Home General नववर्ष के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच द्वारा काव्य सम्मेलन संपन्न

नववर्ष के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच द्वारा काव्य सम्मेलन संपन्न

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मुम्बई। अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच एक साहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संस्था है जो कि वर्षों से सामाजिक और साहित्यिक कार्यक्रम करती आ रही है। इसी कड़ी में संस्था द्वारा नववर्ष के उपलक्ष्य में ‘नव वर्ष पर हमारा संकल्प है’ इस विषय में ऑनलाइन एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि राम राय, विशेष अतिथि आशा जाकड़, अभिलाष शुक्ला, संतोष साहू, शिवपूजन पांडे रहे। कार्यक्रम के समारोह अध्यक्ष रहे डॉ कुंवर वीर सिंह और सरस्वती वंदना की डॉ सुशील श्रीवास्तव सागर ने। कार्यक्रम का संचालन अलका पांडे और शोभा रानी तिवारी ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी विशेष अतिथियों ने अपने उद्गार व्यक्त किए और मंच को आशीर्वचन दिया सभी रचनाकारों ने उत्कृष्ट रचनाओं का पाठ किया तथा आभार व्यक्त किया नीरजा ठाकुर ने। नव वर्ष में हम क्या संकल्प लें क्या काम करें इस विषय पर एक शानदार कवि सम्मेलन संपन्न हुआ। अलका पांडे ने बताया कि नए वर्ष पर हमारे संकल्प इसलिए रखा गया कि हम जीवन में अपने लिए कुछ संकल्प लें तभी हम अपने अंदर की गांठे खोल सकेंगे और समाज के लिए कुछ कर सकेंगे। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इस कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। लोगों ने बड़ी सार्थक व सकारात्मक रूप से अपने विचार रखे।
प्रस्तुत है कवि सम्मेलन में काव्य पाठ की चंद पंक्तियां

और संकल्प करें कि अब ना करेंगे कोई भी गलती।
ना किसी का दिल दुखाएंगे।।
ना किसी को अपशब्द कहेंगे।
नया साल भी देखो कैसे मधुर मुस्कान लिए आया है।।
हम अपनी सोच बदलें।
कि अब तो हम इस जीवन को सार्थक करेंगे।।
और कुछ ऐसा करेंगे कि इतिहास रच डाले।
अंतर्मन से कहो कि हम कुछ तो बड़ा करेंगे।।
नया साल है आया ।
नए विचारों को लाया।।
मान लेंगे हम बड़ों का कहना।
दया भाव सब पर रखेंगे।।
इंसान हैं इंसान का काम करेंगे।
सोच जरा इस दुनिया में हम क्या लेकर आए थे।।
और क्या लेकर जाएंगे।
जो कमाया है वह यही रह जाएगा।।
फिर क्यों छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाए।
मेरा तेरा करते-करते क्यों जिंदगी बिताएं।।
जो है वह सब प्रभु का है। माया को त्यागे सब रिश्तो को अपनाए ।।
छोड़ो कल की बात पुरानी ।
ईर्ष्या द्वेष को मन से मिटाएं।।
खोले मन की गांठे सारा बोझ हल्का कर दे।
क्यों अपना दिल दुखाए।।
क्यों औरों का दिल दुखाए ।
नया साल नई नई चुनौतियां लाया।
हम अपनी सारी मन का बोझ हटा दें।।
और मिश्री की डली को मन में घोलकर मीठा बोले।
सोचे विचारे बीते वर्ष में ।।
हमसे क्या गलती हुई।
उसको अब ना दोहराएं ।।
नए साल में नया करे हम।
संकल्प ले कुछ ऐसा करें।
देश दुनिया घर परिवार सब के हित की बात हो।।
अपने मन को भी अच्छा लगे और प्रभु भी खुश हो जाए।
जीवन अपना सफल बनाएं।।
नया साल है ऐसा कुछ कर। जाए की कि नहीं कहानी लिख दे।
और अमर हो जाए ।।
क्या कुछ ऐसा हम कर सकते हैं ।
सोचो विचारों की नए साल में
हम क्या क्या नया करे ।।
आया है नया साल उसका अभिनंदन है स्वागत है।
दिल से खुशियां मनाएं ।।
और पूरे साल हम हंसी खुशी से बिताए।
नहीं यह बस यही संकल्प है हमारा ।।
– अलका पांडे, मुंबई

बीत गया है साल पुराना
जगमग करता आया साल नया
श्री ज़मीं है नया है आसमान,नया सूरज होगा, होगा सब कुछ आसान
– नीरजा ठाकुर नीर

नववर्ष का संकल्प-
है महान किंतु लगता अल्प,
मेरे नववर्ष का संकल्प।
चाहूँ मैं, मैं, न रहे, सब हम हो जाएँ,
केवल ख़ुशी ही ख़ुशी हो, दूर गम हो जाएँ।
– रानी अग्रवाल, मुम्बई

नववर्ष का करें अभिनंदन,
आओ मिलकर खुशी मनाएं,
शुरू करें फिर से नवजीवन,
बीते कल को हम भूल जाएं।
– शोभा रानी तिवारी

कभी हार न मानेंगे, मुसीबतों से टकराएंगे, उस पर विजय पाएंगे, जीवन को, उन्नत व सुखमय बनाएंगे, हर हार को, जीत में बदल डालेंगे, बस सफलता के कदम, आगे ही आगे बढ़ाएंगे, कर्तव्यनिष्ठ होकर, सच्चाई के मार्ग पर, अग्रसर हो, देश का गौरव बढ़ाएंगे।
– डॉ. आशालता नायडू, मुंबई

आओ चलो हिलमिल अब कुछ करें मंथन
कुछ स्वप्निल स्वप्न सजाएं, करें नव संकल्प
पुरजोर कदम आगे आगे बढ़ाएं, करें सत्कर्म
नववर्ष आ रहा विभोर होकर, करे नव चिंतन।
– डॉ अंजुल कंसल “कनुप्रिया” इंदौर

दुख हो अदावतें हो न रंजो मलाल हो।
मौला करे यह साल मोहब्बत का साल हो।।
– डॉ. महताब आज़ाद

तेरे चरणों में समर्पित दे शरण कल्याणिनी माँ
सारे जग में ज्योति तेरी ज्ञान चक्षु प्रदायिनी माँ
सारी दुनियाँ जल रही है द्वेष के अंगार से माँ
शीतले कर जग को शीतल तू ही है जग तारिनी माँ
– डॉ. सुशील श्रीवास्तव “सागर”
सिद्धार्थनगर, यूपी

इस ऑनलाइन कार्यक्रम में कविता पाठ करने वाले कवियों में शोभा रानी तिवारी, अलका पांडे, निरजा ठाकुर, डॉ अझूल कंसल, विजेंद्र मोहन, ओम प्रकाश पांडे, आशा लता नायडू, अनीता झा, सुशील सागर, डॉ. महताब अहमद आजाद, सुरेंद्र हरडे, रवि शंकर कोलते का नाम प्रमुख रहा।

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