Women Reservation Bill Passed Rajya Sabha: संसद के विशेष सत्र के दौरान राज्यसभा (Rajya Sabha) में गुरुवार (21 सितंबर) को महिला आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पास हो गया. सभी दलों ने इस बिल का समर्थन किया. बिल के समर्थन में 215 वोट और विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा. ये बिल बुधवार को लोकसभा में लंबी चर्चा के बाद पारित हो गया था.
राज्यसभा में इस बिल पर प्रस्तावित सारे संशोधन भी गिर गए. लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े थे. इस विधेयक में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है.
राज्यसभा में वोटिंग से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में पहुँचे, इसके बाद वोटिंग की कार्यवाही पूरी की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बिल पर चर्चा के लिए 132 सदस्य खड़े हुए, जो कि ऐतिहासिक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन करने के लिए सभी सांसदों का अभिनंदन करते हुए आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महिला आरक्षण बिल पर जिस तरह से एकजुटता संसद में दिखी है, ये एक अप्रतिम उदाहरण की तरह याद रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि नारी शक्ति को सम्मान सिर्फ विधेयक पारित होने से नहीं मिल रहा, बल्कि सभी के मन में सकारात्मक सोच के होने से मिल रहा है। ये हमारे उज्जवल भविष्य की गारंटी बनने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में सभी सांसदों से सर्वसम्मति से मतदान की अपील की और सभी को हृदय से धन्यवाद दिया।
इस बिल पर सरकार की तरफ से जवाब देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोर्चा सँभाला। उन्होंने चुन-चुन कर कॉन्ग्रेस पर हमला बोला और अतीत में की गई कॉन्ग्रेस की गलतियों को भी गिनाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जनगणना के बाद परिसीमन होने के बाद ये कानून लागू होगा। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा सरकार को घेरा, उन्होंने कहा कि ये कानून 9 साल में कभी भी लाया जा सकता था।
हालाँकि, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष के सवालों के जवाब में कहा कि जनगणना जैसा महत्वपूर्ण कार्य संपन्न होने के बाद ही इस कानून को लागू किया जा सकता है। इसके लिए 2026 तक संवैधानिक बाध्यताओं को पार करने तक हमें रुकना होगा, तभी परिसीमन हो पाएगा।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा की सरकार प्रचंड बहुमत में है। आप ने एक झटके में तमाम चीजें कर दी। नोटबंदी कर दी। लेकिन महिला आरक्षण का मुद्दा लटकाए रखा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार रोटेशन में महिला आरक्षण अभी से दे सकती थी। उन्होंने कहा कि ओबीसी कैटिगिरी की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जा सकता था, इसके लिए संविधान में संसोधन कर प्रावधान लाया जा सकता था।
उन्होंने कहा कि तमाम असहमतियों के बावजूद मैं पूरी तरह से बिल का समर्थन करता हूँ। उन्होंने बैकवर्ड क्लास की महिलाओं को आरक्षण में शामिल न करने के लिए सरकार पर सवाल उठाया। उन्होंने सरकार से इस कानून को लागू करने के लिए तारीख भी पूछा।

 

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