कुछ वर्षों में हाइवे आवागमन से अधिक अपहरण और बलात्कार व हत्या का अड्डा बन गया है। आये दिन दुर्घटनाओं से जान माल की जितनी क्षति होती है उससे अधिक अपहरण और फिर बलात्कार की घटनाएं होने लगी हैं। नवविवाहिताओं के साथ ऐसी घटनाएं बड़ी संख्या में बढ़ी है। नवविवाहिताओं का अपहरण कर उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म कर मरणासन्न अवस्था में फेंक देना आम बात हो गई है। स्त्री के पति / प्रेमी को मार देना या ज़ख्मी कर देना भी इसका ही अंग है। लेखक निर्माता रतन विश्वकर्मा वंश के अनुसार, यह आंतरिक सुरक्षा का विषय है और इसकी रोकथाम सरकार की जिम्मेदारी बनती है। वंश ने अपनी शॉर्ट फिल्म “आवागमन” में यही विषय उठाया है। पटकथा की पृष्ठभूमि राजस्थान का मारवाड़ क्षेत्र है।
“आवागमन” लघु चित्र को आगे फीचर फिल्म के रूप में भी बनाने की योजना है। इस शॉर्ट फिल्म के लेखक निर्माता और मुख्य अभिनेता रतन विश्वकर्मा वंश हैं और उनकी नायिका हैं प्रिया चतुर्वेदी। सहयोगी कलाकार हैं – रमजान डायर, मनीष नाहर, यश सोलंकी, गणेश कुमावत, दिनेश पुरी, जयेश वैष्णव, थिया, वीरेन्द्र आदि। जमना कुमारी द्वारा प्रस्तुत और अरावली फिल्म्स के बैनर तले बनी इस शॉर्ट फिल्म के निर्देशक हैं राकेश प्रभु राठौड़। नृत्य निर्देशक (कोरियोग्राफर ) प्रवीण बारिया और छायाकार (कैमरामैन) राकेश जायसवाल हैं। सह निर्माता अजय सागर व सह निर्देशक भरत कांकरिया और मीडिया कंसल्टेंट अब्दुल क़दीर हैं। “आवागमन” के बाद रतन विश्वकर्मा वंश द्वारा लिखित दूसरी फिल्म का शीर्षक है आज़ाद दोस्तियां।
अब्दुल क़दीर

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