(सुरेश पचौरी -विनायक फीचर्स)

मध्यप्रदेश राज्य की स्थापना का एक नवम्बर का दिन मध्यप्रदेशवासियों के लिए खास अहमियत रखता है । भारत का हृदय कहा जाने वाला मध्यप्रदेश 1 नवम्बर 1956 को अस्तित्व में आया, जिसका गठन तत्कालीन मध्यभारत,विंध्य प्रदेश, भोपाल रियासत तथा महाकौशल के कुछ हिस्से को एकीकृत कर किया गया था । प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर तथा झीलों की नगरी कहे जाने वाले भोपाल को प्रदेश की राजधानी बनाया गया । 44 वर्षों के बाद प्रदेश का विभाजन हुआ और जनता की मांग पर तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा नए राज्य म.प्र. का गठन किया गया । अतीत पर नजर डाली जाए तो मध्यप्रदेश ने अपने गठन और विभाजन के दौर में अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं लेकिन अब यह राज्य प्रगति के नये सोपान नाप रहा है। एक ओर जहां इस राज्य को देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विशेष वरदहस्त एवं मार्गदर्शन प्राप्त है, वहीं दूसरी ओर कर्मठ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कुशल नेतृत्व है। डबल इंजन की सरकार में मध्यप्रदेश तरक्की की ठोस बुनियाद पर खड़ा दिखाई दे रहा है।
मध्यप्रदेश राज्य की तस्वीर और तकदीर बदलने की दिशा में केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा जो कल्याणकारी कदम उठाये गये हैं, उनकी सार्थकता ज़मीनी स्तर पर साफ दिखाई देती है । प्रदेश की जनता की खुशहाली और समरस विकास के लिए तमाम जनहितैषी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जो इस बात की गवाह हैं कि मध्यप्रदेश आने वाले दिनों में सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहेगा । इस विकासोन्मुखी अभियान के पीछे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की वह दूरगामी सोच है, जिसमें समाज के अंतिम छोर में बैठे व्यक्ति को भी शासन की योजनाओं से लाभान्वित करने का संकल्प है। ख़ुद को प्रधान सेवक कहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अनेक बार अपनी इस भावना को अभिव्यक्त कर चुके हैं कि विकास के उजाले का लाभ चंद लोगों को नहीं, बल्कि हर देशवासी को मिलना चाहिए । मध्यप्रदेश के निवासियों के लिए यह खुशी की बात है कि हमारे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में उनकी पूरी टीम प्रदेशवासियों की सेवा करने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रख रही है । अब तो कई राज्य मध्यप्रदेश को माडल मानकर यहां की योजनाओं को अपने यहां लागू कर रहे हैं ।

अतीत के आईने में मध्यप्रदेश के इतिहास, भूगोल और संस्कृति पर दृष्टिपात करें तो यह राज्य अनेक विविधताओं को अपने में समेटे हुए है । प्रचुर वन संपदा, अथाह जल वाली नदियां, विपुल खनिज भंडार, खूबसूरत पर्यटन स्थल, पुरातात्विक धरोहर आदि सब कुछ इस प्रदेश में उपलब्ध है । धार्मिक नगरी उज्जैन में भगवान महाकाल का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है, तो ओरछा में राम राजा विराजमान हैं । मध्यप्रदेश अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए भी जाना जाता है। नर्मदा, सोन, चंबल, बेतवा, केन, ताप्ती, पेंच, पार्वती, बेनगंगा, रेवा तथा माही आदि नदियों के उद्गम स्थल यहीं पर हैं । ये नदियां प्रदेश की चारों दिशाओं में प्रवाहित होती हैं । नर्मदा को तो मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी माना जाता है । प्रदेश के एक तिहाई भूभाग के निवासियों को नर्मदा आर्थिक रूप से संपन्न बनाती है । नर्मदा नदी पर निर्मित सरदार सरोवर, इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर परियोजनाओं से प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि के द्वार खुल गये हैं । भारतीय जनता पार्टी की सरकार के शासन काल में नर्मदा को क्षिप्रा से जोड़ा जा चुका है ।

केन्द्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अव्वल

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दिशा-निर्देशन में मध्यप्रदेश तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। केन्द्र सरकार की प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन और उनका लाभ पात्र हितग्राहियों को दिलाने में म.प्र. देश में लगातार अग्रणी बना हुआ है । पीएम स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, पीएम आवास योजना, कृषि अवसंरचना निधि, प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना, पीएम स्वामित्व योजना, नशामुक्त भारत अभियान, आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, राष्ट्रीय आजीविका मिशन और स्वच्छ भारत मिशन आदि योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में सबसे अग्रणी है ।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में मध्यप्रदेश में 8 लाख 50 हजार से ज्यादा आवास बनाए जा चुके हैं । प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में प्रदेश में लगभग 38 लाख आवासों का निर्माण किया जा चुका है । प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत म.प्र. में 89,612 किलोमीटर लंबी सड़कें बन चुकी हैं । किसान क्रेडिट कार्ड योजना में 65.83 लाख से अधिक किसानों के क्रेडिट कार्ड तैयार हो गए हैं । अटल पेंशन योजना में 498,111 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है । पीएम स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन में म.प्र. देश में पहले नम्बर पर है ।
यह एक सुखद पक्ष है कि मध्यप्रदेश सरकार की दूरगामी सोच के चलते कृषि क्षेत्र में उन्नति, औद्योगिक विकास, आईटी एवं पर्यटन में बढ़ते सेवा-क्षेत्रों से राज्य के आर्थिक विकास को मजबूती मिल रही है । वित्तीय वर्ष 2024 -2025 में प्रदेश में प्रति व्यक्ति की आय 1 लाख 52 हजार 615 रुपए हो गयी है । म.प्र. की कृषि विकास दर देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक है । म.प्र. गेहूं निर्यात के मामले में देश में नम्बर एक पर है । इसी प्रकार 2024-2025 में प्रदेश में 225.75 लाख टन दूध का उत्पादन हुआ,जिससे मध्यप्रदेश देश में दुग्ध उत्पादन में तीसरे नम्बर पर है । यशस्वी प्रधानमंत्री द्वारा मुख्य मंत्री किसान योजना के तहत प्रदेश के 83 लाख से अधिक किसानों के खाते में 17,500 करोड़ रुपए की सहायता राशि का अंतरण किया गया ।
मध्यप्रदेश में बिजली की बात की जाए तो विद्युत उत्पादन की स्थापित क्षमता 23,000 मेगावाट है, जिसमें 17125 मेगावाट बिजली पारंपरिक स्रोत से तथा 5,875 मेगावाट नवकरणीय ऊर्जा स्रोत से उत्पादित हो रही है । प्रदेश में कृषि और उद्योगों को जरूरत के हिसाब से पर्याप्त बिजली मिल रही है । मध्यप्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार विस्तार कर रही है । प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में 4.26 करोड़ हितग्रहियों को डिजिटल आयुष्मान कार्ड जारी किये जा चुके हैं । आयुष्मान भारत योजना में सरकार प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपए तक अस्पताल में भर्ती व्यय प्रदान करती है। आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में म.प्र. देश का प्रथम राज्य बन चुका है ।

म.प्र. में बेटी बोझ नहीं, वरदान

मध्यप्रदेश में बेटी अब बोझ न होकर वरदान बन गयी है । प्रदेश की महिलाओं के कल्याणार्थ राज्य सरकार द्वारा तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं । लाड़ली बहना, लाड़ली लक्ष्मी, कन्यादान योजनाओं द्वारा महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम है । इन लाभकारी योजनाओं का अनुसरण देश के कई राज्यों ने किया है । इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से महिलाओं के स्वास्थ्य व पोषण स्तर में सुधार आया है । म.प्र में लाड़ली बहना योजना के तहत 1.27 करोड़ महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपए दिये जा रहे हैं।
म.प्र. में महिला सशक्तिकरण का नया अध्‍याय मुख्‍यमंत्री के नेतृत्‍व में लिखा जा रहा है । प्रदेश सरकार की अनेक योजनायें महिलाओं के उत्‍थान में सहायक हो रही हैं । मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से प्रदेश में सामूहिक विवाह प्रथा आरंभ हुई है । इस योजना में प्रदेश सरकार नवविवाहितों को आर्थिक सहायता देती है । ‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत बेटियों को हायर सेकण्डरी तक निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान है ।

अपार संभावनाएं हैं मध्यप्रदेश में

मध्यप्रदेश में जिस तेजी के साथ तरक्की की रफ्तार बढ़ रही है और आम आदमी को सरकारी योजनाओं का भरपूर फायदा मिल रहा है, उसके मद्देनजर यह कहा जा सकता है कि म.प्र. अपार संभावनाओं वाला प्रदेश बन रहा है । इसमें समृद्ध राज्य बनने की क्षमता तथा संसाधन दोनों मौजूद हैं। प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर हम सबको मध्यप्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लेने की जरूरत है । मध्यप्रदेश के निवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का मध्यप्रदेश से आत्मीय लगाव है । उनका जब भी मध्यप्रदेश आगमन होता है तो वे प्रदेश को कोई न कोई बड़ी सौगात देकर ही जाते हैं । उम्मीद की जानी चाहिए कि यशस्वी प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश विकास की तीव्र उड़ान भरेगा । मध्यप्रदेश की विकास यात्रा में हमें यथासामर्थ्य अपनी जिम्मेदारी निभाने की आवश्यकता है । यह आत्मबोध हमारे सुनहरे भविष्य का पर्याय बनेगा । मध्यप्रदेश के 70वें स्‍थापना दिवस के सुअवसर पर प्रदेशवासियों की खुशहाली व सुख-समृद्धि के लिए मेरी हार्दिक मंगलकामनायें ।

(विनायक फीचर्स) (लेखक भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केन्द्रीय मंत्री हैं)

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