प्रदेश सरकार ने गौ वंश के संरक्षण संवर्धन हेतु गौ सेवा धाम संचालित कर घुमंतू और निराश्रित गौ वंश को रखने की योजना बनाई है सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग का विस्तार करते हुए प्रत्येक जिले में तथा विकासखंड स्तर पर  गौ सेवा समिति में प्रतिनिधि नियुक्त किए हैं जिला स्तर समिति में माननीय कलेक्टर नगर निगम आयुक्त जिला पंचायत सीईओ एसडीएम सदस्य बनाए गए हैं ताकि गौ वंश के संरक्षण हेतु समिति सक्षम रहे।

इसी कड़ी में शिकायत प्राप्त होने पर जिला अध्यक्ष श्री विनय सिंह जी अपने सदस्यों सहित नगर निगम के पशु आश्रय स्थल के औचक निरीक्षण में गए जहां अव्यवस्था और विसंगति देखकर खासे नाराज हुए और भड़के।गोकुल नगर स्थित आश्रय स्थल में  लगभग 150 से अधिक गौ वंश को रखा गया है चारा पानी के नाम पर महज खाना पूर्ति की जा रही है एक दिन में लगभग एक गौ वंश को एक किलो से भी कम औसत में चारा दिया जा रहा इतने गौ वंश के चारा पानी और अन्य व्यवस्था हेतु मात्र एक वर्कर मौके पर कार्यरत मिला दो तीन गौ वंश मरणासन्न अवस्था में पड़े थे जिनके देखभाल हेतु कोई पहल नजर नही आया।

संचालन कर्ता से फोन पर बात करने से गोलमोल जवाब दिया गया इन सब पर समिति सदस्य भी खासे नाराज हुए पशु क्रूरता अधिनियम का यहां खुला उलंघन नजर आ रहा था।आश्रय स्थल आने जाने वाले पशुओं हेतु रजिस्टर संधारण भी व्यवस्थित नही पाया गया। समिति अध्यक्ष और सदस्यों द्वारा निगम आयुक्त और महापौर से मिलकर इस विसंगति को दूर करने की बात कही गई।

बताया जा रहा है कि इससे पहले यहां कई मवेशियों की मौत हो चुकी है। मामला संज्ञान में आने के बाद मवेशियों का पशु चिकित्सा के द्वारा जांच भी किया गया लेकिन उसके बावजूद भी अभी भी व्यवस्था बरकरार है और मवेशी कई तड़प रहे हैं और कई मरने की स्थिति है।कहीं ना कहीं संबंधित विभाग और संबंधित अधिकारी की एक बड़ी लापरवाही है जिसके चलते यह स्थिति निर्मित हुई है। गोकुल नगर स्थित गौठान में 48 गाय,28 बैल,49 बछिया,77 बछवा है समिति ने सभी का प्रतिवेदन तैयार कर इसकी शिकायत करने की बात कही गई।

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