MP News: मध्य प्रदेश के रायसेन के चिकलोद गांव में गौवंश अभ्यारण्य विकसित किया जा रहा है. बेसहारा गौवंशों की बढ़ती संख्या को देखते राज्य सरकार ने अभ्यारण्य बनाने का फैसला लिया है. इसे बनाने के लिए प्रक्रिया तेज कर दी गई. यहां गौवंशों को रखने के साथ-साथ चिकित्सालय और क्वारंटीन करने समेत कई व्यवस्था होगी.

320 एकड़ में होगा विकसित
गौ अभ्यारण्य को 320 एकड़ में विकसित किया जाएगा. इसके लिए 15 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत कर दी गई और टेंडर भी जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही पशुपालन विभाग ने ग्रामीण अभियांत्रकी सेवा को निर्देश दिया है कि एक साल के भीतर काम पूरा कर लिया जाए.

पशुपालन विभाग में डिप्टी डायरेक्टर डॉ. आरके शुक्ला ने बताया कि चिकलोद में अभ्यारण्य के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है. निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही पठारी परियोजना को तेज गति पूरा किया जा रहा है. इसके बनने के बाद सड़क पर अवारा और बेसहारा गौवंशों को यहां रखा जाएगा.

6 हजार गौवंश रखने की व्यवस्था
चिकलोद अभ्यारण्य में 6 हजार गौवंशों को रखने की व्यवस्था होगी. यहां इनका हर तरीके से ध्यान रखा जाएगा. आधुनिक शेड, पानी की समुचित व्यवस्था, चारा भंडारण केंद्र, अस्पताल, क्वारंटीन जोन और सुरक्षा परिधि को विकसित किया जाएगा.

आगर-मालवा और रीवा में भी अभ्यारण्य
मध्य प्रदेश का पहला गौ अभ्यारण्य आगरा-मालवा जिले के सुसनेर में स्थापित किया गया. कामधेनु गौ अभ्यारण्य को साल 2023 से संचालित किया जा रहा है. इसके साथ ही रीवा में बसामन मामा में गौ अभ्यारण्य स्थापित किया गया है.

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