Andhra Pradesh Waqf Board: देशभर में वक्फ बिल को लेकर छिड़ी बहस के बीच आंध्र प्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। वक्फ बोर्ड को लेकर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली सरकार ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें स्टेट वक्फ बोर्ड को भंग करने की घोषणा की गई है। पिछली वाईएसआरसीपी सरकार की ओर से वक्फ बोर्ड गठित हुआ था।

चंद्रबाबू नायडू सरकार ने पिछली सरकार के दौरान अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से जारी जीओ-47 को रद्द करते हुए जीओ-75 जारी किया है। सरकार ने कहा कि आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के चुनाव पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। उसी समय राज्य वक्फ बोर्ड के गठन के 2023 के सरकारी आदेश की संवैधानिकता को चुनौती देने वाले लंबित मुकदमों के कारण एक प्रशासनिक शून्यता पैदा हो गई थी। अधिसूचना में लिखा है- ‘अल्पसंख्यक कल्याण विभाग आंध्र प्रदेश राज्य वक्फ बोर्ड के गठन के लिए जारी G.O.Ms.No.47 को वापस लेता है।’

मोहम्मद फारूक ने बताई सरकार का प्रतिबद्धता

कानून एवं न्याय, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री एन मोहम्मद फारूक के मुताबिक, नए आदेश जीओ-75 का उद्देश्य वक्फ बोर्ड में शासन संबंधी शून्यता को दूर करना है। वो इस बात पर जोर देते हैं कि सरकार अपने नए निर्देशों के तहत वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और अल्पसंख्यक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

आंध्रा में वक्फ बोर्ड भंग होने पर BJP क्या बोली?

आंध्र प्रदेश बीजेपी के उपाध्यक्ष विष्णु वर्धन रेड्डी लिखते हैं- ‘आंध्र प्रदेश सरकार ने भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में ऐसी संस्थाओं के लिए संवैधानिक प्रावधानों की कमी का हवाला देते हुए वक्फ बोर्ड को भंग कर दिया है। आंध्र प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का नेतृत्व मंत्री एन मोहम्मद फारूक की ओर से किया जाता है। एनडीए सरकार से फारूक ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण सुनिश्चित करना प्राथमिकता बनी हुई है।

आंध्र प्रदेश में एनडीए की सरकार

आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है। वर्तमान 16वीं आंध्र प्रदेश विधानसभा के लिए मई में चुनाव हुए। चुनाव परिणाम 4 जून 2024 को घोषित किए गए। नतीजों में एनडीए सरकार को प्रचंड बहुमत मिला। 175 विधानसभा सीटों में से चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने 135 सीटें जीतीं, जबकि सहयोगी जनसेना पार्टी को 21 और बीजेपी को 8 सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में सरकार का गठन हुआ और पवन कल्याण राज्य के डिप्टी सीएम बने।

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