Congress-आवारा पशुओं की समस्या को लेकर संविधान यात्रा

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Chhattisgarh Congress: छत्तीसगढ़ कांग्रेस लगातार राज्य सरकार को घेरने में लगी हुई है। इस क्रम में पार्टी 14 अगस्त को बिजली के दामों की बढ़ोतरी, नगरीय निकायों के अध्यक्षों के वित्तीय अधिकार की वापसी और आवारा पशुओं की समस्या को लेकर संविधान यात्रा निकालेगी।

Chhattisgarh Congress: छत्तीसगढ़ कांग्रेस लगातार राज्य सरकार को घेरने में लगी हुई है। इस क्रम में पार्टी 14 अगस्त को बिजली के दामों की बढ़ोतरी, नगरीय निकायों के अध्यक्षों के वित्तीय अधिकार की वापसी और आवारा पशुओं की समस्या को लेकर संविधान यात्रा निकालेगी। इससे पूर्व विश्व आदिवासी दिवस पर आज नये आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर विषय पर चर्चा करेंगे। वहीं 16 को कांग्रेस  जिलों और ब्लॉकों में गौ सत्याग्रह करेगी।

वार्डों और गांवों में संविधान यात्रा 14 अगस्त को
आजादी की 77वीं वर्षगांठ के पूर्व 14 अगस्त को कांग्रेस प्रदेश के सभी गांवों और वार्डों में संविधान यात्रा के रूप में प्रभातफेरी निकालेगी। देश के संविधान की रक्षा की प्रतिज्ञा ली जायेगी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजन “वैष्णव जन” का गान होगा। इस प्रभातफेरी में भारत के संविधान, तिरंगा ध्वज और बापू का चित्र लेकर कांग्रेसी चलेंगे।
प्रदेश के सभी जिलों और ब्लॉकों में गौ-सत्याग्रह 16 अगस्त को
प्रदेशभर में हो रही गायों की मौत और खुले मवेशियों के कारण सड़कों में हो रही दुर्घटनायें आवारा मवेशियों से खेतों की चराई पूरे प्रदेश में एक बड़ी समस्या बन कर उभरी है। पार्टी का आरोप है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद से प्रदेश में गौवंश बदहाल है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार की ओर से संचालित गोधन न्याय योजना को बंद करके गौवंशी पशुओं को सड़क पर बेमौत मरने छोड़ दिया है। एक तरफ जहां किसान खुली चराई से परेशान हैं। वही सड़कों में दुर्घटनाएं बढ़ गई है। भाजपा की सरकार में गाय, भैंस के साथ जनता भी सड़कों पर बेमौत मरने मजबूर हैं।

‘विश्व आदिवासी दिवस पर आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर करें राज्यपाल’
9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस है। आदिवासियों का संवैधानिक अधिकार पिछले डेढ़ साल से राजभवन में लंबित है। अब प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री भी है। कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि छत्तीसगढ़ का आरक्षण संशोधन विधेयक जो पूर्ववर्ती सरकार ने विधानसभा से पारित करवा कर राजभवन भेजा था, उस पर हस्ताक्षर करने राजभवन से आग्रह करें। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है फिर आदिवासियों का 32 प्रतिशत एससी का 13 प्रतिशत, ओबीसी का 27 प्रतिशत, ईडब्ल्यूएस का 4 प्रतिशत अधिकार राजभवन में क्यों रूका हुआ है? राज्यपाल से विश्व आदिवासी दिवस पर राज्य की 32 प्रतिशत आबादी आदिवासियों के हक में विधेयक पर हस्ताक्षर करने का अनुरोध किया है।

 

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