पंजाब के रहने वाले सिकंदर के सिर पर कभी लाखों रुपये का कर्ज था। ऐसे में हताश-परेशान सिकंदर कोई नई नौकरी की तलाश में डूबे हुए थे। तभी उन्हें गौ पालन का आइडिया आया। इसके बाद सिकंदर गौ पालन का बिजनेस शुरू कर दिया है। गौ पालन के बिजनेस से सिकंदर की ऐसी किस्मत पलटी की आज वो करोड़पति बन गए हैं। सिकंदर गिनती पंजाब के सफल डेयरी उद्यमियों में गिनती होती है।

न्यूज 18 में छपी खबर के मुताबिक, 43 वर्षीय सिकंदर सिंह स्वैचके पास 215 गायों का विशाल डेयरी फार्म है। यह फार्म उन्‍होंने चासवाल गांव में बनाया है। हर दिन उनके फार्म में 3,000 लीटर दूध का उत्‍पादन होता है। इतना ही नहीं हर साल वे कम से कम 25 गायें भी बेचते हैं, जिनकी औसत कीमत 80 हजार रुपये प्रति गाय होती है। सिकंदर का डेयरी फार्म आज लगभग पूरी तरह ऑटोमेटेड है। इसी वजह से 215 गायों की देखभाल और उत्पादन प्रक्रिया के लिए सिर्फ 10 लोग काम करते हैं।

साल 2000 में शुरू किया गौ पालन का बिजनेस

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिकंदर का पशुओं से पहले से ही लगाव था। हालांकि उनके घर में ऐसा कोई माहौल नहीं था। 12वीं पास करने के बाद सिकंदर ने 1999 में मिल्कफेड से डेयरी की ट्रेनिंग पूरी की। इसके अगले साल पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PAU) से आधुनिक डेयरी तकनीक सीखी। इससे उन्‍हें डेयरी फार्मिंग के बिजनेस की क्षमता का अहसास हुआ। फिर सिकंदर ने साल 2000 में 6 लाख रुपये लोन लेकर गौ पालन का बिजनेस शुरू किया। शुरुआती दौर में सिकंदर को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। धीधे-धीरे उनका बिजनेस चलने लगा। 4 साल के भीतर सिकंदर ने अपना 6 लाख का कर्ज उतार दिया।

डेयरी फॉर्म में आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

आज सिकंदर की डेयरी फॉर्म में आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। मशीन से गाय दुही जाती हैं। उन्होंने इजरायल से आधुनिक मिल्किंग पार्लर और ऑटोमेटिक पैकिंग सिस्टम लगवाया है। इसकी लागत करोड़ों में आई है। पूरा सिस्टम मशीनों से चलता है। सिकंदर ने बताया कि उनकी डेयरी की असली ताकत उनकी गायें हैं। उनके फार्म में 140 गायें रोजाना दूध देती हैं। वहीं बा गर्भवती या नई बछड़ों वाली होती हैं।

रोजाना 3000 लीटर दूध की होती है बिक्री

आज उनके फार्म में रोजाना 3,000 लीटर दूध की बिक्री होती है। इसमें करीब 1500 लीटर दूध सीधे ग्राहकों को 60 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेचते हैं। बाकी वेरका और अमूल को 44 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से देते हैं। सिकंदर की इस मेहनत को देखते हुए गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी (GADVASU), लुधियाना ने उन्हें मुख्यमंत्री पुरस्कार 2025-26 से सम्मानित किया है। कुल मिलाकर सिकंदर ने अपनी मेहनत, समझदारी और तकनीक के इस्तेमाल से यह साबित कर दिया कि गांवों में भी करोड़ों का कारोबार खड़ा किया जा सकता है। आज सिकंदर की मेहनत युवाओं के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।

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