गुरु तेग बहादुरजी के बलिदान दिवस पर प्रमुख जत्थेदार, आचार्य लोकेश, स्वामी चिदानन्द आदि संतो ने सर्वधर्म सम्मेलन को संबोधित किया
सिख समाज का गौरवशाली इतिहास युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत – स्वामी चिदानन्द
दिल्ली सरकार के मंत्री मनिंदर सिंह सिरसा, कपिल मिश्रा व DSGMC के अध्यक्ष कालका ने सर्वधर्म संतों को सम्मानित किया
नई दिल्ली, 20 सितंबर 2025 : अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैन आचार्य लोकेशजी, अकाल तख्त के प्रमुख जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह जी, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वतीजी, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री श्री मंजिन्दर सिंह सिरसा, सांस्कृतिक मंत्री श्री कपिल मिश्रा, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष श्री हरमीत सिंह कालका, सहित विभिन्न धर्मों के गुरुओं ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी, गुरु सिख भाई मति दास जी, भाई दियाला जी के 350 वें शहीदी दिवस को समर्पित सर्वधर्म सम्मेलन को संबोधित किया |
दिल्ली सरकार के मंत्री श्री मंजिन्दर सिंह सिरसा एवं श्री कपिल मिश्रा ने सर्वधर्म संतों का स्वागत करते हुए कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा व अन्याय के विरुध्द जरूरतमंदों और कमज़ोरों की रक्षा करने का संदेश दिया उन्होंने दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष श्री कालका जी के साथ मिलकर सभी संतों का शाल ओढ़ाकर व प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया
विश्व शांतिदूत जैन आचार्य लोकेशजी ने कहा कि राष्ट्रीय एकता के लिए सर्वधर्म सद्भाव और संवाद आवश्यक है| उन्होंने कहा कि सभी को वसुधैव कुटुम्बकम् (विश्व एक परिवार है) के विचार को अपनाना चाहिए, विकास के लिए शांति आवश्यक है |
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर जी ने अपने विडियो संदेश में कहा कि सिख समाज का गौरवशाली इतिहास युवाओं के लिए प्रेरणा का स्तोत्र है | उनकी शिक्षाएं आज भी समानता, न्याय और सद्भाव के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरणा का स्थायी स्रोत हैं।
अकाल तख्त के प्रमुख जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघुबीर सिंह जी ने कहा कि देश की आन बान शान के लिए सिख समाज सदैव प्रथम पंक्ति में खड़ा रहा है |
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी को बलिदान को राष्ट्र कभी भुला नहीं सकता |
दिल्ली सरकार एवं दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी द्वारा आई.सी.ए.आर. कन्वेशन सेंटर नई दिल्ली में आयोजित सम्मेलन को गोस्वामी सुशील जी महाराज, बौद्ध धर्म से भिक्खु संघसेना जी, अजमेर दरगाह से सैयद सलमान चिश्ती, यहूदी धर्म से श्री इजेकील इसाक मालेकर, राजयोगिनी डॉ बिन्नी सरीन जी, श्री रवींद्र पंडिता जी, ईसाई धर्म से श्री अनिल थॉमस टूटू जी स्वामी भव्यतेज जी आदि ने भी संबोधित किया |