नई दिल्ली, । जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए तमाम राष्ट्राध्यक्ष और दुनिया के प्रमुख संस्थानों के प्रमुख राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद हैं। कई राष्ट्राध्यक्षों की पत्नियां भी दिल्ली के आंगन में उपस्थित हैं। सजी धजी दिल्ली मेहमानों को खूब भा रही है। दो दिवसीय सम्मेलन में तमाम प्रोटोकाल की वजह से उनके द्वारा दिल्ली की विरासत को देखना भले ही संभव न हो पर कुछ स्थलों पर जाकर वहां की विशिष्टता को महसूस जरूर किया जाएगा। महीने भर से सज रही दिल्ली में एयरपोर्ट से लेकर नई दिल्ली क्षेत्र में तमाम फव्वारे और शिल्पकारी को जगह जगह बनाया और लगाया गया है। मेहमानों के लिए एयरपोर्ट से होटल तक के रास्ते को इस तरह से सजाया और संवारा गया है कि दिल्ली ही नहीं बल्कि देश की सांस्कृतिक विरासत की झलक पहली नजर में दिख जाएगी। निश्चित रूप से राष्ट्रीय राजधानी में आए मेहमान जब वापस जाएंगे तो यहां की संस्कृति और मेहमानवाजी की सुखद यादें समेट कर अपने देश लौटेंगे।
दिल्ली के व्यंजनों का स्वााद लेंगे विदेशी महमान
जब जी-20 के सदस्य व आमंत्रित देशों के प्रमुख दो दिवसीय सम्मेलन में दुनिया के लिए वसुधैव कुटुम्बकम की राह तलाश रहे होंगे तब उनकी पत्नियां और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य दिल्ली के कुछ स्थलों का भ्रमण कर रहे होंगे। इसमें सबसे प्रमुख भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइएआरआइ), पूसा है जहां ये लोग भारतीय अनाजों और श्रीअन्न से परिचित होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पौष्टिक श्रीअन्न के जरिए स्वस्थ व पुष्ट वैश्विक समाज की कल्पना की है। इसके लिए जी-20 सम्मेलन से बढ़िया मौका क्या हो सकता है, जब सभी राष्ट्राध्यक्ष व उनकी पत्नियां श्री अन्न की खूबियों को न सिर्फ समझे, बल्कि इससे बने व्यंजनों का स्वााद भी लें। इसी तरह जयपुर हाउस स्थित राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा (एनजीएमए) में हस्तशिल्प के तमाम उत्पाद उनका मनमोह लेंगे। यहां सांस्कृतिक आयोजन हमारे देश की विरासत की झलक दिखाएंगे। बताएंगे कि कितना समृद्ध, भव्य और शानदार सांस्कृतिक विरासत है। और जब शाम को राष्ट्रपति भवन पहुंचेंगे तो देश के प्रथम नागरिक के साथ वहां अमृत उद्यान उनकी यात्रा को सुखद एहसास कराएगा।
दिल्ली में विदेशी राष्ट्राध्यक्ष करेंगे गांधी दर्शन
राष्ट्राध्यक्ष के लिए भारत देश की यात्रा बिना राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित किए पूरी नहीं होती है। इसलिए यहां भी विशेष तैयारी की गई है। रिंग रोड को आकर्षक बनाते हुए फुटपाथों को सुधारा गया है। गांधी दर्शन में चरखा कातते बापू की बड़ी मूर्ति लगाई गई है। इसी तरह गांधी सेल्फी पार्क का भी निर्माण किया गया है, जिसमें बापू की मूर्ति विभिन्न मुद्रा में है। बापू साइकिल चला रहे हैं तो बेंच पर बैठे हुए हैं। निश्चित ही गांधी जी के साथ जब विदेशी राष्ट्राध्यक्ष कुछ वक्त गुजारेंगे तब उनका भी मन गांधी जी की विभिन्न मुद्राओं के साथ सेल्फी लेने का मन जरूर करेगा।
विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के स्वागत के लिए तैयार दिल्ली
वैसे, कुछ दिन पहले यह क्षेत्र यमुना के बाढ़ के पानी में डूब गया था। उस समय नहीं लग रहा था कि जी-20 सम्मेलन के पहले तक यह विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के स्वागत के लिए तैयार हो जाएगा, लेकिन अब इसकी खूबसूरती देखकर अधिकारियों और कर्मचारियों की अथक मेहनत और लगन पर सराहना निकलती है। इसी तरह, लालकिला, हुमायुं का मकबरा व कुतुबमीनार जैसे राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख पर्यटन स्थल व धरोहरों को भी जी-20 के मद्देनजर विशेष रूप से सजाया और संवारा गया है। उम्मीद है कि उन स्थानों पर भी विदेशी मेहमानों का जाना होगा। जहां वह देश के जीवंत इतिहास के साथ ही यहां के लोगों की जीवटता, विविधता व अनेकता में एकता की भावना से भी परिचित होंगे
बाजारों को भी सजाया गया
इसी तरह बाजारों को भी सजाया गया है। जी-20 सम्मेलन के मद्देनजर कनाट प्लेस की इमारतों का नए सिरे से रंग रोगन किया गया है। यह ब्रिटिश कालीन बसावट निश्चित ही विदेशी मेहमानों को लुभाएगी। हालांकि, सुरक्षा कारणों से कनाट प्लेस की दुकानें बंद रहेगी। लेकिन पुरानी दिल्ली के बाजार खुले रहेंगे। सैकड़ों वर्ष पुरानी चांदनी चौक और पुरानी दिल्ली के अन्य बाजारों में पुरानी इमारतें और यहां का खान-पान विदेशी मेहमानों को नए प्रकार का स्वाद देगा। खरीदारी नए प्रकार का अनुभव देगी। साथ ही मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च सर्वधर्म समभाव का संदेश देगा। यह आयोजन खास है जितना भारत के लिए उतना ही बाकि विश्व के लिए भी। इस तीन के आयोजन में यहीं भारत को जानने, समझने और उत्सव मनाने के ऐतिहासिक दिन है।

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