घगवाल (लोकेश): जम्मू-कश्मीर में गौ-तस्करी का बड़ा खुलासा हुआ है। सर्दी का मौसम शुरू होने के साथ ही शादी-ब्याह का दौर भी तेज हो गया है। ऐसे में पशु तस्करों ने अपनी पुरानी रणनीतियों को बदलकर नए और चौंकाने वाले तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं। इसी बदलती चाल का सबसे ताजा और सबसे बड़ा सबूत घगवाल में देखने को मिला, जहां पशु तस्करों ने पहली बार एक यात्री बस को ही गौ-तस्करी का साधन बना डाला।
यह मामला न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि जम्मू-कश्मीर की अब तक की सबसे बड़ी और सबसे अनोखी गौ-तस्करी कोशिश के रूप में दर्ज हो गया है, जिसे घगवाल पुलिस ने अपनी तत्परता और सूझबूझ से विफल कर दिया। जानकारी के अनुसार एसएसपी सांबा वरिंद्र सिंह मनहास के दिशा निर्देश पर थाना प्रभारी घगवाल नवीन अंग्राल के नेतृत्व में तड़के सुबह करीब 5 बजे घगवाल पुलिस टप्याल क्षेत्र में नाका लगाकर नियमित जांच कर रही थी। इसी दौरान एक संदिग्ध पैसेंजर बस नाके की ओर आती दिखाई दी। पुलिस ने रुकने का इशारा किया, लेकिन चालक अचानक बस को तेज़ गति से भगाते हुए नाका तोड़कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए भागने लगा।
पुलिस टीम ने तुरंत पीछा किया। चालक ने कुछ दूरी पर बस को सड़क किनारे छोड़कर फरार होने में सफलता हासिल कर ली। जब पुलिस ने बस का दरवाजा खोला, तो सामने आया जम्मू-कश्मीर के इतिहास का सबसे हिला देने वाला दृश्य था। यात्री सीटों की जगह 6 गौवंश मवेशी रस्सियों से क्रूरतापूर्वक बांधकर भरे हुए मिले। बस को तुरंत जब्त किया गया और सभी मवेशियों को सुरक्षित छुड़ाकर गौशाला भेज दिया गया। पुलिस ने पशु तस्करी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसी दौरान एक और बड़ी सफलता हाथ लगी जब पुलिस ने एक 407 टेंपो लोड कैरियर को भी रोका, जिसमें 8 मवेशी अवैध रूप से भरे हुए मिले। उसे भी कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
इस प्रकार घगवाल पुलिस ने कुल 14 मवेशियों को क्रूर तस्करी से बचाकर एक बार फिर साबित कर दिया है कि क्षेत्र में अवैध पशु परिवहन किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस अब फरार चालक और पूरे रैकेट की कड़ियों को जोड़ने में लगी हुई है, ताकि इस नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके। स्थानीय लोगों का कहना है कि सर्दियों में और विशेष रूप से शादी के मौसम में पशु तस्करी के प्रयास बढ़ जाते हैं, क्योंकि तस्कर रात के अंधेरे और मौसम का फायदा उठाते हुए अलग-अलग नए तरीके अपनाते हैं। लेकिन इस बार उनका यह नायाब तरीका भी घगवाल पुलिस के आगे टिक न सका।








