सिरमौर: हिमाचल प्रदेश से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जहां 2 ग्रामीण भारी भरकम बीमार गाय को पीठ पर उठाकर सड़क तक पहुंचाते हुए नजर आ रहे हैं. साथ ही अन्य ग्रामीण भी गाय को सहारा दे रहे हैं. इन ग्रामीणों ने मानवता की मिसाल पेश कर बेजुबान पशु की जान बचाई है. ये मामला जिला सिरमौर के दुर्गम क्षेत्र शिलाई की क्यारी गुंडाह पंचायत का है. बुधवार को इस मामले का वीडियो सामने आने के बाद दोनों ग्रामीणों की बहादुरी की हर कोई प्रशंसा कर रहा है. इन दोनों ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डाल बीमार गाय को अपनी पीठ पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया.
दरअसल यह मामला करीब एक सप्ताह पहले का है, जिसका वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. ईटीवी भारत द्वारा पड़ताल करने पर पाया गया कि ये वीडियो शिलाई विधानसभा क्षेत्र की क्यारी गुंडाह के कुराई गांव का है. इस गांव के दीप राम शर्मा की गाय कई दिन से बीमार थी और उसे तुरंत इलाज की जरूरत थी. वेटरनरी अस्पताल हालांकि केवल 3 किलोमीटर दूर गुडाहां गांव में था, लेकिन भारी बरसात के कारण पहाड़ी रास्ता कई जगहों से टूट चुका था. लिहाजा बीमार गाय को अस्पताल पहुंचाना एक बड़ी चुनौती बन गया था. उसे गाड़ी से ले जाना तो दूर, पैदल ले जाना भी लगभग असंभव था.
देवदूत बनकर आए ये दो ग्रामीण
इस बीच गौमाता की जान बचाने के लिए दयाराम और लाल सिंह देवदूत बनकर आगे आए. उन्होंने इस असंभव से लगने वाले कार्य को संभव कर दिखाया. उन्होंने रस्सियों की मदद से डेढ़ से दो क्विंटल वजनी गाय को अपनी पीठ पर बांधा और जोखिम भरे पहाड़ी रास्ते पर चलना शुरू किया. जरा सी चूक या संतुलन बिगड़ने का परिणाम जानलेवा दुर्घटना हो सकता थी, लेकिन ग्रामीणों ने धैर्य और सूझबूझ से काम लिया. इस दौरान अन्य ग्रामीणों ने भी उनके पीछे-पीछे चलकर पीठ पर बंधी गाय को सहारा देकर उसे अस्पताल पहुंचाने में अपना भरपूर सहयोग किया. सधे हुए कदमों से चलते हुए उन्होंने गाय को रास्ते का टूटा हुआ हिस्सा पार कराया और गाय को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे उचित इलाज मिल सका. एक दिन के इलाज के बाद गाय अब बिल्कुल स्वस्थ है. इन दोनों ग्रामीणों की गौ सेवा, साहस और मानवता के अनूठे और प्रेरणादायक प्रयासों की चारों ओर सराहना हो रही है.