मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बालाघाट में कांग्रेस पर गौ-मांस कर और गौ-हत्या के मुद्दे पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का गौमाता से कोई लेना-देना नहीं है उनकी सरकार ने गौ-हत्या पर सख्त प्रतिबंध लगाए हुए है। उन्होंने कांग्रेस पर साधु-संतों पर गोलियां चलवाने का भी आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने गौशाला योजना का उल्लेख करते हुए गौ-पालकों को प्रति गाय 40 रुपये देने की बात कही।

भोपाल/बालाघाट। कांग्रेस ने गौ-मांस के टैक्स को लेकर मध्यप्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस आरोप पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जबरदस्त पलटवार किया है। उन्होंने 24 सितंबर को बालाघाट के कटंगी में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि हमारी मान्यता है गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। हम गौ-हत्या की सोच भी नहीं सकते।

कांग्रेसियों का गौमाता से कोई लेना देना नहीं। वह तो गौमाता के हत्यारों की रिश्तेदार है। उसने ही दशकों पहले करपात्री महाराज और साधु संतों पर गोलियों तक चलवाईं। कांग्रेस ने अपना गाय-बछड़े का चुनाव चिन्ह बदलकर पंजा कर दिया। कांग्रेस के इस पाप को जनता कभी माफ नहीं करेगी।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज बालाघाट के कटंगी पहुंचे। उन्होंने यहां किसानों को बोनस की राशि दी। इसी दौरान उन्होंने मंच से कहा कि जब हमने लाड़ली बहनों को एक हजार रुपये देने शुरू किए तो कांग्रेसियों ने कहा कि पैसा नहीं है, यह केवल चुनाव की बात है, बाद में कुछ नहीं होगा।

लेकिन, हम सबने देखा कि बहनों को चुनाव के पहले एक हजार, पिछले साल 1250, रक्षाबंधन पर 250 रुपये अलग से दिए। नालायक कांग्रेसी कहते हैं कि बहनों को पैसे दो तो शराब पी जाती हैं। सीएम डॉ. मोहन ने बहनों से कहा कि कोई कांग्रेसी गली-मोहल्ले आए तो उनका हिसाब चुकता करना। अपने इन्हीं कर्मों की वजह से कांग्रेस 20 साल से सत्ता से बाहर है।

कांग्रेसी पहले लाड़ली बहनों को गाली दे रहे थे, अब नई कहानी शुरू की है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में गौ-मांस को टैक्स फ्री कर दिया। अब कोई इन मूर्खों से पूछे कि 2004 के पहले तुम्हारी सरकार थी। उस वक्त जो तुमने किया तो उसका हिसाब लेंगे। हमारे यहां कोई भी गौ-हत्या संभव नहीं है।

गौवंश को लेकर प्रदेश में सख्त कानून
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने गौ-हत्या पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। हम गौ-माता के प्रति ऐसी बात तो सोच भी नहीं सकते। कोई गौ-माता को काटने की तो छोड़ो, अगर उसको परेशान भी करेगा तो हमारी सरकार उसे उठाकर जेल में डाल देती है। हमने कानून बनाया है। हमने कई ट्रक और गाड़ियां जब्त की हैं, जिनमें भरकर गौवंश की तस्करी की जा रही थी। हम जब गौ-हत्यारों को पकड़ने जाते हैं तो कांग्रेसी हाय रे-हाय रे चिल्लाने लगते हैं।

कांग्रेस को गौमाता से कोई लेना-देना नहीं। इनकी गौ-हत्यारों से रिश्तेदारी है। कांग्रेसी किसी के नहीं हो सकते। भगवान राम के मामले में भी कांग्रेस ने शपथ पत्र दिया था कि कहां राम, किसने देखे, कहां पैदा हुए, राम का कोई अस्तित्व नहीं है, वो तो काल्पनिक है। लेकिन, जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से राम मंदिर बना तो कांग्रेसी कहने लगे ही राम हमारे भी हैं। राम मंदिर को लेकर सारे अड़ंगे कांग्रेस ने ही लगाए।

अपने पाप देखे कांग्रेस
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरकार ने गौशाला के लिए योजना बनाई है। गौ-पालकों को प्रति गाय 40 रुपये प्रदान किए जा रहे हैं। कांग्रेस से पूछो कि उसका इतिहास क्या है। 1960-65 के आसपास करपात्री महाराज साधु संतों को लेकर नई दिल्ली आए थे। उन्होंने सरकार से कहा था कि गौ-माता की हत्या बंद करो और सबको साथ लेकर चलो।

लेकिन, कांग्रेसियों ने निहत्थे साधु-संतों पर गोलियां चलवाकर उनकी हत्या का पाप किया। देश इस पाप के लिए कभी कांग्रेस को क्षमा नहीं करेगा। करपात्री महाराज ने अंशन करते-करते शरीर छोड़ दिया। महात्मा गांधी के समय कांग्रेस ने अपना चुनाव चिन्ह गाय-बछड़ा रखा। इसके बाद इन्हें गाय-बछड़े से नफरत हो गई और उन्होंने अपना चुनाव चिन्ह हाथ रख लिया।

गाय माता कांग्रेसियों को पसंद नहीं और सर्टिफिकेट हमसे ले रहे हैं। कांग्रेस अपने अंदर के पाप देखे। ये पाप उसको खा जाएंगे। हमारी सरकार में जो 25 गाय पालेगा और 40 लाख निवेश करेगा तो हम उसको दस लाख का अनुदान देंगे। हमारी सरकार गौ-माता को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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