Jaipur Gau-Mahakumbh: अब देश भर में पलने वाली गायों की दुर्दशा नहीं होगी। गायें अब चाहे दुधारू हों या फिर सामान्य, कोई भी गौ-वंश अब किसी पशुपालक के लिए घाटे का सौदा नहीं साबित होगा, बल्कि वह आर्थिक तरक्की का जरिया बनेंगे। आप यह सुनकर चौंक सकते हैं कि आने वाले समय में गायें भी अब देश की जीडीपी का हिस्सा बन सकती हैं। आप सोच रहे होंगे कि भला ये कैसे हो सकता है। मगर ये सच है। जयपुर में आयोजित “गौ-महाकुंभ” में विशेषज्ञों ने जब गायों से हो सकने वाली आमदनी का फार्मूला बताया राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी इसके कायल हो गये। वह “गौ-महाकुंभ” में शनिवार को बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राजस्थान को भारत का सबसे बड़ा ‘डेयरी हब’ बनाने का ऐलान कर डाला।
गौ-वंश और गोपालकों के लिए राजस्थान सरकार का बड़ा कदम
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को ‘गौ-महाकुंभ’ को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान को केवल कृषि प्रधान राज्य नहीं, बल्कि आने वाले समय में समूचे भारत का सबसे बड़ा ‘डेयरी हब’ बनाएंगे। उन्होंने कहा कि यह हमारा सपना है। इस कार्यक्रम का आयोजन देवराहा बाबा गौ सेवा परिवार द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री ने कहाकि हमारी सरकार ने गौवंश, गोपालक और किसानों के कल्याण के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं।
राजस्थान में गौ-संरक्षण और संवर्धन के लिए 2971 करोड़ का आवंटन
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य में गौ संरक्षण व संवर्धन योजनाओं के लिए 2,791 करोड़ रुपये की अनुदान राशि दी गई है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक पंजीकृत गौशाला को प्रति गाय 50 रुपये और बछड़ों के लिए 25 रुपये रोजाना की सहायता प्रदान करना शामिल है। शर्मा ने कहा कि प्रदेश की 100 गौशालाओं को गौ काष्ठ मशीनें विशेष रियायती दर पर उपलब्ध कराई गई हैं और अब तक 341 गौशालाओं में आधारभूत सुविधाओं का निर्माण कराया गया है।
इसके साथ ही नंदीशाला सहभागिता योजना के तहत पंचायत स्तर पर आधारभूत संपत्तियों के निर्माण के लिए 62 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की गई है। शर्मा ने कहा कि किसान और पशुपालक हमारे अन्नदाता व पोषणदाता है इसलिए हमें किसानों को आधुनिक तकनीक, सही दाम और सुरक्षित जीवन देकर सशक्त करना है।
दूध न देने वाली गायें भी बहुत फायदे का सौदाः एसबी नवरंग
“गौ-महाकुंभ” के राष्ट्रीय संयोजक एसबी नवरंग ने कहा कि गौ-हत्या रोकने का एकमात्र उपाय गायों को व्यावसायिक रूप से लाभप्रद बनाना है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से दूध न देने वाली गायों और गौ-वंशों के गोबर और मूत्र से आश्चर्यजनकरूप से लाभ अर्जित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज गोबर से कॉमर्शियल इस्तेमाल हो रहा है। गोबर से पेंट बनाया जा रहा है और सनफॉर्मा वाले मेडिसिन बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि गायों को लाभप्रद बनाने वाले सभी व्यावसायिक उपाय अपनाने होंगे तभी गौ-हत्या भी रुकेगी और इससे आम लोगों की आमदनी भी बढ़ाई जा सकेगी।
बनेंगे गोकुल-ग्राम
वहीं राष्ट्रीय गौ-सेवा प्रचारक संजय शर्मा ने कहा कि यह ईवेंट नहीं एक विचारधारा है। देवराहा बाबा गौ-सेवा परिवार ने गायों की बड़ी सेवा की है। उन्होंने गोकुल ग्राम का मॉडल रखा, जहां 10 हजार गायें होंगी। इस तरह सैकड़ों गो-कुल ग्राम बनाने की योजना है। इस तरह से पूरे देश में गौ-चेतना अभियान चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम में तमाम गौ-सेवक, सामाजिक कार्यकर्ता और साधु-संतों व विद्वानों की मौजूदगी रही।