बंगाल फिल्म इंडस्ट्री में अपनी कला से दर्शकों को प्रभावित करने वाली अभिनेत्री सुचंद्रा एक्स वानिया ने अभिनय के साथ-साथ निर्देशन और फिल्म निर्माण में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। उनकी खुद की वानिया ग्रुप ऑफ कंपनी है जिसके बैनर तले फिल्मों का निर्माण होता है। बतौर अभिनेत्री उन्होंने कई बंगाली फिल्मों, वेब सीरीज़ और शॉर्ट फिल्मों में काम किया है जिनमें डाइट (हॉटस्टार), पथ जदि ना सेश होय (क्लिक्क), बालुकाबेला.कॉम (ज़ी5), बोंकु बाबु (ज़ी5), जमाई बोरन, नॉट अ डर्टी फिल्म (क्लिक्क), चोतुष्कोण (प्राइम वीडियो), कंडीशन्स अप्लाई (प्राइम वीडियो), कोलकाताय कोलंबस (सोनी लिव), नीलाचले किरीटी, सूर्यो पृथिबीर चारिदिके घोरे और पूरब पश्चिम दक्षिण उत्तर आशबेई प्रमुख हैं।
निर्देशन में उन्होंने सबसे पहले अपने प्रोडक्शन की फिल्म पूरब पश्चिम दक्षिण उत्तर आशबेई का क्रिएटिव डायरेक्शन किया, जो एक बड़े बजट की बंगाली स्पिरिचुअल थ्रिलर फिल्म थी और बॉक्स ऑफिस पर सफल रही। इसके बाद उन्होंने सूर्पनखा आगोमोन (The Arrival of Shurpanakha) का निर्देशन किया। यह फिल्म 2022 में कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में चुनी गई और अलग-अलग कैटेगरी में 10 से भी अधिक पुरस्कार जीत चुकी है। 17 मिनट की इस शॉर्ट फिल्म में माता सीता और शूर्पणखा के संवाद और भावनाओं को दिखाया गया है। इसकी शूटिंग पुरुलिया और बांकुड़ा जिलों में हुई और इसमें छाऊ कलाकारों, आदिवासी और नए कलाकारों को अवसर दिया गया।
सुचंद्रा एक्स वानिया ने निर्देशन की पढ़ाई न्यूयॉर्क फिल्म अकेडमी से की है और सुजीत रॉय इंस्टीट्यूट से निर्देशन की बारीकियों को भी सीखा है। वर्तमान में वह बंगला प्रोजेक्ट्स के साथ-साथ दो हिंदी फिल्मों पर काम कर रही हैं। इनमें से एक का नाम द गरुणा है जो रहस्य, रोमांच, प्राचीन इतिहास, दंतकथाओं और मायथोलॉजी से जुड़ी संदेशात्मक कहानी है। इस फिल्म की शूटिंग अक्टूबर से शुरू होगी।
दक्षिण कोलकाता की पृष्ठभूमि से आने वाली सुचंद्रा को बचपन से ही कला और फिल्म निर्माण का वातावरण मिला। उनके पिता को फोटोग्राफी का शौक था और उनके आसपास फिल्म और स्क्रिप्ट पर चर्चाएँ होती थीं। बारहवीं कक्षा के दौरान उन्होंने एक शॉर्ट फिल्म में अभिनय किया और वहीं एक निर्देशक ने उन्हें देखा और अपनी फिल्म का हिस्सा बनाया जहाँ से उनके फिल्मी कैरियर की शुरुआत हुई। हालांकि वह पहले अभिनेत्री बनना चाहती थीं, लेकिन निर्देशन और फिल्म निर्माण की इच्छा हमेशा उनके मन में रही।
आज सुचंद्रा एक्स वानिया बतौर अभिनेत्री और निर्देशक कई पुरस्कारों से सम्मानित हैं। वह समाज सेवा में भी सक्रिय रहती हैं और गरीबों व ज़रूरतमंदों की सहायता करती हैं। उनका मानना है कि फिल्मों में मनोरंजन के साथ संस्कृति, इतिहास और परंपरा का समावेश होना चाहिए ताकि सिनेमा के माध्यम से लोगों को नई और वास्तविक जानकारियाँ मिलें।
सुचंद्रा एक्स वानिया कहने से ज़्यादा करने में विश्वास रखती हैं। उनका कहना है कि अभी तो सफर की शुरुआत है, मंज़िल तक पहुँचना बाकी है और वहाँ वे अपने स्वाभिमान और शर्तों के साथ पहुँचेंगी। फिलहाल वह अपने आने वाले प्रोजेक्ट्स में व्यस्त हैं।