सर्वदेवमये देवि सर्वदेवैरलंकृते।
मातर्ममाभिलषितं सफलं कुरु नन्दिनि।।
गौ माता में हैं 33 कोटि देवताओं का निवास
वैदिक साहित्य के अनुसार जिन देवताओं का पूजन हम मंदिरों व तीर्थों में जाकर करते हैं। वे सारे देवता समूह रूप से गौ माता में विराजमान है। इसलिए पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ किसी भी कार्य की सिद्धि के लि नित्य गौ माता की सेवा करनी चाहिए। महाभारत में कहा गया है-
यत्पुण्यं सर्वयज्ञेषु दीक्षया च लभेन्नरः।
तत्पुण्यं लभते सद्यो गोभ्यो दत्वा तृणानि च।।
अर्थात् सारे यज्ञ करने में जो पुण्य है। सारे तीर्थ नहाने का जो फल मिलता है। वह फल गौ माता को चारा डालने से ही प्राप्त हो जाता है।