चित्रकूट धाम के निकट स्थित बगदरा घाटी में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला द्वारा प्रस्तावित गौ अभयारण्य का प्रस्ताव गौ-संवर्धन बोर्ड ने बैरंग लौटा दिया है। 2 मई को प्रस्ताव वापस करते हुए प्रबंध संचालक मप्र गौ संवर्धन बोर्ड ने लिखा है कि मझगवां विकासखंड के बगदरा घाटी क्षेत्र में वनों एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण तथा संवर्धन के लिए फेंसिंग एवं भू-जल संरक्षण कार्य का परियोजना प्रतिवेदन गौ-संवर्धन बोर्ड को प्राप्त हुआ है। मप्र गौ संर्वधन बोर्ड गौवंश के संरक्षण एवं संवर्धन को के मकसद से निराश्रित गौवंश के व्यवस्थापन के लिए अनुदान प्रदान करता है। यह प्रस्ताव वन तथा वन्य प्राणियों के संरक्षण व संवर्धन से संबंधित है। लिहाजा, यह प्रस्ताव मूलत: वापस कर संबंधित कार्यपालिक विभाग को प्रेषित किया जाए।
159 लाख का तैयार किया प्रस्तावदरअसल, उप मुख्यमंत्री ने अपने दौरे के दौरान काऊ सफारी के लिए वन विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे। संबंधित वन विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने मिल कर इसका प्रस्ताव तैयार किया। वन विभाग ने अपनी विभागीय सीमाओं के अनुसार वनों एवं वन्यप्राणी संरक्षण के लिए फेंसिंग एवं भू-जल संरक्षण की कार्ययोजना तैयार की। उसमें 112 लाख रुपए की कार्ययोजना फेंसिंग और लेंटाना कटाई की, 25.70 लाख रुपए में तालाब निर्माण और 21.50 लाख रुपए का मिसलेनियस वर्क का प्रस्ताव शामिल किया गया। अगर इस प्रस्ताव को देखा जाए तो इसमें गायों के संरक्षण का प्लान शामिल ही नहीं था। लिहाजा गौ-संवर्धन का मामला नहीं बनता था। यह बात और रही कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने इस पर कोई गौर नहीं किया और खानापूर्ति के लिए 159.20 लाख रुपए का प्रस्ताव तैयार कर भेज दिया था।
अब पर्यावरण विभाग को भेजेंगे
इस मामले में जब उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ प्रमोद शर्मा ने कहा कि इस प्रस्ताव को अब स्वीकृति के लिए पर्यावरण विभाग को भेजा जाएगा। हालांकि सवाल अभी भी है कि क्या पर्यावरण विभाग इस कार्य के लिए फंडिंग करता है? इसका स्पष्ट जवाब उप संचालक पशुपालन के पास नहीं था।