अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने पर रूस का जोर
क्रेमलिन ने अपने बयान में कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के लिए एक बार फिर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हार्दिक बधाई दी. इस दौरान अंतरिक्ष क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और विकसित करने की तत्परता की पुष्टि की गई.
बता दें रूस अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए चीन पर काफी हद तक निर्भर है. हालांकि अब रूस भारत का सहयोग चाहता है. रूस अंतरिक्ष में भारत के पहले मानव मिशन गगनयान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. इसे 2024 की चौथी तिमाही में लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया है.
रोस्कोस्मोस और इसरो के बीच समझौता
रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस और इसरो ने सहयोग पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इसका लक्ष्य लॉन्च व्हीकल्स के विकास, विभिन्न कार्यों के लिए अंतरिक्ष यान का निर्माण और उपयोग, जमीन आधारित अंतरिक्ष बुनियादी ढांचे के साथ-साथ ग्रहों की खोज सहित शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए भारत और रूस की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए एक साझेदारी को विकसित करना है.