों की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में गायों को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है. इसमें 33 कोटि देवी-देवताओं का वास माना गया है. कहते हैं जो लोग गोवर्धन पूजा के दिन गाय की उपासना करते हैं उन्हें मां लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद मिलता है. मां लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं, उसी प्रकार गौमाता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं. गौ के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए ही इस दिन का विशेष महत्व है.
क्यों होती है गोवर्धन पर्वत की पूजा (Lord Krishna and Govardhan Parvat Puja)
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार बृज में बहुत अधिक वर्षा होने के कारण पूरे गांव डूब की कगार पर आ गया था. तब श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था. पर्वत के नीचे सभी बृजवासी, पशु-पक्षी अपने प्राण बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत की शरण में आ गए थे. गोवर्धन पर्वत और श्रीकृष्ण की कृपा से गांव वासी बड़े संकट से बच गए, यही वजह है कि इस दिन से गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की परंपरा शुरू हुई.

UP की महिला पुलिस टीम ने गौ-तस्कर इनामुल का किया एनकाउंटर, पैर में लगी गोली: नारी शक्ति का किया गया सम्मान

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस-प्रशासन को अपराधियों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं। इसके बाद कई अपराधियों ने आत्मसमर्पण कर दिए। पकड़ने के क्रम में जिन्होंने पलटवार किया, उन्हें पुलिस ने ढेर भी कर दिया। इस बीच, कुशीनगर में ऐसा पहली बार हुआ, जो अब तक नहीं हुआ था। यहाँ महिला पुलिस की टीम ने एक गौ-तस्कर का एनकाउंटर कर उसे पकड़ लिया। गौ-तस्कर का नाम इनामुल उर्फ बिहारी है। उस पर 25 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित था।

मामला कुशीनगर के रामकोला थाना इलाके का है। बरवापट्टी थाने की महिला SHO सुमन सिंह के नेतृत्व में टीम ने एनकाउंटर को अंजाम दिया। यह एनकाउंटर बीते गुरुवार (19 अक्टूबर 2023) की रात को हुआ, जब पूरा देश नारी शक्ति की पूजा का त्योहार नवरात्रि मना रहा था। अपराधियों के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत मेहदीगंज अमडरिया नगर के पास चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। इसमें थाना कोतवाली, पडरौना, रामकोला, बरवापट्टी, खड्डा, कप्तानगंज और स्वाट की टीमें संयुक्त रूप से शामिल थीं।

इस दौरान एक व्यक्ति बाइक से आता हुआ दिखाई दिया। पुलिस ने उसे रुकने का इशारा किया, लेकिन उस व्यक्ति ने पुलिस पर ही गोली चला दी। इसके बाद महिला पुलिसकर्मियों की टीम ने मोर्चा संभाल लिया और इनामुल को एनकाउंटर में घायल कर गिरफ्तार कर लिया। जाँच में पता चला कि इनामुल 25 हजार रुपए का ईनामी बदमाश है और उस पर कई मामले दर्ज हैं। वो गौ-तस्करी के मामले में वांछित था। इनामुल के पास से कट्टा, कारतूस और मोटरसाइकिल बरामद हुए हैं।

एडीजी ने किया महिला शक्ति को सम्मानित

इस अभियान में पुरुष पुलिसकर्मियों से भी आगे महिला शक्ति रहीं। इस अभियान की अगुवाई बरवापट्टी की एसएचओ सुमन सिंह कर रही थीं। वहीं, बदमाश का एनकाउंटर करने वाली टीम में एसआई चंदा यादव के अलावा एसआई प्रिंसी पाण्डेय, आरक्षी संगीता यादव और आरक्षी प्रियंका सिंह की अहम भूमिका रही। इस एनकाउंटर को अंजाम देने वाली टीम को मिशन शक्ति के तहत एडीजी ने सम्मानित भी किया।

चेन्नई रोड शो में बोले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी- उत्तराखंड और तमिल संगमम को आगे बढ़ाया जाएगा

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चेन्नई,26 अक्टूबर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड में आगामी 08 और 09 दिसंबर को होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर गुरुवार को चेन्नई में आयोजित रोड शो में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े निवेशकों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री के साथ चेन्नई रोड शो में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा भी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चेन्नई में आयोजित रोड शो में आए विभिन्न समूहों के निवेशकों को 8 और 9 दिसंबर 2023 को देहरादून में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और उत्तराखंड का आध्यात्मिक रूप से संबंध है। तमिलनाडु में रामेश्वरम और उत्तराखण्ड में श्री केदारनाथ एवं आदि कैलाश विश्व प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव के तमिलनाडु में रामेश्वरम्और उत्तराखंड में श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग विद्यमान हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड और तमिल संगमम को आगे बढ़ाया जाएगा।

उत्तराखण्ड में हैं निवेश की अपार संभावनाऐं——

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ फ़ूड प्रोसेसिंग, ऑटो कम्पोनेन्ट मैन्युफैक्चरिंग, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे अनेकों क्षेत्रों में निवेश की अपार संम्भावनाएं हैं। उत्तराखण्ड राज्य को पीस टू प्रोसपेरिटी के मूल मंत्र के साथ सक्रिय एवं निवेश अनुकूल बनाया जा रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा उत्कृष्ट मानव श्रम, बेहतर अवस्थापना सुविधायें, शान्तिपूर्ण वातावरण, पारदर्शी प्रोत्साहन नीतियां स्थापित की गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के पारम्परिक क्षेत्रों जैसे पर्यटन, आयुष, वेलनेस, फ़ूड प्रोसेसिंग, ऑटो मोबाईल्स, फार्मा के साथ-साथ वैकल्पिक ऊर्जा और सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र को फोकस सेक्टर के रुप में शामिल किया है।

उत्तराखण्ड की ओर तेज़ी से बढ़ रहा निवेशकों का रुझान

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक आयोजित रोड शो में देश एवं विदेशों से निवेशकों द्वारा उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिल रही है जिससे यह स्पष्ट है कि निवेशकों का तेज़ी से रुझान उत्तराखण्ड की ओर बढ़ रहा है। उन्होने कहा कि निजी क्षेत्र के साथ मजबूत सम्बन्ध बनाने एवं साझेदारी स्थापित करने से ही हम राज्य में आर्थिक प्रगति एवं रोजगार के अवसरों के सृजन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकते हैं, यही कारण है कि उत्तराखण्ड में प्रदेश सरकार ने उद्योगों के साथ बेहतर सम्बन्ध एवं तालमेल बढ़ाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को इन्वेस्टर्स फ्रेंडली बनाने के लिए विगत कुछ माह में 30 से अधिक नीतियों में संशोधन किया गया है।

उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की थीम को “पीस टू प्रोस्पेरिटी” रखा गया है। टूरिज्म, वेलनेस और हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री के साथ-साथ उत्तराखण्ड में अनेक नए एवं गैर परंपरागत उद्योगों को विकसित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड, देश के प्रमुख फार्मा हब के रूप में स्थापित हो रहा है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि इन्वेस्टर्स उत्तराखण्ड में भी निवेश करें ताकि प्रदेश में औद्यौगिक विकास की गति बढ़ सके। प्रदेश में निवेश बढ़ने से अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ ही रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन प्रदेश होने के साथ ही निवेश हेतु भी बेहतरीन डेस्टिनेशन है।उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सरकार ने निवेशकों के लिए कई नीतिगत सुधार किए हैं।

कैबिनेट मंत्री सौरव बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखण्ड में रोड, एयर और रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया जा रहा है। प्रदेश में मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में कई इंवेस्टर फ्रेंडली नीतियों को संशोधित किया गया है।

कार्यक्रम में सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिन कुर्वे, डॉ. आर राजेश कुमार, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा और विभिन्न क्षेत्रों के निवेशक उपस्थित रहे। ।

मेरे लिए डांस मेरे सच्चे जुनून में से एक है-कैटरीना कैफ

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कैटरीना कहती हैं, “एक कलाकार के रूप में इतने वर्षों तक, एक चीज जिसने मुझे बनाए रखा है वह है मेरे प्रशंसकों, मीडिया और दर्शकों का प्यार। सफलता का असली पैमाना उस प्यार में है जो किसी को लोगों से स्वाभाविक रूप से मिलता है। लेके प्रभु का नाम को पसंद किया जा रहा है, यह हम सभी के लिए एक अद्भुत एहसास है। मेरे लिए डांस करना मेरे सच्चे जुनून में से एक है और दर्शकों का प्यार देखना बहुत बड़ी खुशी है।”
कैटरीना जबरदस्त डांस हिट देने के लिए जानी जाती हैं और उन्हें खुशी है कि लेके प्रभु का नाम उनके पार्टी एंथम की शानदार लिस्ट में शामिल हो रहा है। उनका मानना है कि लोगों को अभिनेताओं से बहुत उम्मीदें होती हैं कि वे न केवल अपने अभिनय कौशल का प्रदर्शन करें बल्कि उन्हें संजोने और डांस करने के लिए बेहतरीन गाने भी दें!
कैटरीना कहती हैं, “एक फिल्म, एक अभिनय प्रदर्शन, एक गीत इन सभी को सफल कहलाने के लिए हमारे दर्शकों से जुड़ना होगा और मैं आभारी हूं कि मैंने अपने पूरे करियर में ऐसा हुआ है। मैं जानती हूं कि फिल्म में परफॉर्मेंस के साथ-साथ लोग हमारे गाने देखने के लिए भी उत्साहित रहते हैं।”
वह आगे कहती हैं, “मैं इसे एक बड़ी प्रशंसा के रूप में लेती हूं क्योंकि गाने और डांस हमारी संस्कृति और हमारी फिल्मों का हिस्सा हैं और हमेशा से सेलिब्रेट और पसंद किए जाते रहे हैं। मैं हमारे गानों से लोगों की अपेक्षाओं से वाकिफ हूं और यह मुझे हर बार बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करता है।”
वाईआरएफ स्पाई यूनिवर्स की टाइगर 3 का निर्माण आदित्य चोपड़ा ने किया है और इसका निर्देशन मनीष शर्मा ने किया है। यह इस दिवाली, 12 नवंबर, रविवार को हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज़ होने के लिए तैयार है!

लेके प्रभु का नाम गाना यहां देखें:

गाने और डांस हमारी फिल्मों, हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं: सलमान खान

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बॉलीवुड के मेगास्टार सलमान खान टाइगर 3 के पहले गाने लेके प्रभु का नाम के जबरदस्त हिट होने से रोमांचित हैं। प्रीतम द्वारा रचित, अरिजीत सिंह और निकिता गांधी (हिंदी संस्करण), बेनी दयाल और अनुषा मणि (तमिल संस्करण और तेलुगु संस्करण) द्वारा गाया गया यह गाना इंटरनेट पर धूम मचा रहा है। लोग आकर्षक बीट्स और सलमान-कैटरीना कैफ की सिज़लिंग केमिस्ट्री के फिर से दीवाने हो गए हैं!
सलमान कहते हैं, ”ट्रैक को मिली प्रतिक्रिया आश्चर्यजनक रूप से सकारात्मक है और मुझे यह पढ़कर खुशी हुई कि कैसे लोगों ने इस छुट्टियों के मौसम के लिए एक पार्टी एंथम ढूंढ लिया है। मुझे अपनी फिल्मों और गानों से लोगों का मनोरंजन करने में हमेशा खुशी महसूस होती है। मुझे इससे बड़ी कोई खुशी नहीं मिली कि लोग अपने जीवन में जो कुछ भी हो रहा है उसे भूल जाएं और उस दुनिया में डूब जाएं जो हमारा सिनेमा थिएटर के अंदर उनके लिए बनाता है!”
वह आगे कहते हैं, “गाने और डांस हमारी फिल्मों, हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं और मुझे अच्छा लगता है जब मेरी फिल्मों में बेहतरीन गाने होते हैं जिनका लोग आनंद लेते हैं। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि एक गीत की प्रासंगिकता पीढ़ियों तक पहुंच सकती है! मैं भाग्यशाली रहा हूं कि मुझे अपने करियर में इनमें से कुछ गाने मिले और मुझे उम्मीद है कि लेके प्रभु का नाम भी समय के साथ उनमें से एक बन जाएगा।”
वाईआरएफ स्पाई यूनिवर्स की टाइगर 3 का निर्माण आदित्य चोपड़ा ने किया है और इसका निर्देशन मनीष शर्मा ने किया है। यह इस दिवाली, 12 नवंबर, रविवार को हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज़ होने के लिए तैयार है।

डॉ अरुण कुमार शर्मा द्वारा निर्मित इको-फ्रेंडली दुर्गाजी की मूर्ति का दर्शन करने पहुंचे सेलेब्रिटी

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मुम्बई। डॉ अरुण कुमार शर्मा द्वारा नमो नमो संगठन ट्रस्ट के सहयोग से 12 फुट ऊंची इको-फ्रेंडली माता की मूर्ति बूमरंग में रखी गई। यहां कई सेलेब्रिटीज़ के साथ नवरात्रि उत्सव मनाया गया। माता दर्शन, विशेष कन्या पूजन, दान और भोज प्रोग्राम रखा गया। उसी अवसर पर एक्ट्रेस निहारिका रायजादा, अभिनेत्री उर्वशी, कॉमेडियन वीआईपी सहित कई लोग उपस्थित रहे। सभी ने माता के दर्शन किए और डॉ अरुण कुमार शर्मा के इको फ्रेंडली के कॉन्सेप्ट की सराहना की।
वहीं ढेरो बच्चों को प्रसाद, जूस और भोज के साथ उपहार किट्स बांटे गए जिससे उनके चेहरे पर खुशी झलक पड़ी।
इस भव्य उत्सव में भारी संख्या में लोग शामिल हुए और भक्तों ने इस उत्सव को खूब उत्साह से साथ मनाया।
भक्ति के साथ पर्यावरण को लेकर जागरूकता की एक उल्लेखनीय पहल करने वाले डॉ. अरुण कुमार शर्मा ने नमो नमो संगठन ट्रस्ट के सहयोग से विश्व की सबसे ऊंची इको-फ्रेंडली गणपति मूर्ति का निर्माण भी करवाया था। इस अविश्वसनीय उपलब्धि को इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा प्रमाणित किया गया।


अरुण कुमार शर्मा ने कहा कि प्यार से तैयार की गई यह माता जी की मूर्ति पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल रही।
नमो नमो संगठन ट्रस्ट के अध्यक्ष अरुण कुमार शर्मा ने कहा कि भक्ति, पूजा और प्रथाओं के माध्यम से, हम परंपरा और आधुनिकता के बीच की खाई को पाट सकते हैं।
मुंबई के चांदीवली में स्थित बूमरंग बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स में नवरात्रि के शुभ अवसर पर नवरात्रि उत्सव में इस इको-फ्रेंडली माताजी की मूर्ति ने सबका ध्यान खींचा।
अरुण कुमार शर्मा का कहना है कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हर घर मोदी जी और हर घर इको फ्रेंडली गणेश जी और माताजी की मूर्ति की सोच को सपोर्ट करते हैं।
इको फ्रेंडली माताजी की मूर्ति भी उन्होंने ही बनाई है जिन्होंने बप्पा जी की मूर्ति भी बनाई थी। इको फ्रेंडली माताजी का यहीं विसर्जन होगा। मेरी पूरे समाज से प्रार्थना है कि पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर घर मे इको फ्रेंडली माताजी रखें।
निहारिका रायजादा, उर्वशी, वीआईपी ने अरुण कुमार शर्मा के इस कार्य की तारीफ की।