लियर. मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी और आदर्श बताई जाने वाली लाल टिपारा गौशाला एक बार फिर सवालों के घेरे में है. यहां एक साथ 15 गोवंशों की मौत से हड़कंप मच गया है. घटना के बाद गौशाला प्रबंधन, नगर निगम और पशुपालन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. जिस गौशाला पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च होने का दावा किया जाता है, वहां गोवंश की ऐसी हालत सामने आना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है. पशु प्रेमी संगठनों ने सख्त जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उनका कहना है कि इस मामले में सरकार को गौशाला हादसे की जांच करानी चाहिए.
जानकारी के अनुसार लाल टिपारा गौशाला में बड़ी संख्या में गोवंश के बीमार होने और मौतों के वीडियो सामने आने के बाद मामला तूल पकड़ गया. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कई गायों के शव एक-दूसरे पर पड़े नजर आए. आरोप है कि मौतों को छिपाने की कोशिश की गई. प्रशासन ने मामले को गंभीर मानते हुए जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन अब तक मौत के स्पष्ट कारण सार्वजनिक नहीं किए गए हैं.
आदर्श गौशाला में मौतों से हड़कंप
ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला को प्रदेश की सबसे बड़ी और आदर्श गौशाला के रूप में प्रचारित किया जाता रहा है. यहां 10 हजार से अधिक गोवंश रखे गए हैं. इसके बावजूद हालात ऐसे बने कि एक दर्जन से ज्यादा गायों की मौत हो गई. मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक कई गायें पहले से बीमार थीं और समय पर इलाज नहीं मिला. कुछ गायों की हालत इतनी खराब थी कि वे चलने तक की स्थिति में नहीं थीं.
ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला को प्रदेश की सबसे बड़ी और आदर्श गौशाला के रूप में प्रचारित किया जाता रहा है. यहां 10 हजार से अधिक गोवंश रखे गए हैं. इसके बावजूद हालात ऐसे बने कि एक दर्जन से ज्यादा गायों की मौत हो गई. मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक कई गायें पहले से बीमार थीं और समय पर इलाज नहीं मिला. कुछ गायों की हालत इतनी खराब थी कि वे चलने तक की स्थिति में नहीं थीं.








