बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बेलतरा और सुकलकारी क्षेत्र में लगातार हो रही गायों की मौतों के मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है। न्यायालय ने इसे जनहित याचिका (PIL) के रूप में दर्ज करते हुए राज्य प्रशासन और पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने आदेश में कहा कि समाचारों में वर्णित स्थिति “प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर उदाहरण” है और इसे तत्काल राज्य प्रशासन के संज्ञान में लाना आवश्यक है। न्यायालय ने यह भी कहा कि जब राज्य सरकार गौ संरक्षण की योजनाएं चला रही है, ऐसी परिस्थितियों में गायों की लगातार मौत मानवीय संवेदनाओं पर प्रहार है। अदालत ने पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिया कि वे व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दाखिल करें, जिसमें गायों की मौत के कारणों, घटनाओं के स्थलों और उठाए गए कदमों का विस्तृत ब्यौरा हो।
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि केवल संक्षिप्त रिपोर्ट या मीडिया रिपोर्ट पर ही मामला नहीं छोड़ा जाएगा, बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों को स्पष्ट और संपूर्ण विवरण प्रस्तुत करना होगा। अदालत ने आगामी सुनवाई की तारीख 27 अक्टूबर 2025 तय की है। इस दौरान न्यायालय राज्य प्रशासन और संबंधित विभाग से संपूर्ण जानकारी मांगकर यह सुनिश्चित करेगा कि गायों की मौत के पीछे के कारणों की जांच हो और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएँ। यह मामला केवल पशु संरक्षण का नहीं बल्कि सार्वजनिक हित और प्रशासनिक जवाबदेही का भी है। कोर्ट का स्वतः संज्ञान लेना यह संकेत देता है कि राज्य में गौ संरक्षण और पशुपालन संबंधित मामलों में प्रभावी निगरानी की आवश्यकता है। हाईकोर्ट की इस कार्रवाई से राज्य प्रशासन पर भी दबाव बढ़ गया है कि वह गायों की मौत के कारणों की तत्काल और पारदर्शी जांच कराए। अदालत ने यह भी संकेत दिया कि यदि आवश्यक हुआ, तो सख्त निर्देश और सुधारात्मक कदम उठाए जा सकते हैं।





