नई दिल्ली, । केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा लाया गया ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ लोकसभा में पारित हुआ। अत्याधुनिक सुविधाओं वाली नई संसद के निचले सदन से पारित होने वाला यह पहला विधेयक है। इस विधेयक को विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में पेश किया था।
महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में 33 पर्सेंट आरक्षण देने वाला बिल लोकसभा में पास होने के साथ ही बीजेपी का एक और चुनावी वादा पूरा होने की तरफ बढ़ा है। बीजेपी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में यह वादा किया था। लोकसभा में बिल को लेकर हुई चर्चा के दौरान बीजेपी की तरफ से कहा गया कि बीजेपी के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि मान्यता का सवाल है।
लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक पर पर्ची से वोटिंग कराई गई। विधेयक के पक्ष में 454 मत, जबकि दो मत खिलाफ में पड़े। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दो तिहाई बहुमत से विधेयक के पारित होने की जानकारी साझा की।
लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ को लेकर हुई चर्चा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, रायबरेली सांसद और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी सहित 60 सदस्यों ने हिस्सा लिया। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने रानी दुर्गावती, रानी चेन्नम्मा, रानी अहिल्याबाई, रानी लक्ष्मी जैसी असंख्य वीरांगनाओं का उल्लेख किया।

 

बहरहाल, विधेयक के प्रावधान यह स्पष्ट करते हैं कि इसके कानून बनने के बाद कराई जाने वाली जनगणना के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए परिसीमन की कवायद या निर्वाचन क्षेत्रों के पुन: सीमांकन के बाद ही आरक्षण लागू होगा.
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