पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव (एएचडी)श्रीमती अलका उपाध्याय की अध्यक्षता में विभाग के कार्यक्रमों/योजनाओं के कार्यान्वयन की प्रगति पर चर्चा के लिए एक क्षेत्रीय समीक्षा बैठक आज विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित की गई। यह बैठक में पश्चिमी राज्यों के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव सहित संबंधित निदेशकों के साथ हुई। मीक्षा बैठक में अतिरिक्त सचिव, पशुपालन आयुक्त, संयुक्त सचिव, मुख्य लेखा नियंत्रक और पशुपालन और डेयरी विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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श्रीमती अलका उपाध्याय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पशुधन क्षेत्र 2014-15 से 2021-22 (स्थिर कीमतों पर) के दौरान 7.67% की उच्च चक्रवृद्धि वार्षिक दर (सीएजीआर) के साथ लगातार बढ़ रहा है, जिसका श्रेय डेयरी, बोवाइन, मुर्गी पालन, बकरी पालन/सूअर पालन आदि  पशुधन क्षेत्र के मापदंडों को दिया जाता है। साथही, पशुधन क्षेत्र ने वर्ष 2021-22 के दौरान कुल कृषि और संबद्ध क्षेत्र जीवीए (स्थिर कीमतों पर) में लगभग 30.19% का योगदान दिया है।

बैठक में उन्होंने राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम), राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) के तहत उद्यमिता विकास, राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी), डेयरी प्रसंस्करण और बुनियादी ढांचे के विकास फंड (डीआईडीएफ), नेशनल प्रोग्राम फॉर डेयरी डेवलपमेंट (एनपीडीडी), एनिमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एएचआईडीएफ) जिन्हें भारत सरकार द्वारा राज्यों में कार्यान्वित किया जा रहा है, सहित सभी पशुपालन और डेयरी योजनाओं की वास्तविक और वित्तीय प्रगति की समीक्षा की।

उन्होंने राज्यों के पास बची हुई  शेष राशि को खर्च करने पर जोर दिया। केंद्रीय सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि  पारंपरिक डेटा अपडेशन, भारतकोश के माध्यम से भुगतान पर ब्याज आदि से संबंधित मुद्दों को जल्दी हल करने की आवश्यकता है ताकि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत सरकार राज्यों को धन जारी कर सके। उन्होंने देश भर में एफएमडी और ब्रुसेला के खिलाफ टीकाकरण की स्थिति, मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (एमवीयू) के संचालन, दूध की स्थिति, चारे की स्थिति आदि की भी समीक्षा की। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक राज्य को आगे की कार्रवाई के लिए सूक्ष्म स्तर पर योजना का निर्माण करना चाहिए।

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श्रीमती अलका उपाध्याय ने पशुआहार और चारे की उपलब्धता पर जोर दिया और राज्यों से संतुलित राशन की उपलब्धता को आसान बनाने के लिए टास्कफोर्स गठित करने को कहा। उन्होंने कहा  कि स्वास्थ्य देखभाल के माध्यम से पशुधन का संरक्षण और सुरक्षा विभाग के लिए एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र है। उन्होंने राज्यों सलाह दी कि एफएमडी, ब्रुसेला और पीपीआर टीकाकरण में तेजी लाने की जरुरत है। उन्होंने पशुधन और डेयरी किसानों तक योजना के लाभों को पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और जिला अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी के साथ राज्यों में ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान आयोजित किए जाने की जरूरत पर भी जोर दिया।

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