चरखी दादरी: 25 एकड़ भूमि पर लगेगा पशुधन मेला, बीस हजार किसानों के ठहरने का रहेगा प्रबंध
चरखी दादरी। तीन दिवसीय प्रदेश स्तरीय पशु मेला की तैयारियों को लेकर कृषि मंत्री जेपी दलाल ने मंगलवार को लघु सचिवालय में अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि दादरी में 11 मार्च से शुरू होने जा रहे पशुधन मेला की तैयारियों के लिए जिला प्रशासन और विभाग अपनी जिम्मेदारी संभाल लें। प्रदेशस्तरीय इस मेले के आयोजन में प्रशासन व पुलिस विभाग अपना पूरा सहयोग दें। कृषि मंत्री ने कहा कि करीब 25 एकड़ भूमि में इस मेले का आयोजन किया जाएगा जिसमें बीस हजार से अधिक किसानों के ठहरने की व्यवस्था की जानी है। मेला स्थल पर सार्वजनिक शौचालय का प्रबंध किया जाए। पशुपालन विभाग की ओर से यहां हरे व सूखे पशु चारे की व्यवस्था की जाए। मेले में पानी और बिजली का सुचारू प्रबंध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को वर्ष 2019 और वर्ष 2020 का फसल मुआवजा दिया जाए। उन्होंने उपायुक्त प्रीति को निर्देश दिए कि बेसहारा पशुओं को आश्रय देने की कोई ठोस योजना तैयार की जाए।
कृषि मंत्री ने कहा कि दादरी शहर और आसपास के गांवों में बिजली की आपूर्ति नियमित रूप से होनी चाहिए, जिससे कि मेले में आने वाले किसानों को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि पाला से जो भी फसलों का नुकसान हुआ है, उसका आकलन कर एक रिपोर्ट उनको दी जाए। कृषि मंत्री ने कहा कि एसटीपी के पानी को सिंचाई के कार्य में प्रयोग में लाया जाए। बैठक में बाढड़ा के एसडीएम डा. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि किसानों को मुआवजा बांटा जा रहा है। बैठक में दादरी के विधायक सोमबीर सांगवान, पशुपालन व मत्स्य पालन विभाग के विशेष सचिव जयबीर आर्य, उपायुक्त प्रीति, भाजपा जिलाध्यक्ष सतेंद्र परमार, जिला परिषद चेयरमैन मनदीप डालावास, पशुपालन विभाग के महानिदेशक डॉ. वीरेंद्र लोहरा, प्रबंध निदेशक लालचंद रंगा, एसडीएम नवीन कुमार, नगराधीश रेणुका नांदल, डीएसपी वीरेंद्र सिंह, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डा. जसवंत जून, कृषि उपनिदेशक डॉ. बलवंत सहारण आदि मौजूद रहे।
जेपी दलाल ने बैठक के बाद शाम को पशुधन मेला के लिए प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि सभी पशुओं के लिए अलग-अलग जोन बनाए जाएंगे। मुख्य मंच के लिए अलग से वीआईपी पार्किंग और पांडाल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि बेहतरीन नस्ल की गाय, ऊंट, भैंस आदि रैंप पर कैटवॉक करेंगी, उसके लिए रेड कारपेट का एक रैंप बनाया जाए। पशुपालकों के ठहराव के लिए तंबू और पशुओं को बांधने का सारा इंतजाम यहां होना चाहिए।