हैदराबाद। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने रविवार को कृष्णा म्यूजियम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (केएमआईटी) में आयोजित एक पुरस्कार समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। समारोह में गौ रक्षा और संरक्षण पर केंद्रित पुरस्कार वितरित किए गए, जहां रेड्डी ने गायों के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त की और वेदों का हवाला देते हुए उन्हें ‘ब्रह्मांड की माता’ करार दिया।

गोसेवा तेलंगाना विभाग के तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय तेलंगाना क्षेत्र गौ ज्ञान पुरस्कार समारोह का आयोजन हुआ। इस समारोह में रेड्डी ने कहा, “ग्रामीण परिवेश में पला-बढ़ा होने के कारण मेरे मन में गौ माता के प्रति विशेष सम्मान है। चरागाहों में स्वतंत्र विचरण करती गायों का दृश्य अनुभव करने वाले ही उसकी सुंदरता समझ सकते हैं।” उन्होंने वेदों का उद्धरण देते हुए बताया, “‘गौ विश्वस्य मातरः’ का अर्थ है कि गाय ब्रह्मांड की माता हैं। हमें इस कहावत को साकार करना चाहिए। गाय न केवल दूध देती हैं, बल्कि उनकी सांसें भी मनुष्य की आधी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करती हैं।” रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण दिया, जिन्होंने स्वयं कहा है कि वे घर पर गायें पालते हैं और तनाव दूर करने के लिए उनके साथ समय बिताते हैं। मंत्री ने गायों की वर्तमान दुर्दशा पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “कृषि योग्य भूमि और चरागाहों की कमी से गायों की स्वतंत्रता छिन गई है। वे अब संकरी जगहों में बंधी रहती हैं, जो उनके हक का उल्लंघन है।”

रेड्डी ने गौ रक्षा को पूरे समाज की जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि गौ उत्पादों जैसे घी के महत्व से लोग अनजान हैं। उन्होंने स्वयं गौ घी के उपयोग का जिक्र किया और बताया कि सऊदी अरब जैसे देश भी गौ अपशिष्ट से मिट्टी की उर्वरता बढ़ा रहे हैं। समारोह में रेड्डी ने गौ सेवा विभाग की सराहना की और कहा, “यह कार्यक्रम आने वाली पीढ़ियों के लिए गौ रक्षा का संदेश देगा। कई राज्य गौ रक्षा को सब्सिडी दे रहे हैं। गौ माता से नफरत या किसी धर्म से जोड़ना अनुचित है। शहरों में सड़कों पर प्लास्टिक खाने से गायें मर रही हैं, इसे रोकना जरूरी है।”

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