नई द‍िल्‍ली. द‍िल्‍ली हाईकोर्ट ने एक आदेश देते हुए कहा है क‍ि लैंडफिल साइट के पास गाय निस्संदेह कचरे पर पलती होंगी और यदि उनका दूध मनुष्य, विशेषकर बच्चे पीते हैं, तो इससे बीमारी होना निश्चित है. लैंडफिल साइट के पास डेयरियों से मनुष्यों को होने वाले गंभीर खतरे को ध्यान में रखते हुए प्रथम दृष्टया कोर्ट का मानना ​​है कि इन डेयरियों को तत्काल स्थानांतरित किया जाना चाहिए.

द‍िल्‍ली हाईकोर्ट ने वकील सुनयना सिब्बल और अन्य द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रहा था, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में नौ डेयरी कॉलोनियों को अन्य उपयुक्त स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश देने की मांग की गई थी. हालां कि, कोर्ट ने कहा कि कोई भी बाध्यकारी निर्देश जारी करने से पहले वह संबंधित अधिकारियों से सुनना चाहेगा कि इन निर्देशों को किस प्रकार तैयार किया जाना चाहिए.

हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त, पशु चिकित्सा निदेशालय, एमसीडी और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के सीईओ को अगली सुनवाई की तारीख पर कार्यवाही में शामिल होने का निर्देश दिया है. पीठ ने आदेश दिया है कि अधिकारी ऐसी भूमि की उपलब्धता की संभावना भी तलाशेंगे, जहां डेयरियों को स्थानांतरित किया जा सके. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन ने मौखिक रूप से एमसीडी से डेयरियों के स्थानांतरण के लिए दान स्वीकार करने की संभावना तलाशने को कहा है.

कोर्ट ने कहा क‍ि अलग सोचिए… आपको कल्पनाशील होना होगा. बाकी सब भूल जाइए, आप कहते हैं कि आप दान स्वीकार करेंगे. मुझे यकीन है कि लोग गायों के लिए बड़ी संख्या में पैसे दान करेंगे. इस मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस खराब दूध को हम सभी किसी न किसी रूप में पचा रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि इस सारे दूध का इस्तेमाल मिठाई और अन्य सभी उत्पादों के प्रबंधन के लिए किया जाएगा. क्या आप उन उत्पादों का परीक्षण भी कर रहे हैं या नहीं? क्या आप लोगों को यह सब खाने की इजाजत दे रहे हैं?

याचिकाकर्ता ने कहा था कि 22 साल हो गए हैं और राज्य ने कोई कदम नहीं उठाया है. 2011 में कोर्ट ने आदेश हुए था और तब से कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है और अब हम 2024 में आ गए है, मामले की प्रगति की निगरानी के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को नियुक्त किया जाए.

एमसीडी वकील ने कहा कि लैंडफिल के पास स्थित डेयरी को जल्द से जल्द स्थानांतरित करने की जरूरत है. एमसीडी के वकील ने कहा कि जब हम किसी डेयरी को बंद करते हैं और शिकायत दर्ज करते हैं, तब भी वह अपना फिर डेयरी चलाना शुरू कर देते हैं. यह मुद्दे हल नहीं होंगे. एमसीडी के वकील ने कहा कि हम कार्यवाही करते हैं और डेयरी को बंद कर देते है. वह कुछ दिनों में वापस शुरू हो जाती है. पशु चिकित्सा अधिकारी हर दिन मैदान पर नहीं रह सकते, हम नोटिस जारी कर सकते हैं और हम उन्हें बंद कर सकते हैं लेकिन इससे अधिक कुछ नहीं कर सकते.

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