कोविड लॉकडाउन अवधि को छोड़कर पिछले आठ वर्षों में जनवरी–नवंबर के लिए सबसे कम औसत एक्यूआई दर्ज किया गया; 2025 में केवल तीन दिन ऐसे रहे जिनमें दैनिक औसत एक्यूआई 400 से अधिक था

दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की समग्र वायु गुणवत्ता में सुधार का रुख जारी है और वर्तमान वर्ष के दौरान जनवरी से नवंबर के बीच की अवधि में दिल्ली में आठ वर्षों के दौरान यानी 2018 से 2025 तक (2020 को छोड़कर – कोविड के कारण लॉकडाउन का वर्ष) जनवरी से नवंबर के बीच की अवधि के लिए अपना अब तक का सबसे कम औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दर्ज किया है।

वर्तमान वर्ष के दौरान जनवरी-नवंबर की अवधि के लिए दिल्ली का औसत एक्यूआई 187 दर्ज किया गया है, जबकि इसी अवधि के दौरान 2024 में यह 201, 2023 में 190, 2022 में 199, 2021 में 197, 2020 में 172, 2019 में 203 और 2018 में 213 था।

जनवरी से नवंबर, 2025 के दौरान सिर्फ तीन दिन ऐसे रहे जब रोज का औसत एक्यूआई 400 से अधिक (‘गंभीर से अत्यधिक गंभीर’ की श्रेणी में) था। 2024 में ऐसे 11 दिन, 2023 में 12 दिन, 2022 में चार दिन, 2021 में 17 दिन, 2020 में 11 दिन, 2019 में 16 दिन और 2018 में ऐसे 12 दिन थे।

इसके अलावा, इस साल अब तक किसी भी दिन दैनिक औसत एक्यूआई 450 से अधिक (‘अत्यंत गंभीर श्रेणी में’) दर्ज नहीं किया गया। 2024 में ऐसे दो दिन (एक्यूआई 450 से अधिक), 2023 में दो दिन, 2022 में शून्य दिन, 2021 में तीन दिन, 2020 में दो दिन, 2019 में पांच दिन और 2018 में शून्य दिन ऐसे थे जब एक्यूआई 450 से अधिक था।

जनवरी से नवंबर (27 नवंबर तक) की अवधि में दिल्ली में पीएम 2.5 सांद्रता का स्तर 2018 के बाद से अब तक की समान अवधि की तुलना में सबसे कम रहा है, जो 2020 (कोविड लॉकडाउन का वर्ष) के बराबर है। दिल्ली में वर्तमान वर्ष में पीएम2.5 का औसत 85 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर देखा गया है, जबकि 2024 में यह 98, 2023 में 90, 2022 में 90, 2021 में 95, 2020 में 85, 2019 में 99 और 2018 में 103 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।

इसी तरह, जनवरी-नवंबर (27 नवंबर तक) की अवधि में भी दिल्ली में पीएम10 सांद्रता का स्तर 2018 के बाद से (2020 को छोड़कर – कोविड के कारण लॉकडाउन का वर्ष) इसी अवधि की तुलना में सबसे कम देखा गया। दिल्ली में इस साल पीएम10 सांद्रता का स्तर औसतन 183 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया है, जबकि 2024 में यह 205, 2023 में 193, 2022 में 202, 2021 में 200, 2020 में 167, 2019 में 210 और 2018 में 228 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और इसमें कमी लाने के उद्देश्य से प्रभावी कदम उठाने तथा दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की स्थिति को और बेहतर बनाने के प्रयासों को और अधिक तेज किया जाएगा।

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