मुंबई में कंगना रनौत ने लाँच किया रज़ाकार द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ हैदराबाद’ का दमदार हिंदी ट्रेलर

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‘रज़ाकार द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ़ हैदराबाद’ के साथ नरसंहार की अनकही कहानी पर्दे पर आने को तैयार मुंबई। भारतीय फिल्मों में क्रूर घटनाओं और सामूहिक नरसंहार जैसे विषय को लेकर फिल्म बनाने का ट्रेंड देखा जा रहा है। फिल्म मेकर्स इतिहास में घटित ऐसी घटनाओं पर साहस के साथ फिल्म बना रहे हैं जिस पर पहले खुलकर बात भी नहीं...

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आदि महोत्सव का उद्घाटन किया

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इस अवसर पर श्री अर्जुन मुंडा ने अनुसूचित जनजातियों के लिए उद्यम पूंजी निधि (वीसीएफ-एसटी) का शुभारंभ किया आदि महोत्सव जनजातीय भाई-बहनों की जीवनशैली, संगीत, कला और खानपान से परिचित होने का शानदार अवसर है: श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आदि महोत्सव के माध्यम से जनजातीय परंपरा, संस्कृति एवं गौरव का प्रतिनिधित्व होता है: श्री अर्जुन मुंडा राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज नई...

प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा की आखिरी बैठक को संबोधित किया

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17वीं लोकसभा ने देश के नागरिकों पर भरोसा बढ़ाने का काम किया है। pic.twitter.com/T0AUrgIVyX — Narendra Modi (@narendramodi) February 10, 2024 New Delhi - आदरणीय  आज का ये दिवस लोकतंत्र की एक महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस है। सत्रहवीं लोकसभा ने पांच वर्ष देश सेवा में जिस प्रकार से अनेक विविध महत्वपूर्ण निर्णय किए। अनेक चुनौतियों को सबने अपने सामर्थ्य से...

पर्यटन व स्वरोजगार का संदेश देने रात्रि चौफाल में सीमांत ग्राम ठाटा, लोहाघाट(चंपावत)पंहुचे मुख्यमंत्री धामी

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मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से किया सीधा जन संवाद। 10 फरवरी 2024,शनिवार,चम्पावत /देहरादून संजय बलोदी प्रखर मीडिया समन्वयक उत्तराखण्ड प्रदेश देहरादून /चम्पावत, 10 फरवरी "गांव चलो अभियान" अंतर्गत सीमांत क्षेत्र के ग्राम ठाटा (वि0ख0 लोहाघाट) दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी! इस अवसर पर विभिन्न गांवों से आयी क्षेत्रीय जनता द्वारा मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया गया। अपने कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी...

बहुभाषीय फिल्म फेस्टिवल ‘अमोदिनी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2024’ का हुआ शानदार आगाज

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बहुभाषीय फिल्म फेस्टिवल 'अमोदिनी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2024' का हुआ शानदार आगाज                 राजधानी जयपुर में झालाना स्थित राजस्थान इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में डोला फाउंडेशन सोशल वेलफेयर ट्रस्ट के द्वारा आयोजित दो दिवसीय बहुभाषीय 'अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव अमोदिनी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2024' का शानदार तरीके से शुभारंभ किया गया। पहले दिन दीप प्रज्ज्वलित कर...

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अल्मोड़ा को दी करोड़ों रुपए के योजनाओं की सौगात.

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  10 फरवरी 2024,शनिवार, देहरादून संजय बलिदी प्रखर मीडिया समन्वयक उत्तराखण्ड प्रदेश देहरादून /अल्मोड़ा, 10 फरवरी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को अल्मोड़ा के हवालबाग में आयोजित आजीविका महोत्सव (दीदी भुली हाथ लगाल, उत्तराखंडक हौल अमृत काल) में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुल 20213.60 लाख रू0 की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिनमें 11702.67 लाख रू0 की योजनाओं...

अमृतकाल में जनजातीय समुदाय की आकांक्षाओं का  सम्मान

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(विष्णुदत्त शर्मा-विनायक फीचर्स) आज़ादी का ये अमृतकाल, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का काल है। भारत की आत्मनिर्भरता, जनजातीय भागीदारी के बिना संभव ही नहीं है। भारत की सांस्कृतिक यात्रा में जनजातीय समाज का योगदान अटूट रहा है। गुलामी के कालखंड में विदेशी शासन के खिलाफ खासी-गारो आंदोलन, मिजो आंदोलन, कोल आंदोलन समेत कई संग्राम हुए। गोंड महारानी वीर दुर्गावती का शौर्य हो या फिर रानी कमलापति का बलिदान, देश इन्हें भूल नहीं सकता। वीर महाराणा प्रताप के संघर्ष की कल्पना उन बहादुर भीलों के बिना नहीं की जा सकती जिन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर महाराणा प्रताप के साथ लड़ाई के मैदान में अपने-आप को बलि चढ़ा दिया था। हम इस ऋण को कभी चुका नहीं सकते, लेकिन इस विरासत को संजोकर, उसे उचित स्थान देकर, अपना दायित्व जरूर निभा सकते हैं। जिसकी दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। मई,  2014 में जब प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जी ने दायित्व संभाला, उसी दिन से जनजातीय समाज के उत्थान के प्रयास शुरू कर दिए थे। देश में 110 से अधिक जिले ऐसे थे, जो हर क्षेत्र में पिछड़े हुए थे। पहले की सरकार बस उनकी पहचान कर के छोड़ देती थी। मोदी जी की सरकार ने इन जिलों को आकांक्षी जिला घोषित किया। इन जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसे अनेक विषयों पर शून्य से काम शुरू करके सफलता के नए आयाम स्थापित किये। हाल ही में महामहिम राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री जी ने कहा कि, "सबका साथ, सबका विकास सिर्फ एक नारा नहीं है, यह मोदी जी की गारंटी है।" और निश्चित ही भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास" के आदर्शों के लिए प्रतिबद्ध है,  जिसके तहत आदिवासी समाज को, देश के विकास में उचित भागीदारी दी जा रही है। मुझे याद है,  15 नवंबर 2023 को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने झारखंड में भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू में अमृतकाल के 25 वर्ष में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए चार अमृत मंत्र दिए थे। इसी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी ने 24 हजार करोड़ रुपये की लागत से प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान-पीएम जन मन का शुभारंभ किया,  जिसमें 75 विशेषरूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लोगों को मूलभूत सुविधाओं के साथ पोषण तथा आजीविका के अवसर उपलब्ध कराए जाना है। जनजातीय गौरव दिवस पर ही प्रधानमंत्री जी ने सामाजिक न्याय तथा सभी को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ किया था,जिसमें गांव-गांव तक पहुंचकर हर गरीब, हर वंचित को सरकारी योजनाओं का लाभार्थी बनाया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी के जनजातीय सशक्तीकरण के संकल्प स्वरूप ही श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी राष्ट्रपति निर्वाचित हुई हैं, जो भारतीय लोकतंत्र की एक अविस्मरणीय घटना है।हमारे देश में जनजातीय समाज को शीर्ष पर प्रतिनिधित्व देने में भी देश को सात दशकों की लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ी। हम लोगों ने यह भी देखा है जब जनजातीय समाज से आने वाले तुलसी गौड़ा जी, राहीबाई, सोमा पोपेरे जैसे महानुभावों को जब पद्म पुरस्कारों से अलंकृत किया गया,  तब वे राष्ट्रपति भवन के लाल कालीन पर नंगे पांव पहुंचे और भारतवर्ष समेत समूचे विश्व ने तालियां बजाई क्योंकि स्वतंत्रता के बाद पहली बार किसी सरकार ने साधारण दिखने वाली इन असाधारण हस्तियों का सम्मान किया था। देश की कुल जनसंख्या में आदिवासियों की संख्या नौ प्रतिशत है। किंतु पूर्ववर्ती सरकारों ने उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने एवं उनके उत्थान के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए। पहली बार एनडीए की श्रद्धेय अटल जी के नेतृत्व वाली सरकार ने 1999 में एक अलग मंत्रालय बनाने के साथ ही 89 वें संविधान संशोधन के माध्यम से राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना की। अटल जी ने जो शुरुआत की थी, उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने उसे बहुआयामी गति दी है और लंबे समय तक हाशिये पे रहा जनजातीय समुदाय आज विकास की मुख्यधारा का हिस्सा है। श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से भारत के सांस्कृतिक अभ्युदय को दिशा मिली है। हम सब जानते हैं कि  वनवासियों के साथ बिताए समय ने ही एक राजकुमार को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम बनाने में अहम भूमिका निभाई है। उस कालखंड में प्रभु श्री राम ने वनवासी समाज से जो प्रेरणा पाई थी और उसी से उन्होंने सबको साथ लेकर चलने वाले रामराज्य की स्थापना की। प्रधानमंत्री जी भी प्रभु श्री

भारतीय रेलवे मालगोदाम श्रमिक संघ (बिलासपुर जोन) ने सांसद जगदंबिका पाल का अभिवादन किया

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लोकसभा में शून्य काल के दौरान माल गोदाम श्रामिको से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाने पर भारतीय रेलवे मालगोदाम श्रमिक संघ (बिलासपुर जोन) ने सांसद जगदंबिका पाल का अभिवादन किया नई दिल्ली - सांसद जगदंबिका पाल ने लोकसभा में शून्य काल के दौरान माल गोदाम श्रामिको से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि रेल मालगोदाम के कर्मचारियों को मिलने...

सूरज बड़जात्या के निर्देशन में दोबारा काम करेंगे सलमान खान

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मुंबई (अनिल बेदाग )सबसे बड़ी और सबसे सफल डायरेक्टर-एक्टर जोड़ी सूरज बड़जात्या और सलमान खान ने अब तक कई बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं। इसमें मैंने प्यार किया, हम आपके हैं कौन..!,  और प्रेम रतन धन पायो शामिल है। ऐसे में सलमान खान और सूरज बड़जात्या का साथ में अगले सहयोग का हमेशा लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता...

महाकुंभ 2025 से पहले गाय को ‘राष्ट्रमाता’ का दर्जा दिया जा सकता है

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प्रयागराज, 10 फरवरी (आईएएनएस)। अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रयागराज में संतों की मांग मान लेते हैं तो महाकुंभ 2025 से पहले गाय को 'राष्ट्रमाता' का दर्जा दिया जा सकता है।संत चाहते हैं कि गाय को 'रामा' कहा जाए, 'रा' का अर्थ 'राष्ट्र' (राष्ट्र) और 'मा' का अर्थ 'माता' (मां) हो। इस आशय का एक प्रस्ताव बुधवार को उत्तराखंड के...