मुंबई। नारायण सेवा संस्थान का नारायण लिम्ब एवं कैलिपर्स फिटमेंट शिविर मुंबई के निको हॉल, नायगाँव क्रॉस रोड, वडाला उद्योग भवन के पास, दादर में सम्पन्न हुआ।
शिविर का उद्देश्य शारीरिक रूप से असमर्थ लोगों को न केवल चलने-फिरने में सक्षम बनाना था, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की भावना भी जागृत करना था। कृत्रिम अंग लगने के बाद दिव्यांगों के चेहरे पर मुस्कान और आत्मविश्वास साफ दिखाई दिया। शिविर में मुंबई सहित दूरस्थ क्षेत्रों के 419 दिव्यांगों को अपर-लोवर व मल्टीपल कृत्रिम अंग और केलिपर्स लगाए गए।
इसके मुख्य अतिथि जसवंत भाई शाह थे। शिविर की अध्यक्षता शांतिलाल मारू ने की। तो वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में साध्वी सुश्री यति किशोरी देवी, गुड्डी अग्रवाल, हर्ष बापना (आलोक इंडस्ट्रीज), श्याम सिंघानिया, नरेंद्र (इंडियन ओवरसीज बैंक के पूर्व चेयरमैन), सत्यसाई ट्रस्ट से डॉ. श्रीनिवास, कमल लोढ़ा, सतीश अग्रवाल, गोपाल हलानी और टाटा टेली सर्विसेस लिमिटेड के सीएसआर विभाग से शीनु माथाई, सपना पंजाबी और कॉग्निजेंट कंपनी, आईसीसी आईलैंड सिटी सेंटर से भी अतिथि और वॉलिंटियर्स उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि जसवंत भाई शाह ने कहा कि नारायण सेवा संस्थान दिव्यांगों को सशक्त ही नहीं कर रहा बल्कि उनके खोये हुए आत्मविश्वास और निराशा को दूर करने का काम कर रहा है। यह समाज के लिए उपयोगी कार्य है। ऐसी सोच और भावना से ही विश्व एक परिवार का सपना साकार हो सकेगा। उन्होंने संस्थान को हर तरह से मदद का भरोसा दिया। साथ ही संस्थान के संस्थापक कैलाश मानव व अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल की वर्षों की सेवा साधना की प्रशंसा की। वहीं शिविर से लाभांवित होकर अपने पैरों पर चलते हुए नई जिंदगी शुरू करने वाले दिव्यांगजनों को शुभकामनाएं दी।
अध्यक्षता कर रहे शांतिलाल मारू ने संबोधित करते हुए कहा कि यह पहल समाज के उन वर्गों के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं या किसी दुर्घटना में अपंग हो गए हैं। उन्होंने कहा, “हम सबका लक्ष्य दिव्यांगजनों को नया जीवन और आत्मनिर्भरता देना है।
शिविर में पहुंचे सभी अतिथियों ने शिविर का दौरा किया और दिव्यांगों से उनकी आपबीती सुनी और डॉक्टर से फिटमेंट की प्रक्रिया जानी। लाभांवित दिव्यांगों को ट्रेनिंग दी गई और दिव्यांग बेटबॉल और फुटबॉल भी खेले।
शुरू में नारायण सेवा संस्थान की निदेशक पलक अग्रवाल और ट्रस्ट्री – निदेशक देवेंद्र चोबीसा तथा महर्षि अग्रवाल ने मंचासीन अतिथियों का मेवाड़ी परम्परा से स्वागत किया।
निदेशक पलक अग्रवाल ने कहा, “दिव्यांगजनों को उनके घरों के पास ही मदद पहुँचाने के लिए 23 मार्च को मुंबई में कैंप लगाया था। जिसमें 500 से ज्यादा दिव्यांग पहुंचे, उनमें से 419 दिव्यांगों को नारायण लिंब व केलिपर्स के लिए चयनित किया। जिन्हें आज नई जिंदगी का उपहार मिल रहा है।” समारोह में कृत्रिम अंग पहनकर दिव्यांगों ने परेड की। दिव्यांगों को संस्थान डॉक्टर्स ने चलने की ट्रेनिंग देने के साथ लिम्ब के रख रखाव की जानकारी भी दी।
ट्रस्ट्री – निदेशक देवेंद्र चोबीसा ने कहा, “मुंबई में एक साथ बड़ी संख्या में दिव्यांगजन जर्मन टेक्नोलॉजी के नारायण लिम्ब पहनकर घरों को विदा हुए। जो वर्षों पहले किसी दुर्घटना में अपने हाथ -पैर गंवाने से चलने -फिरने में असमर्थ हो चुके थे। जिसके चलते इनकी जिंदगी रुक सी गई थी।” इस शिविर में संस्थान के 80 सदस्यों की टीम ने सेवाएं दी। मुंबई शाखाध्यक्ष महेश अग्रवाल ने अतिथियों का धन्यवाद अर्पित किया और कार्यक्रम का संचालन महिम जैन ने किया।
आपको बता दें कि नारायण सेवा संस्थान 1985 से नर सेवा-नारायण सेवा की भावना से काम कर रहा है। संस्थापक कैलाश मानव को राष्ट्रपति ने मानव सेवा के लिए पद्मश्री अलंकरण से सम्मानित किया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में 30 मई को दिल्ली में श्री मानव को सामुदायिक सेवा एवं सामाजिक उत्थान श्रेणी में सम्मानित किया है। संस्थान के अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल दिव्यांगों के लिए मेडिकल, शिक्षा, कौशल विकास और खेल अकादमी के माध्यम से मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक दृष्टि से मजबूत कर लाखों दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में ला चुके हैं। वर्ष 2023 में अग्रवाल को राष्टृपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। संस्थान अब तक 40 हजार से अधिक कृत्रिम अंग लगा चुका है। संस्थान अब मुंबई के दिव्यांगों को निःशुल्क कृत्रिम अंग प्रदान कर उनकी रुकी जिन्दगी को फिर से शुरू करने के लिए बड़े स्तर पर काम करेगा।