Mumbai Clash: मुंबई के मीरा रोड पर हुए बवाल के बाद एक्शन की तैयारी में पुलिस
Mira Road Clash: मीरा भयंदर वसई विरार पुलिस (एमबीवीवी पुलिस) ने एक नोट जारी कर सभी ग्रुप एडमिन को इस बात का ध्यान रखने को कहा है कि सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए झड़प से संबंधित कोई भी फॉरवर्ड, चुटकुले या वीडियो सोशल मीडिया पर फॉरवर्ड नहीं किया जाना चाहिए. इस आदेश का उल्लंघन होने पर पुलिस ग्रुप एडमिन के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
क्या है पूरा मामला?
PTI के अनुसार, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या (रविवार रात) पर मुंबई से सटे मीरा भायंदर इलाके में एक वाहन रैली निकालने में शामिल लोगों के समूह पर कथित हमले को लेकर 13 लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने कहा कि दो समुदायों के सदस्यों के बीच झड़प तब हुई, जब रविवार रात करीब साढ़े 10 बजे तीन कारों और उतनी ही संख्या में मोटरसाइकिल पर सवार 10 से 12 लोगों का एक समूह नया नगर से रैली निकाल रहा था. रैली के दौरान यह समूह सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर भगवान राम की प्रशंसा में नारे लगा रहा था.
उस रात क्या हुआ था?
PTI ने बताया, मीरा भायंदर पुलिस थाना क्षेत्र के तहत आने वाले इलाके में यह घटना हुई. एक अधिकारी ने बताया कि नारे लगाते हुए कुछ लोगों ने कथित तौर पर पटाखे फोड़े, जिसके बाद स्थानीय लोगों का एक समूह लाठी-डंडे लेकर बाहर निकल आया. उनकी रैली में शामिल लोगों से बहस हुई और उन्होंने उनके वाहनों पर हमला कर दिया. उन्होंने बताया कि वाहनों में सवार लोगों से मारपीट भी की गयी. पुलिस ने फौरन बीचबचाव किया और हमलावरों को खदेड़ दिया. अधिकारी ने बताया कि इलाके में कानून एवं व्यवस्था की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस कर्मियों के अलावा दंगा नियंत्रण पुलिस (आरसीपी) की एक टुकड़ी भी तैनात की गयी है.
4.5 अरब वर्ष की पृथ्वी, 2.5 अरब साल पुरानी ‘कृष्ण शिला’ से बने हैं रामलला
अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर में रामलला विराजमान होने के बाद श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। पहले ही दिन 5 लाख लोगों ने प्रभु के बाल स्वरूप के दर्शन किए और आज भी भीड़ लगी ही हुई है। इस उत्साह के बीच राम मंदिर में विराजमान हुए रामलला के नवनिर्मित विग्रह को लेकर कुछ जानकारी सामने आई है।
मीडिया रिपोर्ट्स में विशेषज्ञों के हवाले से बताया गया है कि 51 इंच ऊँची और 200 किलो के वजन वाली रामलला की मूर्ति कोई सामान्य पत्थर से नहीं बनी, बल्कि इसे बनाने के लिए इस्तेमाल हुआ पत्थर 2.5 अरब साल पुराना ग्रेनाइट है। इसपर न पानी का असर पड़ता है और न ही कार्बन का। मौसम के तमाम बदलावों के बाद भी ये पत्थर वैसे का वैसा ही रहता है। इस चट्टान को ‘कृष्ण शिला’ भी कहा जाता है क्योंकि इसका रंग प्रभु कृष्ण के रंग जैसा है।
इस बारे में जानकारी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रॉक मेकेनिक्स के डायरेक्टर एच एच वेंकटेश ने दी है। भारत में न्यूक्लियर पावर प्लांट्स और बाँधों के निर्माण के लिए पत्थरों एवं चट्टानों को चेक करने का कार्य यही संस्था करती है।
उन्होंने इस चट्टान के बारे में बात करते हुए कहा कि ये एक ग्रेनाइट पत्थर है। इस पर मौसम का कोई असर नहीं होता है। उन्होंने बताया कि पृथ्वी निर्माण के दौरान बड़े पैमाने पर विस्फोट हुए थे तो उसी लावा के पिघलने से ग्रेनाइट पत्थर बने थे। ये पत्थर बेहद ठोस होते हैं। बदलते मौसम से इसपर कोई असर नहीं पड़ता।
वहीं विशेषज्ञों ने बताया कि ये पत्थर प्री क्रैम्ब्रियन काल का है, जिसकी शुरुआत 4 अरब साल पहले हुई थी यानी वैज्ञानिकों के अनुसार, ये पत्थर तब का है जब जीवन की शुरुआत हुई थी।
केंद्रीय विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी पिछले दिनों राम मंदिर को लेकर कहा था कि प्रभु का मंदिर ऐसे तकनीक से बन रहा है कि 1 हजार साल तक इस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इसके निर्माण में श्रेष्ठ तकनीक और उच्चतम क्वॉलिटी के पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मूर्ति के लिए पत्थर कर्नाटक के मैसुरु के जयपुरा होबली गाँव से लिया गया। ये जगह शानदार क्वालिटी के काले ग्रेनाइट पत्थरों के लिए जानी जाती है।
रामलला के दर्शन को पहले दिन आए 5 लाख लोग
इसी पत्थर से निर्मित रामलला की मूर्ति को देखने के लिए पहले दिन 5 लाख श्रद्धालु आए। इस दौरान भीड़ भाड़ रोकने के लिए करीबन 8000 पुलिस वाले वहाँ तैनात रहे। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हेलीकॉप्टर पर बैठकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अपील की, “दर्शन के लिए न हड़बड़ाएँ। भीड़ नॉर्मल होने के बाद अयोध्या आएँ।”
सीएम ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों से भी मुलाकात करके भीड़ को परिसर में संभालने की कोशिशों के बारे में जाना। स्थिति संभालने के लिए कई जगह श्रद्धालुओं को रोका गया। इससे पहले अयोध्या की सीमा सील करने की खबरें भी मीडिया में आई हैं।
प्रभु श्रीराम के विचारों की शक्ति ही 2047 तक विकसित भारत बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
दो दिन पूर्व मुझे आदरणीया राष्ट्रपति जी का एक बहुत ही प्रेरणादायी पत्र मिला था। मैंने आज अपनी कृतज्ञता पत्र के माध्यम से प्रकट करने का प्रयास किया है। pic.twitter.com/mVJJMgnM8C
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2024
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक और अयोध्या अपने मन में लेकर लौटे हैं और वह ऐसी अयोध्या है, जो कभी उनसे दूर नहीं हो सकती। पीएम ने अपने मन की यह बात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कही है।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि प्रभु श्रीराम के विचारों की शक्ति ही 2047 तक विकसित भारत बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी। उनका भव्य मंदिर हमें सफलता और विकास के नव प्रतिमान गढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा।
राष्ट्रपति मुर्मू ने लिखा था पीएम को पत्र
राष्ट्रपति ने श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर पीएम को एक पत्र लिखकर भारत की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना के लिए इस महान अवसर की महत्ता रेखांकित करते हुए मुख्य यजमान के रूप में मोदी की 11 दिवसीय कठिन तपस्या की प्रशंसा की थी।
पीएम ने राष्ट्रपति का जताया आभार
इसके उत्तर में पीएम ने राष्ट्रपति को लिखा – ‘आपके पत्र के हर शब्द ने आपके करुणामयी स्वभाव और प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन पर आपकी असीम प्रसन्नता व्यक्त की है। अयोध्या धाम में अपने जीवन के सबसे अविस्मरणीय क्षणों का साक्षी बनकर लौटने के बाद आपको यह पत्र लिख रहा हूं, आपकी शुभकामनाओं और स्नेह का बहुत आभारी हूं।’ उन्होंने इस अवसर को अपना सौभाग्य और दायित्व भी बताया।
1 दिनों के व्रत को लेकर कही ये बात
पीएम ने 11 दिनों के व्रत-अनुष्ठान और यम-नियम की चर्चा का भी उल्लेख किया और कहा कि हमारा देश ऐसे अनगिनत लोगों का साक्षी रहा है जिन्होंने शताब्दियों तक संकल्प व्रत किए ताकि रामलला अपने जन्मस्थान पर विराज सकें।
‘सदैव कृतज्ञ रहूंगा’
पीएम ने लिखा- ‘सदियों तक चले इन व्रतों की पूर्णाहुति का संवाहक बनना बहुत भावुक क्षण था। 140 करोड़ देशवासियों के साथ रामलला के साक्षात दर्शन, साक्षात्कार और स्वागत के वो क्षण अप्रतिम थे। वह क्षण प्रभु श्रीराम और भारत के लोगों के आशीर्वाद से ही संभव हुआ और मैं इसके लिए सदैव कृतज्ञ रहूंगा।’
‘मेरा मन भावनाओं से विह्वल हो गया’
पीएम ने अपनी अयोध्या यात्रा की अलग अनुभूति का उल्लेख करते हुए लिखा है कि जब आपका पत्र मिला था, तब मैं अलग ही भावयात्रा में था। आपके पत्र ने मुझे मेरे मन की इन भावनाओं को संभालने, उनसे सामंजस्य बिठाने में अपार सहयोग और संबल दिया है। ’मैंने एक तीर्थयात्री के रूप में अयोध्या धाम की यात्रा की। जिस पवित्र भूमि पर आस्था और इतिहास का ऐसा संगम हुआ हो, वहां जाकर मेरा मन भावनाओं से विह्वल हो गया।’
अयोध्या में हमने जो देखा वह यादों में अंकित रहेगा
राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में हमने जो देखा, वह आने वाले कई वर्षों तक हमारी यादों में अंकित रहेगा। मोदी ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में समारोह का एक वीडियो भी साझा किया।
दिव्य भारत की नींव बनाने का आह्वान
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर पीएम मोदी ने सोमवार को भव्य मंदिर के निर्माण से आगे बढ़कर अगले एक हजार वर्षों के मजबूत, सक्षम और दिव्य भारत की नींव बनाने का आह्वान किया था।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद PM Modi को लेकर मुस्लिम धर्मगुरु ने कह दी बड़ी बात
अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान श्री रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा सोमवार को निर्विघ्न पूर्ण हो गई है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अखिल भारतीय इमाम संगठन के मुख्य इमाम डॉ. इमाम उमेर अहमद इलियासी ने कहा कि यह नए भारत का चेहरा है। हमारा सबसे बड़ा धर्म मानवता है। हमारे लिए राष्ट्र पहले है।
हमारी इबादत करने के तरीके अलग लेकिन
इमाम उमेर अहमद इलियासी ने कहा कि यह बदलते भारत की तस्वीर है। आज का भारत नवीन भारत, आज का भारत उत्तम भारत, मैं यहां पैगाम-ए-मोहब्बत लेकर आया हूं। आज मेरे साथ यहां स्वामी जी खड़े हैं… इसी का नाम भारत है। हमारी इबादत करने के तरीके अलग जरूर हो सकते हैं, पूजा पद्धति जरूर अलग हो सकती है, हमारी आस्थाएं जरूर अलग हो सकती है, लेकिन हमारा जो सबसे बड़ा धर्म है वह इंसान और इंसानियत का है।
भारत को मजबूत करें, राष्ट्र सर्वोपरि है
अहमद इलियासी ने कहा कि अब हम सब मिलकर इंसानियत को बरकरार रखें, दूसरा हम सब भारतीय हैं, भारत में रहते हैं तो हम सब को चाहिए कि हम अपने भारत को मजबूत करें, यही हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। दूसरी बात यह है कि आज का जो पैगाम है, आज का जो संदेश है वह नफरतों को खत्म करने के लिए है। बहुत रंजिशे हो गई, बहुत दुश्मनी हुई, बहुत लोग मारे गए, बहुत राजनीति हुई, अब हम सबको मिलकर एक होकर भारत को मजबूत करना है।
अखंड भारत हमारा बनेगा लेकिन
इमाम इलियासी ने कहा कि हम सबको मिलकर भारतीयता को मजबूत करना है, राष्ट्रीय सर्वोपरि है। इसी पैगाम को आगे लेकर जाना है। अखंड भारत हमारा बने उसकी दिशा में हम सबको आगे आकर मिलकर यह करना होगा, यही हमारा पैगाम है। जिस तरह से मोदी जी आज पूरे दुनिया के अंदर भारत का नेतृत्व कर रहे हैं तो हम भी सब मिलकर एक साथ होकर अपने राष्ट्र को मजबूत करें, यही हमारा पैगाम है।
श्रीराम भव्य मंदिर निर्माण उद्घाटन – गऊ माता के लिए 5,111 किलों के केक को काटकर गायों को खिलाया
भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के उद्घाटन पर शिवनंदी गौशाला में कैबिनेट मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने गऊ माता के लिए 5111 किलो का केक काटा है। ये केक काटकर उन्होंने गायों को खिलाया। साथ ही शिव नंदीशाला में लोगों ने दीप जलाकर पटाखे फोड़कर इस उत्सव का आनंद लिया। कमेटी सदस्यों ने कैबिनेट मंत्री का आभार जताया। वहीं उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया।
अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के उद्घाटन पर शिवनंदी गौशाला में मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित कैबिनेट मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने गऊ माता के लिए 5,111 किलों के केक को काटकर गायों को खिलाया। वहीं, उन्होंने भगवान श्रीराम लला की आरती की।
शिव नंदीशाला में जलाए गए दीप
इससे पूर्व शिव नंदीशाला में सुबह 10 बजे हवन तथा 11 बजे लाइव प्रसारण किया गया। उसके बाद खीर का प्रसाद वितरित किया गया । कमेटी सदस्यों ने कैबिनेट मंत्री का आभार जताया। वहीं उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया। लोगों ने नंदी शाला के अंदर भजन कीर्तन किया और रात के समय दीप जलाकर व पटाखे फोड़ कर दिवाली के रूप में मनाया।
इस अवसर पर संयोजक धर्मपाल सैनी, नप चेयरमैन नरेश बंसल, वाइस चेयरपर्सन नीरू सैनी, पार्षद संजय सपड़ा, पार्षद प्रतिनिधि शंकर मित्तल आदि उपस्थित थे।
Mumbai: ’…नहीं तो 25 जनवरी को मीरा भाईंदर बंद’, शिवसेना नेता की धमकी, भारी पुलिस बल तैनात
25 जनवरी को मीरा भाईंदर बंद!
शिवसेना नेता प्रताप सरनाईक ने इस मामले मे मिरा भायंदर पुलिस कमिश्नर मधुकर पांडे से मुलाकात की है। उन्होंने कहा की अगर दो दिन में पुलिस इस मामले के सभी आरोपियों को गिरफ्तार नही करती है तो 25 जनवरी को मिरा भायंदर शहर बंद का आव्हान करेंगे।प्लानिंग कर माहौल खराब किया
सरनाईक ने नया नगर इलाके में पुलिस द्वारा कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाकर सभी आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्होंने आशंका जताई है कि किसी ने योजना बनाकर इस घटना को अंजाम दिया है। इसके मास्टर माइंड को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि रविवार रात में 200 से ज्यादा लोगों ने उपद्रव मचाया था।
मीरा भायंदर शहर में कोई सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है। सरनाईक ने मांग की है कि नया नगर में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाकर 48 घंटे के अंदर सभी को गिरफ्तार किया जाए। ऐसा नहीं होने पर 25 जनवरी को मीरा भाईंदर बंद का आह्वान किया है।
पुलिस की चप्पे-चप्पे पर नजर-
रैपिड एक्शन फोर्स तैनात
उधर, मुस्लिम बहुल इलाके नया नगर में कड़ा पुलिस बंदोबस्त है। मीरा रोड में स्थानीय पुलिस, मुंबई पुलिस, पालघर पुलिस, ठाणे ग्रामीण पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ), एमएसएफ (महाराष्ट्र सुरक्षा बल) और एसआरपीएफ जवानों को तैनात किया गया है। पुलिस बैरिकेडिंग के जरिए हर वाहन पर नजर रख रही है।निर्दोष पर नहीं होगी कार्रवाई- सीपी
मीरा भयंदर के एडिशनल सीपी श्रीकांत पाठक ने कहा, ”हम घटना की जांच कर रहे हैं। केवल आरोपियों के खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी… सभी से शांति बनाए रखने की अपील की जारी है… पुलिस ने समय पर कार्रवाई की है। अफवाहों पर विश्वास न करें और पुलिस का सहयोग करें। फेक वीडियो फैलाने वालों पर कार्रवाई होगी।”
भड़काऊ वीडियो पोस्ट करने वाला गिरफ्तार
डीसीपी जयंत बजबाले ने बताया कि मीरा रोड में दो समुदायों के बीच झड़प के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है। अबू शेख (Abu Shaikh) नाम के शख्स का एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें वह लोगों को भड़काते हुए नजर आ रहा है। इस वीडियो को पोस्ट करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है।
डॉ निकेश जैन माधानी को बॉलीवुड एक्ट्रेस सारा खान के हाथों मिला एसियन फैशन टूर गोवा अवार्ड
गोवा। बिजनेसमैन डॉ. निकेश ताराचंद जैन माधानी प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री सारा खान के हाथों एसियन फैशन टूर गोवा अवार्ड 2024 से सम्मानित हुए।
कार्यक्रम में डॉ निकेश ताराचंद जैन माधानी को गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में उपस्थित रहे और उन्हें सक्सेसफुल बिजनेसमैन के रूप में यह अवार्ड मिला।
यह पुरस्कार समारोह 20 जनवरी 2024 को होटल अरेला बीच रिसोर्ट स्टोन वुड मोर्जीम गोवा में सम्पन्न हुआ जिसका आयोजन मितेश उपाध्याय, निखिल भटनागर, और गुरप्रीत सिंह ने किया।
कार्यक्रम में फैशन डिज़ाइनर फिलू मार्टिन, फरहान खान, रॉयल ब्रांड, आलोक सिंह, विपिन अग्रवाल, ममता मलिक, अभिषेक वाशीठा, हीना डिज़ाइन पियूष भाई, रवि राजोरिया, ऐपी कलेक्शन, कक्षी, मिताली, सैशा राजपूत सहित कई बड़े डिज़ाइनर का जलवा रहा वहीं शो स्टॉपर सारा खान रही।
विदित हो कि पिछले दिनों डॉ निकेश जैन माधानी गोल्डन जुबली फिल्म फेस्टिवल में सम्मानित हुए। इसके साथ ही उन्हें सुप्रसिद्ध अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे, एसीपी संजय पाटिल, यूनियन लीडर अभिजीत राणे के हाथों दादासाहेब फाल्के अवार्ड प्रस्तुत आईआईएफए अवार्ड 2023 मिला है।
इसके अलावा डॉ. निकेश अभिनेता विंदू दारा सिंह के हाथों आत्मनिर्भर एक्सीलेंस अवार्ड 2023 से सम्मानित हुए जिसका आयोजन साक्षात इंटरटेनमेंट के संस्थापक राम कुमार पाल और मुम्बई रफ्तार न्यूज चैनल के सीईओ शैलेश पटेल ने किया था।
आपको बता दें कि कुछ माह पूर्व दिल्ली में डॉ निकेश ताराचंद जैन माधानी को वर्ल्ड पीस ऑफ यूनाइटेड नेशन यूनिवर्सिटी द्वारा प्रसिद्ध अभिनेत्री काजल अग्रवाल एवं भारतीय पहलवान नरसिंह पंचम यादव के हाथों ऑनरेरी डॉक्टरेट डिग्री एवं बिजनेस अवार्ड मिल चुका है।
इसके साथ ही 2022 में निकेश जैन मधानी को महाराष्ट्र राज्य के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के हाथों गऊ भारत भारती अवार्ड तथा इस वर्ष कैबिनेट मंत्री परषोत्तम रूपाला (मत्स्य, दुग्ध व उद्योग मंत्री) के हाथों से गऊ भारत भारती सर्वोत्तम सम्मान 2023 एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस पुरस्कार 2023 प्राप्त हुए हैं। उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज गौरव पुरस्कार 2021 भी मिल चुका है। पिछले दिनों ब्राइट आउटडोर के सीएमडी योगेश लखानी ने अपने जन्मदिन पर निकेश जैन को बिज़नेस आइकॉनिक ब्राइट अवार्ड एवं ब्राइट आउटडोर बी.एस.सी आईपीओ आने की खुशी में बिज़नेस अवार्ड 2023 से सम्मानित किया। निकेश को परफेक्ट वुमेन अचीवर अवॉर्ड, गोल्डन ह्यूमेनिटी अवॉर्ड भी मिल चुका है। वहीं आईपीएस कृष्ण प्रकाश नायर 2021 और 2022 में उन्हें अवॉर्ड देकर सम्मानित कर चुके हैं।
डॉ निकेश जैन मधानी फाइनेंस एडवाइजर हैं इनके कई बिजनेस हैं जैसे कि मधानी फाइनेंस, मधानी एंटरटेनमेंट एंड प्रोडक्शन, मधानी ट्रेडिंग कंपनी, मधानी न्यूज लाइव 24×7 और मधानी इंटरप्राइज इत्यादि। इसके साथ ही निकेश की माँ के नाम पुष्पा गृह उद्योग कंपनी और पुष्पम पापड़ कंपनी है।
डॉ. निकेश ताराचंद जैन मधानी ने एक हिंदी कॉमेडी फिल्म प्रोड्यूस की है। इसके पहले उन्होंने 12 म्यूजिक एल्बम ओर शॉर्टफिल्म को माधानी एंटरटेनमेंट और प्रोडक्शन यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया है।
निकेश ताराचंद जैन मधानी ने लॉ बुक में इतिहास बनाया है। दरअसल उनके ऊपर 2014 में ईडी पीएमएलए का केस हो गया था। फिर उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ते हुए 2017 में सुप्रीम कोर्ट से धारा 45 ए रद्द हुआ जिससे कानून के किताब में डॉ निकेश जैन मधानी का नाम दर्ज हुआ और उनके ऊपर लगे धारा को हटाने में प्रसिद्ध वकील मुकुल रोहतगी ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। निकेश जैन की कानून लड़ाई में जाने माने वकील साजल यादव, वकील नेमीचंद शर्मा और वकील मनीष वोरा ने भी सहयोग किया।
डॉ. निकेश ताराचंद जैन मधानी सबसे सफल व्यवसायी रतन टाटा, मुकेश अंबानी, गौतम आदानी और लक्ष्मी मित्तल से प्रेरित हैं।
– संतोष साहू
सदियों के धैर्य, अनगिनत बलिदानों, त्याग और तपस्या के बाद, हमारे श्री राम यहाँ हैं”
सदियों के धैर्य, अनगिनत बलिदानों, त्याग और तपस्या के बाद, हमारे श्री राम यहाँ हैं”
“22 जनवरी, 2024 केवल कैलेंडर की एक तारीख नहीं है, यह एक नए ‘काल चक्र’ का उद्गम है”
“मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का, जिसने न्याय की लाज रख ली, न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्याय बद्ध तरीके से ही बना”
“अपने 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान के दौरान मैंने उन स्थानों का चरण स्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु राम के चरण पड़े थे”
“सागर से सरयू तक, हर जगह राम नाम का वही उत्सव भाव छाया हुआ है”
“रामकथा असीम है, रामायण भी अनंत हैं। राम के आदर्श, मूल्य और शिक्षाएँ, सब जगह एक समान हैं”
“ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत की आस्था हैं, आधार, विचार, विधान, चेतना, चिंतन,प्रतिष्ठा और प्रताप हैं”
“मैं सच्चे दिल से महसूस करता हूं कि ये एक नए कालचक्र का उद्गम है। यह एक सुखद संयोग है कि हम इस पल को जी रहे हैं, इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं”
“हमें अगले एक हजार वर्षों के लिए भारत की नींव रखनी है”
“हमें अपनी चेतना को देव से देश, राम से राष्ट्र – देवता से राष्ट्र तक विस्तारित करना है”
“यह भव्य मंदिर वैभवशाली भारत के उत्करर्ष और उदय का गवाह बनेगा”
“यह भारत का समय है और हम आगे बढ़ रहे हैं”
प्रविष्टि तिथि: 22 JAN 2024 4:07PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा (प्रतिष्ठा) समारोह में भाग लिया। श्री मोदी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण में योगदान देने वाले श्रमजीवियों से बातचीत की।
एकत्र जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सदियों के बाद आखिरकार हमारे राम आ गए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस अवसर पर नागरिकों को बधाई देते हुए कहा, “सदियों के धैर्य, अनगिनत बलिदान, त्याग और तपस्या के बाद, हमारे भगवान राम यहां हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘गर्भ गृह’ (आंतरिक गर्भगृह) के अंदर ईश्वरीय चेतना का अनुभव शब्दों में नहीं किया जा सकता है और उनका शरीर ऊर्जा से स्पंदित है और मन प्राण प्रतिष्ठा के क्षण के लिए समर्पित है। “हमारे राम लला अब तंबू में नहीं रहेंगे। यह दिव्य मंदिर अब उनका घर होगा”, प्रधानमंत्री ने विश्वास और श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि आज की घटनाओं को देश और दुनिया भर के राम भक्तों द्वारा अनुभव किया जा सकता है। श्री मोदी ने कहा, “यह क्षण अलौकिक और पवित्र है, वातावरण, पर्यावरण और ऊर्जा हम पर भगवान राम के आशीर्वाद का प्रतीक है।” उन्होंने रेखांकित किया कि 22 जनवरी की सुबह का सूरज अपने साथ एक नई आभा लेकर आया है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि 22 जनवरी, 2024 केवल कैलेंडर की एक तारीख नहीं है, यह एक नए ‘काल चक्र’ का उद्गम है।” राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद से प्रतिदिन पूरे देश में उमंग और उत्साह बढ़ता ही जा रहा था। निर्माण कार्य देख, देशवासियों में हर दिन एक नया विश्वास पैदा हो रहा था और विकास कार्यों की प्रगति से नागरिकों में नई ऊर्जा का संचार हुआ। आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है, आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है। प्रधानमंत्री ने कहा, ”आज हमें सदियों के धैर्य की विरासत मिली है, आज हमें श्री राम का मंदिर मिला है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा हो रहा राष्ट्र, अतीत के हर दंश से हौसला लेकर, ऐसे ही नव इतिहास का सृजन करता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आज की तारीख की चर्चा आज से एक हजार साल बाद की जाएगी और यह भगवान राम का आशीर्वाद है कि हम इस महत्वपूर्ण अवसर के साक्षी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “दिन, दिशाएं, आकाश और हर चीज आज दिव्यता से भरी हुई है”, उन्होंने कहा कि यह कोई ये समय, सामान्य समय नहीं है। ये काल के चक्र पर सर्वकालिक स्याही से अंकित हो रहीं अमिट स्मृति रेखाएँ हैं।
श्री राम के हर कार्य में पवनपुत्र हनुमान की उपस्थिति की चर्चा कहते हुए प्रधानमंत्री ने श्री हनुमान और हनुमान गढ़ी को नमन किया। उन्होंने लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और माता जानकी को भी प्रणाम किया। उन्होंने इस घटना पर दिव्य संस्थाओं की उपस्थिति को स्वीकार किया। प्रधानमंत्री ने आज का दिन देखने में हुई देरी के लिए प्रभु श्री राम से माफी मांगी और कहा कि आज वह कमी पूरी हो गई है, प्रभु राम निश्चित रूप से हमें क्षमा करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘त्रेता युग’ में राम आगमन पर संत तुलसीदास ने लिखा,“प्रभु बिलोकि हरषे संत तुलसीदास पुरबासी। जनित वियोग बिपति सब नासी। अर्थात्, प्रभु का आगमन देखकर ही सब अयोध्यावासी, समग्र देशवासी हर्ष से भर गए। उस कालखंड में तो वो वियोग केवल 14 वर्षों का था, तब भी इतना असह्य था। इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है। श्री मोदी ने आगे कहा, संविधान की मूल प्रति में श्रीराम मौजूद होने के बावजूद आजादी के बाद लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई। प्रधानमंत्री ने न्याय की गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए भारत की न्यायपालिका को धन्यवाद दिया। उन्होंने भारत की न्यायपालिका का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्याय बद्ध तरीके से ही बना।
प्रधानमंत्री ने बताया कि छोटे-छोटे गांवों समेत पूरे देश में जुलूस निकल रहे हैं और मंदिरों में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। “पूरा देश आज दिवाली मना रहा है। हर घर शाम को ‘राम ज्योति’ जलाने के लिए तैयार है”, श्री मोदी ने कहा। राम सेतु के शुरुआती बिंदु अरिचल मुनाई की अपनी कल की यात्रा को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह वह क्षण था जिसने काल चक्र को बदल दिया। प्रधानमंत्री ने उस क्षण की उपमा देते हुए कहा कि उन्हें विश्वास हो गया कि उसी तरह अब कालचक्र फिर बदलेगा और शुभ दिशा में बढ़ेगा। श्री मोदी ने बताया कि अपने 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान के दौरान मैंने उन स्थानों का चरण स्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु राम के चरण पड़े थे। चाहे वो नासिक का पंचवटी धाम हो, केरला का पवित्र त्रिप्रायर मंदिर हो, आंध्र प्रदेश में लेपाक्षी हो, श्रीरंगम में रंगनाथ स्वामी मंदिर हो, रामेश्वरम में श्री रामनाथस्वामी मंदिर हो, या फिर धनुषकोडि। प्रधानमंत्री ने समुद्र से सरयू नदी तक की यात्रा के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा, “सागर से सरयू तक की यात्रा का अवसर मिला। सागर से सरयू तक, हर जगह राम नाम का वही उत्सव भाव छाया हुआ है। प्रभु राम तो भारत की आत्मा के कण-कण से जुड़े हुए हैं। राम, भारतवासियों के अंतर्मन में विराजे हुए हैं। उन्होंने कहा, हम भारत में कहीं भी, किसी की अंतरात्मा को छुएंगे तो इस एकत्व की अनुभूति होगी, और यही भाव सब जगह मिलेगा। इससे उत्कृष्ट, इससे अधिक, देश को समायोजित करने वाला सूत्र और क्या हो सकता है?
प्रधानमंत्री ने कई भाषाओं में श्रीराम कथा सुनने के अपने अनुभव को याद करते हुए कहा कि राम स्मृतियों, परम्पराओं में, सर्वत्र समाये हुए हैं। “हर युग में लोगों ने राम को जिया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में, अपनी-अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है। और ये रामरस, जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है। रामकथा असीम है, रामायण भी अनंत हैं। राम के आदर्श, राम के मूल्य, राम की शिक्षाएं, सब जगह एक समान हैं”।
प्रधानमंत्री ने उन लोगों के बलिदान के लिए आभार व्यक्त किया जिन्होंने आज के दिन को संभव बनाया। उन्होंने संतों, कार सेवकों और राम भक्तों को श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”आज का अवसर उत्सव का क्षण तो है ही, लेकिन इसके साथ ही ये क्षण भारतीय समाज की परिपक्वता के बोध का क्षण भी है। हमारे लिए ये अवसर सिर्फ विजय का नहीं, विनय का भी है। प्रधानमंत्री ने इतिहास की गुत्थियां समझाते हुए कहा, दुनिया का इतिहास साक्षी है कि कई राष्ट्र अपने ही इतिहास में उलझ जाते हैं। लेकिन हमारे देश ने इतिहास की इस गांठ को जिस गंभीरता और भावुकता के साथ खोला है, वो ये बताती है कि हमारा भविष्य हमारे अतीत से बहुत सुंदर होने जा रहा है।” प्रधानमंत्री ने विनाश करने वालों को याद करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को हमारे सामाजिक भाव की पवित्रता का एहसास नहीं है। उन्होंने कहा, “रामलला के इस मंदिर का निर्माण भारतीय समाज की शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है। हम देख रहे हैं, ये निर्माण किसी आग को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है। राम मंदिर समाज के हर वर्ग को एक उज्जवल भविष्य के पथ पर बढ़ने की प्रेरणा लेकर आया है।”, उन्होंने कहा, “राम आग नहीं है, राम ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं हैं, राम तो सबके हैं। राम वर्तमान ही नहीं, राम अनंतकाल हैं।”
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पूरी दुनिया प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी है और राम की सर्वव्यापकता को देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसी तरह के उत्सव कई देशों में देखे जा सकते हैं और अयोध्या का उत्सव रामायण की वैश्विक परंपराओं का उत्सव बन गया है। उन्होंने कहा, “राम लला की प्रतिष्ठा ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का विचार है।”
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि आज अयोध्या में, केवल श्रीराम के विग्रह रूप की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई है। ये श्रीराम के रूप में साक्षात् भारतीय संस्कृति के प्रति अटूट विश्वास की भी प्राण प्रतिष्ठा है। ये साक्षात् मानवीय मूल्यों और सर्वोच्च आदर्शों की भी प्राण प्रतिष्ठा है। इन मूल्यों की, इन आदर्शों की आवश्यकता आज सम्पूर्ण विश्व को है। सर्वे भवन्तु सुखिन: ये संकल्प हम सदियों से दोहराते आए हैं। आज उसी संकल्प को राम मंदिर के रूप में साक्षात् आकार मिला है। ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार, विचार, विधान, चेतना, चिंतन, प्रतिष्ठा और भारत का प्रताप हैं। राम प्रवाह हैं, राम प्रभाव हैं। राम नेति भी हैं। राम नीति भी हैं। राम नित्यता भी हैं। राम निरंतरता भी हैं। राम विभु हैं, विशद हैं। राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं। और इसलिए, जब राम की प्रतिष्ठा होती है, तो उसका प्रभाव वर्षों या शताब्दियों तक ही नहीं होता। उसका प्रभाव हजारों वर्षों के लिए होता है। महर्षि वाल्मीकि को उद्धृत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा- राज्यम् दश सहस्राणि प्राप्य वर्षाणि राघवः। अर्थात, राम दस हजार वर्षों के लिए राज्य पर प्रतिष्ठित हुए। यानी हजारों वर्षों के लिए रामराज्य स्थापित हुआ। जब त्रेता में राम आए थे, तब हजारों वर्षों के लिए राम राज्य की स्थापना हुई थी। हजारों वर्षों तक राम विश्व पथ प्रदर्शन करते रहे थे।
प्रधानमंत्री ने प्रत्येक राम भक्त से भव्य राम मंदिर के साकार होने के बाद आगे के रास्ते के बारे में आत्मनिरीक्षण करने को कहा। “आज मैं सच्चे दिल से महसूस कर रहा हूं कि समय का चक्र बदल रहा है। यह एक सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को इस महत्वपूर्ण पथ के वास्तुकार के रूप में चुना गया है।” प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्तमान युग के महत्व को रेखांकित किया और अपनी पंक्ति ‘यही समय है, सही समय है’ दोहराई। “हमें अगले एक हजार वर्षों के लिए भारत की नींव रखनी है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों का आह्वान किया कि मंदिर से आगे बढ़ते हुए, अब हम सभी देशवासी इसी क्षण से एक मजबूत, सक्षम, भव्य और दिव्य भारत के निर्माण की शपथ लें। उन्होंने कहा, इसके लिए जरूरी है कि राष्ट्र की अंतरात्मा में राम का आदर्श रहे।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से देव से देश, राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार करने को कहा। उन्होंने उनसे श्री हनुमान की सेवा, भक्ति और समर्पण से सीख लेने को कहा। उन्होंने कहा, “हर भारतीय की भक्ति, सेवा और समर्पण की ये भावना ही सक्षम, भव्य और दिव्य भारत का आधार बनेगी।” प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हर भारतीय के हृदय में माता शबरी के विश्वास के पीछे की भावना कि ‘राम आएंगे’ ही भव्य समर्थ और दिव्य भारत का आधार बनेगी। निषादराज के प्रति राम के स्नेह की गहराई और मौलिकता का जिक्र करने से पता चलता है कि सभी एक हैं और एकता और एकजुटता की यही भावना सक्षम, भव्य और दिव्य भारत का आधार बनेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में निराशा के लिए रत्ती भर भी स्थान नहीं है। प्रधानमंत्री ने गिलहरी की कहानी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो लोग खुद को छोटा और सामान्य मानते हैं उन्हें गिलहरी के योगदान को याद रखना चाहिए। गिलहरी का स्मरण ही हमें हमारी इस हिचक को दूर करेगा, हमें सिखाएगा कि छोटे-बड़े हर प्रयास की अपनी ताकत होती है, अपना योगदान होता है। और सबके प्रयास की यही भावना, समर्थ-सक्षम, भव्य-दिव्य भारत का आधार बनेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, यही भगवान से देश की चेतना और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार है”।
अत्यधिक ज्ञान और अपार शक्ति रखने वाले लंका के शासक रावण से युद्ध करते समय अपनी आसन्न हार के बारे में जानने वाले जटायु की निष्ठा पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे कर्तव्य की पराकाष्ठा ही सक्षम और दिव्य भारत का आधार है। श्री मोदी ने जीवन का हर पल राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित करने का संकल्प लेते हुए कहा, ”राम के काम के साथ, राष्ट्र के काम के साथ, समय का हर क्षण, शरीर का हर कण राम के समर्पण को राष्ट्र के प्रति समर्पण के लक्ष्य के साथ जोड़ देगा।
स्वयं से ऊपर उठकर जाने के अपने विषय को जारी रखते हुए, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भगवान राम की हमारी पूजा पूरी सृष्टि के लिए होनी चाहिए, ” ये पूजा, अहम से उठकर वयम के लिए होनी चाहिए। उन्होंने कहा, हमारे प्रयास विकसित भारत के निर्माण के लिए समर्पित होने चाहिए।
वर्तमान अमृत काल और युवा जनसांख्यिकी का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने देश के विकास के लिए कारकों के सही संयोजन का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने युवा पीढ़ी से कहा कि वे अपनी मजबूत विरासत का सहारा लें और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत परंपरा की शुद्धता और आधुनिकता की अनंतता, दोनों के मार्ग पर चलकर समृद्धि के लक्ष्य तक पहुंचेगा।”
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भविष्य सफलताओं और उपलब्धियों के लिए समर्पित है और भव्य राम मंदिर भारत के उत्कर्ष और उदय का साक्षी बनेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ”यह भव्य राम मंदिर विकसित भारत के उत्थान का गवाह बनेगा।” प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, ये मंदिर सिखाता है कि अगर लक्ष्य, सत्य प्रमाणित हो, अगर लक्ष्य, सामूहिकता और संगठित शक्ति से जन्मा हो, तब उस लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव नहीं है। “यह भारत का समय है और भारत आगे बढ़ने जा रहा है। सदियों के इंतजार के बाद हम यहां पहुंचे हैं। शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद हम यहां पहुंचे हैं। हम सब ने इस युग का, इस कालखंड का इंतजार किया है। अब हम रुकेंगे नहीं। हम विकास की ऊंचाई पर जाकर ही रहेंगे।” प्रधानमंत्री ने राम लल्ला के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित की और शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री नृत्य गोपाल दास उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश के सभी प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक संप्रदायों के प्रतिनिधियों और विभिन्न आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधियों सहित जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों की भागीदारी देखी गई।
भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है। इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है; चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है; और यह कुल 392 स्तंभों और 44 दरवाजों द्वारा समर्थित है। मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और देवियों की मूर्तियों का गूढ़ चित्रण है। भूतल पर मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम के बचपन के स्वरूप (श्री राम लला की मूर्ति) को रखा गया है।
मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहाँ सिंह द्वार के माध्यम से 32 सीढ़ियाँ चढ़कर पहुंचा जा सकता है। मंदिर में कुल पाँच मंडप (हॉल) हैं – नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप। मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआँ (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है। मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, कुबेर टीला में, भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है, साथ ही जटायु की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है।
मंदिर की नींव का निर्माण रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) की 14 मीटर मोटी परत से किया गया है, जो इसे कृत्रिम चट्टान का रूप देता है। मंदिर में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है। जमीन की नमी से सुरक्षा के लिए ग्रेनाइट का उपयोग करके 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया है। मंदिर परिसर में एक सीवेज उपचार संयंत्र, जल उपचार संयंत्र, अग्नि सुरक्षा के लिए जल आपूर्ति और एक स्वतंत्र बिजली स्टेशन है। मंदिर का निर्माण देश की पारंपरिक और स्वदेशी तकनीक से किया गया है।
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भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा के उपाध्यक्ष नीलोत्पल मृणाल ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्धाटन के उपलक्ष्य में शोभायात्रा का किया आयोजन
मुम्बई। 500 वर्षों के संघर्ष के बाद, 22 जनवरी 2024 को श्री राम के भव्य मंदिर के अयोध्या में उद्घाटन के उपलक्ष्य में नीलोत्पल मृणाल, (उपाध्यक्ष महाराष्ट्र भाजपा, उत्तर भारतीय मोर्चा) ने कलीना, सांताक्रुज, मुम्बई में एक भव्य रैली का आयोजन किया, इस शोभायात्रा में हजारों लोगों ने भाग लिया।
शोभायात्रा में आईआरएस अधिकारी और सुपर कॉप समीर वानखेड़े, क्रांति रेडकर और मुंबई भाजपा के उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह ने भाग लिया।
इस अवसर पर नीलोत्पल मृणाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने उस सदियों के संघर्ष को नहीं देखा और वह अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण के 500 साल के संघर्ष का हिस्सा नहीं थे, लेकिन वह अब भव्य राम मंदिर के उद्घाटन का उत्सव मनाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने इस शोभायात्रा का आयोजन किया।
समीर वानखेड़े ने आयोजक नीलोत्पल मृणाल के प्रयास की सराहना की और अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के उद्घाटन के लिए अपनी खुशी व्यक्त की।
क्रांति रेडकर ने मंदिर में पूजा-अर्चना की और सभी राम भक्तों की इस शोभा यात्रा में उपस्थिति की सराहना की।