संजय बलोदी प्रखर
सनातन धर्म पर दिए गये बेहद अपमानजनक बयान पर भाजपा नेता व सनातनियों का आक्रोश फूट पड़ा है..! तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के पुत्र व तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन विरोधी बयान के बाद तमिलनाडु से लेकर दिल्ली सहित संपूर्ण भारत में I.N.D.I.A विपक्षी दलों के घटकों को लेकर बेहद नाराजगी है।
उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सनातन पर दिए बयान को लेकर बेहद नाराजगी व क्रोध प्रकट किया है मुख्यमंत्री ने इसे घटिया मानसिकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि उदयनिधि का इस प्रकार का निक्रिष्ट बयान न सिर्फ निंदनीय है बल्कि नवनिर्मित I.N.D.I.A घमंडिया गठबंधन की असली मानसिकता को भी उजागर करता है …,आने वाले 2024 व वर्तमान में उत्तराखंड के बागेश्वर सहित विभिन्न स्थानों में हो रहे उपचुनाव में देश की जागरूक जनता इन्हें अवश्य सबक सिखाएगी।
विदित हो 2 दिन पूर्व उदयनिधि स्टालिन ने एक सनातन उन्मूलन सभा में सनातन व सनातनियों पर बेहद अपमानजनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि जिस तरह हम डेंगू, मलेरिया या कोरोना वायरस का विरोध नहीं करते उनको समाप्त करना ही ठीक होता है..! ठीक उसी प्रकार हमें सनातन धर्म को भी मिटाना है, सिर्फ विरोध तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए।
आश्चर्य कहे या विडंबना जब भाजपा व सनातनियों ने कांग्रेस से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा तो इसे उदयनिधि का आसानी से निजी बयान बता दिया गया …,किंतु वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पुत्र प्रियांक खड़गे ने डीएमके नेता उदयानिधि का समर्थन करते हुए कहा कि कोई भी धर्म जो बराबरी का अधिकार नहीं देता वह बीमारी के समतुल्य है,,!

यह वही प्रियांक खड़गे हैं जिन्होंने कुछ माह पहले कर्नाटक में ईद के पूर्व संध्या पर कहा था यदि कोई बकरीद के दौरान गायों की सुरक्षा या निगरानी करने आता है तो उसे लात मारो और जेल में डाल दो …! यह वक्तब्य स्पष्ट करता है कि कांग्रेस का गुप्त एजेंडा हिंदू और सनातनी विरोधी है।
I.N.D.I.A गठबंधन के घटक दल डीएमके के नेता उदयनिधि ने यह बयान किसी राजनीतिक समीकरण के तहत दिया या फिर कोई प्रयोग था, किंतु यह घमंडिया के विपक्षी गठबंधन के नेताओं को स्पष्ट करना होगा कि लगातार सनातन व सनातनी परंपरा पर यह प्रहार क्यों..? यदि दक्षिण में करुणानिधि कुनबे की यह राजनितिक मजबूरी मान भी ली जाए तो फिर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के स्वामी प्रसाद मौर्य का रामचरितमानस के संबंध में दिया गया आपत्तिजनक बयान…. व हाल ही में बिहार में नीतीश- तेजस्वी यादव सरकार द्वारा हिंदू त्योहारों की छुट्टियां निरस्त करना भी कौन सा सेकुलरिज्म है?
हमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए पूर्व में भी कांग्रेस व कांग्रेसी नेताओं ने इसी प्रकार के बयानों की झड़ी लगा दी थी..!
—जयराम रमेश का शौचालय को देवालयों ( मंदिरों) से अधिक स्वच्छ बताना…..! राहुल गांधी द्वारा मंदिरों में जाने वाले लड़कियों को छेड़ते हैं जैसे बयान देना ..!.मणिशंकर अय्यर द्वारा भगवान् राम की पैदाइश पर प्रश्नचिन्ह लगाना …!राम मंदिर निर्माण..व रामसेतु का विरोध करना ….!इसके अतिरिक्त शशि थरूर का कुंभ में नहाने वाले नंगे होते हैं .. जैसे वक्तव्य देना किस बात का द्योतक है ….? वहीं दिसंबर 2022 में कांग्रेस के सलमान खुर्शीद द्वारा राहुल गांधी की तुलना श्रीराम से करने वाला सलमान खुर्शीद क्या एम. के स्टालिन पुत्र के वक्तव्य से इत्तेफाक रखता है ..? उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए..! यह संदेह या राजनीतिक अनुमान नहीं बल्कि सत्य है कि कांग्रेस ,भारत की आत्मा सनातनी परंपरा को नष्ट करने के लिए सेकुलरिज्म की आढ़ में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कार्य कर रही है…!
उदयनिधि स्टालिन को स्पष्ट करना चाहिए कि यदि वे सनातनी को नहीं मानते तो उन्हें किसी भी अन्य मजहब को अंगीकार करने की स्वतंत्रता है ..!यदि वे कायर व बहुसंख्यक समाज विरोधी नहीं है तो प्रियांक खड़गे सहित गैर सनातनियों के विरोध में अनर्गल बयान देने की हिम्मत करें..! आखिर उन्हें सनातन का अपमान करने की छूट किसने दी..?

यह सिर्फ कांग्रेस -DMK घमंडिया गठबंधन नहीं बल्कि राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, जनता दल सहित कई अन्य दलों के नेताओं द्वारा भी समय-समय पर अपना हिंदू व सनातनी विरोधी चेहरा या मानसिकता का परिचय दिया गया है, जो भविष्य में भारत व भारत वासियों के लिए खतरनाक तथा अत्यंत चिंतनीय है।
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