New Delhi – वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं फिर से व्यवस्थित हो रही हैं। भारत अपने कच्चे माल, निम्न श्रम लागतों, बढ़ती विनिर्माण जानकारी और उद्यमशील क्षमता को देखते हुए एक वैकल्पिक आपूर्ति स्रोत के रूप् में उभर रहा है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी। वह पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के 118वें सालाना सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
भारत की विनिर्माण आकांक्षाओं की चर्चा करते हुए श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र का देश के जीडीपी में 17 प्रतिशत योगदान है और इसमें 27.3 मिलियन से अधिक श्रमिक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष विश्व इकोनोमिक फोरम में ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड‘ के लिए प्रधानमंत्री की अपील एक संकेत था कि भारत 2025 तक सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण का हिस्सा 17 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत करने के लिए तैयार और इच्छुक है।









